महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम की जीत का जश्न अभी भी जारी है. देश के करोड़ों क्रिकेट फैन्स का एक अधूरा सपना पूरा हुआ, जो अबतक कई बार टूट चुका था. ये सपना सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों का ही नहीं था. उन तमाम महिला क्रिकेटर्स का भी था जिन्होंने अपना पूरा करियर इस ट्रॉफी के लिए लड़ते हुए निकाल दिया मगर इसे छू नहीं पाईं.
इनमें से एक नाम झूलन गोस्वामी का भी है. भारत ने वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीती, तो महिला क्रिकेट के सपोर्टर्स का एक बड़ा सपना पूरा हुआ. मगर झूलन के फैन्स का एक सपना अभी भी अधूरा है, उनकी कहानी बड़े पर्दे पर देखना. एक वक्त था जब ये सपना पूरा होने के बहुत करीब था लेकिन फिर खबरों में बनी हुई ये फिल्म जैसे हवा में गायब हो गई.
महिला क्रिकेट की आइकॉन- झूलन गोस्वामी
दाएं हाथ की तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी, भारतीय महिला क्रिकेट ही नहीं, इंटरनेशनल क्रिकेट में एक आइकॉन का दर्जा रखती हैं. 20 साल भारतीय टीम को देने वालीं झूलन, महिलाओं के वनडे इंटरनेशनल मैचों में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली क्रिकेटर हैं. झूलन, भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप खेल चुकीं खिलाड़ियों में से एक हैं. लगभग दो बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी के बेहद करीब पहुंचकर, उसे ना छू पाने की टीस झूलन को कैसी थी ये रविवार के फाइनल में उनकी कमेंट्री से ही पता चल रहा था. जब भारत ने फाइनली ये मैच जीता तो वो कमेंट्री बॉक्स में खुशी से उछल रही थीं, उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे.
पश्चिम बंगाल के चकदाहा से आने वालीं झूलन को 'चकदा एक्सप्रेस' भी बुलाया जाता है. और यही उनकी उस बायोपिक का टाइटल भी था, जिसमें अनुष्का शर्मा काम कर रही थीं. ये फिल्म बननी शुरू भी हुई थी, झूलन के रोल में अनुष्का का पोस्टर भी आया था. अनाउंसमेंट वीडियो तक शेयर किया गया था. मगर फिर अचानक ये फिल्म कहीं गायब हो गई.
बनते-बनते कैसे गायब हुई झूलन की बायोपिक?
झूलन गोस्वामी की बायोपिक अपने आप में एक केस स्टडी है कि कैसे कई बार दमदार फिल्में बननी शुरू तो होती हैं मगर दर्शकों के सामने नहीं पहुंच पातीं. और इसकी वजह होती है मेकर्स के आपसी पंगे. झूलन गोस्वामी की बायोपिक करीब 8 साल पहले, पहली बार खबरों में आई थी. मगर आजतक इसे बड़े पर्दे पर देखना एक सपना ही है. चलिए बताते हैं इन 8 सालों में क्या क्या हुआ...
2017: पहली बार अनाउंस हुआ था कि भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक की तरह, झूलन पर भी बायोपिक बनेगी. बंगाली फिल्में बना चुके डायरेक्टर सुशांत दास ने 'चकदाहा एक्सप्रेस' नाम से फिल्म अनाउंस की. उन्होंने अगले साल यानी 2018 में, शूट शुरू करने की बात कही. सुशांत ने ये भी कहा कि इसका शूट चकदाहा से लंदन तक होगा. मगर फिर कई साल ये प्रोजेक्ट डेवलपमेंट में ही रहा.
जनवरी 2020: अनुष्का शर्मा और झूलन गोस्वामी कोलकाता के ईडन गार्डेन्स मैदान पर एक प्रोमो वीडियो जैसा कुछ शूट करते नजर आए. कयास लगाए गए कि शायद अनुष्का शर्मा, झूलन की बायोपिक कर रही हैं और ये उनकी कमबैक फिल्म होगी. डिटेल्स में पता चला कि ये क्लीन स्लेट फिल्म्स के को-प्रोडक्शन में बन रही है, जिसे अनुष्का शर्मा और उनके भाई करणेष शर्मा चलाते हैं. सुशांत दास की जगह डायरेक्टर की कुर्सी पर प्रोसित रॉय आए, जो अनुष्का की होम प्रोडक्शन फिल्म 'परी' भी डायरेक्ट कर चुके थे. अब प्रोजेक्ट का नाम थोड़ा सा बदलकर हो गया 'चकदा एक्सप्रेस'.
मार्च 2020: फिल्म अनाउंस होने के कुछ महीने बाद ही कोविड 19 महामारी आ गई और लॉकडाउन लग गया. लॉकडाउन के बीच अनुष्का ने अपनी प्रेगनेंसी अनाउंस कर दी और 2021 में वो मां बनीं.
2021: खबरें आनी शुरू हुईं कि अब अनुष्का इस बायोपिक के लिए प्रेप वर्क शुरू कर चुकी हैं. मगर तबतक फिल्म का मुख्य प्रोडक्शन हाउस ही इस प्रोजेक्ट को छोड़ चुका था.
2022: प्रोजेक्ट में नई जान आई, जब अनुष्का की कंपनी को साथ मिला नेटफ्लिक्स का. जनवरी 2022 में नेटफ्लिक्स ने एक वीडियो के साथ 'चकदा एक्सप्रेस' ऑफिशियली अनाउंस की, जिसमें अनुष्का शर्मा नजर आ रही थीं. मार्च में अनुष्का ने खुद अपनी प्रोडक्शन कंपनी से छुट्टी ले ली और सारा काम अपने भाई को सौंप दिया. जून में खबर आई कि फिल्म का शूट शुरू हो चुका है. दिसंबर में अनुष्का ने इंस्टाग्राम पोस्ट में शूट खत्म होने की अनाउंसमेंट शेयर की. मगर इसके बाद फिल्म गायब ही हो गई.
कहां और कैसे अटकी झूलन गोस्वामी की बायोपिक?
इसी साल 'चकदा एक्सप्रेस' के राइटर अभिषेक बैनर्जी ने द हॉलीवुड रिपोर्टर को बताया कि फिल्म के अटकने की पहली वजह वो अनाउंसमेंट वीडियो था, जो नेटफ्लिक्स ने शेयर किया था. उनका कहना था कि ये टीजर अनुष्का शर्मा के लुक टेस्ट की फुटेज से बना था, जो उन्होंने एक एजेंसी के लिए दिया था. इसका फिल्म से कोई लेना देना नहीं था. मगर इसे बहुत खराब रिस्पॉन्स मिला और चीजें गड़बड़ होने लगीं.
मार्च 2023 में खबर आई कि क्लीन स्लेट फिल्म्स और नेटफ्लिक्स ने अपनी पार्टनरशिप खत्म कर ली है. 'बुलबुल', 'कला' जैसी फिल्में और 'कोहरा' जैसा शो दे चुकी इस पार्टनरशिप का अंत फैन्स को भी बुरा लगा. इसकी कोई ऑफिशियल वजह नहीं सामने आई. लेकिन रिपोर्ट्स में 'क्रिएटिव डिफ़रेंस' और 'बजट का मसला' बताया गया. इस पार्टनरशिप के टूटने से क्लीन स्लेट फिल्म्स की 'चकदा एक्सप्रेस' और सीरीज 'अफगान स्नो' अटक गईं. 'अफगान स्नो' में विजय वर्मा और तृप्ति डिमरी ने काम किया है.
अपनी बायोपिक देखकर भावुक हो गई थीं झूलन
'चकदा एक्सप्रेस' बनकर तैयार है. फिल्म के एडिटर मानस मित्तल ने द हॉलीवुड रिपोर्टर को बताया है कि वो झूलन को फिल्म दिखा भी चुके हैं. उन्होंने कहा, 'हमारी सबसे बड़ी जीत ये है कि हमें झूलन दी को फिल्म दिखाने का मौका मिला. फिल्म देखकर उन्हें आंसू आ गए थे. मैंने उन्हें कहा- हमें उम्मीद है कि हमने, अगर आपके साथ नहीं तो, कम से कम इस खेल के साथ पूरा न्याय किया है. हमने जिस तरह क्रिकेट को दिखाया है उसपर उन्हें गर्व था. ये मेरा सबसे बड़ा हासिल है.'
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की वर्ल्डकप जीत के बाद, धर्मा फिल्म्स के क्रिएटिव हेड सोमेन मिश्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट में 'चकदा एक्सप्रेस' को याद किया. उन्होंने कहा कि ये इस फिल्म को रिलीज करने का परफेक्ट टाइम है. इसमें अनुष्का की परफॉरमेंस पर सोमेन ने कहा कि ये 'बड़े आराम से उनके करियर की बेस्ट परफॉरमेंस कही जा सकती है.'
डायरेक्टर नवजोत गुलाटी ने भी सोमेन का पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि 'ये एक जेम है जो दर्शकों द्वारा देखा जाना डिजर्व करती है.' मगर अब दिक्कत ये है कि चूंकि क्लीन स्लेट फिल्म्स ने 'चकदा एक्सप्रेस', नेटफ्लिक्स के साथ मिलकर बनाई है इसलिए वो अकेले इस फिल्म का कुछ कर नहीं सकते. या तो अब वो नेटफ्लिक्स से पूरी तरह फिल्म खरीदें तभी अकेले इसका कंट्रोल उनके हाथ में आएगा.
फिल्म बिजनेस में फीमेल ओरिएंटेड फिल्मों पर वैसे भी कम दांव खेला जाता है. ऐसी फिल्मों के आगे वैसे भी कई स्पीड ब्रेकर आते रहते हैं. महिला क्रिकेट को, पुरुष क्रिकेट के मुकाबले लाइमलाइट भी कम ही मिली है. ये भी 'चकदा एक्सप्रेस' में मेकर्स के गायब होते इंटरेस्ट की वजह हो सकती है.
मगर अब भारतीय महिला क्रिकेट टीम की वर्ल्ड कप जीत के बाद माहौल बदला है. लाइमलाइट महिला क्रिकेटरों पर है. ऐसे में महिला क्रिकेट की आइकॉन झूलन पर बनी 'चकदा एक्सप्रेस' के लिए परफेक्ट मंच तैयार है. देखना है कि इस आइकॉन की कहानी स्क्रीन पर लाने के लिए कहीं से कोई इनिशिएटिव लेता है या नहीं.
सुबोध मिश्रा