'विधायक बनने के लिए कितना गिरोगी' ज्योति सिंह से बोले पवन सिंह, छलका दर्द

पवन सिंह और ज्योति सिंह के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद ने नया मोड़ लिया है. ज्योति सिंह ने पवन सिंह पर आरोप लगाए और सुसाइड की धमकी दी. वहीं अब पवन सिंह ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा है.

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 ज्योति सिंह संग विवाद पर पवन सिंह ने तोड़ी चुप्पी (PHOTO: Screengrab) ज्योति सिंह संग विवाद पर पवन सिंह ने तोड़ी चुप्पी (PHOTO: Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 08 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:38 PM IST

पवन सिंह और ज्योति का पारिवारिक कलेश पब्लिक हो चुका है. ज्योति सिंह लगातार पवन सिंह पर आरोप लगा रही हैं और सुसाइड की धमकी दे रही हैं. मामला ज्यादा बिगड़ता इससे पहले पवन सिंह ने मीडिया के सामने आकर बात की. पावर स्टार मुद्दे का दूसरा सच बयां किया है. 

क्या बोले पवन सिंह
पत्नी संग चल रहे विवाद पर पवन सिंह ने कहा कि ज्योति सिंह इंस्टा पर पोस्ट करती हैं कि मैं आपसे मिलने लखनऊ आ रही हूं. मैं उनके विचार को अच्छे से जानता हूं. मैंने प्रशासन में सूचना दिया कि ऐसी-ऐसी बात है. हम लोग खाना खा रहे थे कि मेरे बड़े भाई धंनजय ने मुझे बोला कि ज्योति सिंह के भाई से बात कर लूं.  मैंने बोला कि भाई थोड़ा मन ठीक नहीं लग रहा है. उनसे बोलो कि एक-दो दिन बाद आएं. 

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नींद में ही था कि मेरा भाई आता है और बोलता है कि ज्योति सिंह आई हैं. तलाक का केस हमारी तरफ से आरा से चल रहा है. मेंटिनेस का केस ज्योति सिंह की तरफ से बलिया से चल रहा है. ज्योति सिंह मैं आपसे इतना कहना चाहता हूं कि अगर मैं आपसे मिलना नहीं चाहता, तो क्या आप मुझसे मिल पातीं. फिर भी हम रेडी हुए. मेरा छोटा भाई ऋतिक और धंनजय आए. हम लोग फ्लैट पर मिले. ज्योति अपने भाई और बड़ी बहन जूही के साथ थीं. 

भगवान जानते हैं सच 
पवन सिंह ने आगे कहा कि मेरा ज्योति सिंह के साथ व्यवहार कैसा रहा है. ये मैं, वो और मेरा भगवान जानता है. ज्योति ने कहा कि जब तक तलाक का मैटर खत्म नहीं हो जाता यहां से नहीं हिलूंगी. मैंने कहा कि एक ही छत के नीचे रहकर केस लड़ा जाता है क्या. मुझे लगा कि यहां कुछ गड़बड़ होने वाली है. मैंने  स्टाफ से कहा कि मैडम से पूछो क्या खाएंगी. वही बना दो. मैं उठा मैंने कहा कि मैं मीटिंग में जा रहा हूं. धंनजय से कहा कि आप इनसे बात करिए कि ये क्या चाहती हैं. 

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छलका पवन सिंह का दर्द
पावर स्टार कहते हैं कि मीटिंग खत्म हुई, तो दो घंटे बाद मोबाइल मेरे हाथ में आया. मुझे फोन आया कि भइया घर पर ऐसे-ऐसे हो गया. मैंने सोचा कि अभी घर पर जाना ठीक नहीं है. मैं पूरी रात रोड पर रहा. अगले दिन मैडम वहां से गईं. मैं ये कहना चाहता हूं कि आप जो अपने पति के लिए अपनापन दिखा रही हैं. ये अपनापन चुनाव से 5 महीने पहले क्यों नहीं दिखा. या चुनाव के दो महीने बाद क्यों नहीं दिखा. ये आज ही क्यों दिख रहा है. वहा रे अपनापन. 

ज्योति सिंह के पिता लखनऊ आते हैं. वो कहते हैं कि हमारी बेटी को विधायक बना दीजिए. उसके बाद आपको उसके साथ रहना हो तो रहिएगा. वरना छोड़ दीजिएगा. विधायक बनने के लिए कितना गिरोगी. आपको गिरना है, तो गिरिए. मैं मर्यादा के बाहर नहीं जा सकता. सबके आशीर्वाद से दुनिया पवन सिंह को पावर स्टार बोलती है. 

10 घंटे 15 घंटे मेहनत करता हूं. जब घर लौटता हूं, तो लगता है कि मेरा बेटा या बेटी दरवाजा खोले. दरवाजा मेरा स्टाफ खोलता है या मेरी बूढ़ी मां खोलती है. इसके बाद हम लोग घर पर एंट्री करते हैं. मित्र, भाई और स्टाफ मिलकर खाना बनाते हैं, खाते और सो जाते हैं. मैं भी इंसान हूं. थक जाता हूं कभी-कभी. आंसू गिर जाता है. दुनिया को दिख जाता है. मर्द का दर्द दुनिया को नहीं दिखता है. एक बात और जो लोग इस मैटर में मजे ले रहे हैं, उन्हें मैं इतना बता दूं कि फैमिली की बात कैमरे पर नहीं, कमरे में होती है. 

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