भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले बागी नेताओं को सस्पेंड कर दिया है. प्रदेश के आदिवासी मोर्चा अध्यक्ष हर्षद वसावा, बड़ोदरा के वाघड़िया के दबंग नेता मधु श्रीवास्तव समेत कई नेताओं ने पार्टी के घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ आवाज उठाई थी और निर्दलीय नामांकन का ऐलान किया था.
बीजेपी ने जिन नेताओं को सस्पेंड किया है उनमें हर्षद वसावा, मधु श्रीवास्तव के साथ पादरा के दिनु पटेल, पंचमहल जिले के खतू पगी, महीसागर जिले के एमएस खाट, आणंद जिले के अमरसिंह झाला, अरवल्ली से धवल सिंह झा, महेसाणा जिले से रामसिंह ठाकोर, बनास काठा से मावजी देसाई, लेब्जी ठाकोर शामिल हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल का कहना है कि इन नेताओं ने पार्टी नियमों का उल्लंघन किया था, जिसकी वजह से इन्हें सस्पेंड किया है.
पंचायत चुनाव से पहले भी बने थे ऐसे हालात
विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी में जैसे हालात अभी हैं, ऐसे ही हालात पंचायत चुनाव से पहले भी बने थे. उस दौरान भी कई नेताओं ने पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और कई नेता ऐसे थे, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे. उन्हें भी पार्टी ने 6 साल के लिए सस्पेंड किया था, लेकिन अब उन्हें वापस ले लिया गया है.
कई नेताओं को 6 साल के लिए गया था सस्पेंड
छोटा उदयपुर जिले के अध्यक्ष रहे रश्मि वसावा कथित तौर पर शराब के नशे में मंत्री के सामने एक कार्यक्रम में आए थे और उनका यह वीडियो वायरल हुआ तब उनको पद से हटा दिया गया था. ऐसे ही गुजरात स्टेट रोड एंड ट्रांसपोर्ट विभाग के डायरेक्टर रहे जशु भील पर नौकरी देने के लिए पैसे लेने का आरोप लगा था और इसका वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसके बाद पार्टी से उन्हें 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया था. इसी तरह बॉडली APMC के चेयरमैन, संखेड़ा के सरपंच नितिन शाह ये सब जिला तालुका पंचायत के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ जाकर कांग्रेस के फेवर में काम किया था, जिसकी वजह से उन सभी को सस्पेंड किया गया था, लेकिन इन सभी नेताओं को अब बीजेपी की टोपी पहनाकर पार्टी में शामिल किया जा रहा है.
पंचायत चुनाव से पहले सस्पेंड नेता अब कर रहे प्रचार
बीजेपी के ये नेता अब प्रचार करते हुए दिख रहे हैं. दरअसल बीजेपी का लक्ष्य इस बार चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना है. इसकी वजह से पार्टी ने जिन नेताओं को 6 साल के लिए सस्पेंड किया था, उन्हें कुछ ही महीनों में वापस ले रही है और उन्हें प्रचार के लिए भी लेकर जा रही है. नर्मदा जिले के बीजेपी संगठन प्रभारी सतीश पटेल ने कहा कि विधानसभा के चुनाव में पार्टी के खिलाफ जाने वाले नेताओं को सस्पेंड किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने सस्पेंड किए गए नेताओं को वापस लेने के मामले पर कहा कि पार्टी अनुशासन तोड़ने वाले नेताओं को दोबारा इसलिए वापस ले रही है क्योंकि चुनाव जीतने के लिए इनकी जरूरत है. अब सवाल ये उठता है कि क्या 2024 में लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी इस साल विधानसभा के चुनाव बगावत करने वालों को वापस ले सकती है?
नरेंद्र पेपरवाला