आपके पिता को ही बालियान ने हराया था, अब आप बगल में बैठे हैं? सवाल पर जयंत चौधरी ने क्या जवाब दिया... Exclusive इंटरव्यू

मुजफ्फरनगर सीट पर रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने मोर्चा संभाल लिया है और वो बीजेपी उम्मीदवार संजीव बालियान के समर्थन में वोट मांग रहे हैं. समय-समय की बात है. 2019 के चुनाव में बालियान ने इसी सीट पर जयंत के पिता चौधरी अजीत सिंह को हराया था. इस चुनाव में बीजेपी-आरएलडी साथ-साथ है. इसलिए दोनों नेताओं ने कहा कि पश्चिमी यूपी में जीत की नई इबारत लिखी जाएगी.

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आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने मुजफ्फरनगर से बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में रोड शो किया. आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने मुजफ्फरनगर से बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में रोड शो किया.

प्रीति चौधरी

  • मुजफ्फरनगर,
  • 11 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

लोकसभा चुनाव में यूपी की मुजफ्फरनगर सीट से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान पर तीसरी बार दांव लगाया है. इस बार राष्ट्रीय लोकदल भी एनडीए अलायंस का हिस्सा है. शुक्रवार को संजीव बालियान के समर्थन में RLD प्रमुख जयंत चौधरी ने रोड शो किया और बीजेपी के समर्थन में वोट मांगे. दोनों नेताओं ने साथ आकर वोटर्स और कार्यकर्ताओं को भी संदेश दिया. इस दौरान बालियान और जयंत चौधरी ने आजतक से खास बातचीत की है. जयंत ने कहा, यहां एकतरफा चुनाव है. मैंने अपने राजनीतिक अनुभव में ऐसा चुनाव पहली बार देखा है. लोगों ने एनडीए के प्रति अपना मन बना रखा है. 

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बता दें कि 2019 के आम चुनाव में संजीव बालियान ने जयंत चौधरी के पिता दिवंगत चौधरी अजीत सिंह को हराया था. बालियान ने 6,000 से कम वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. मुजफ्फरनगर सीट पर बालियान और चौधरी परिवार को कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंदी माना जाता था. लेकिन इस बार समीकरण बदले और जयंत चौधरी ने सपा गठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए का हिस्सा बन गए. केंद्र की बीजेपी सरकार ने जयंत के दादा और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया है. ये सम्मान जयंत चौधरी ने लिया. आम चुनाव में मुफ्फरनगर सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग है.

'दोनों साथ मिल गए, अच्छा करके दिखाएंगे'

जयंत चौधरी ने कहा, बीजेपी और आरएलडी के कार्यकर्ता बहुत आत्मविश्वास के साथ जमीन पर मिलकर काम कर रहे हैं. 2019 में पिता के हारने के सवाल पर जयंत ने कहा, जब नंबर वन और नंबर टू मिल जाएंगे, जो मुख्य प्रतिद्वंदी थे और आमने-सामने खड़े थे, अब वो हाथ मिलाकर साथ चलेंगे तो गति के साथ चलेंगे और कुछ अच्छा करने के लिए चलेंगे.

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'मुझे ताकत देने वाले कार्यकर्ता अलायंस को वोट करेंगे'

बीजेपी को आरएलडी का वोट ट्रांसफर होने के सवाल पर जयंत ने आगे कहा, राजनीति में गठबंधन का निर्णय इसलिए लिया जाता है कि आपके कार्यकर्ता, आपके मुद्दे और आपके वोट ट्रांसफर होना चाहिए. अगर आप ना वोट ले पा रहे हैं और ना वोट दे पा रहे हैं तो आपसे कोई अलायंस ही क्यों करेगा? वर्कर्स इस बात को अच्छी तरह समझता है कि पार्टी के मुद्दे आगे हों और अगर वो मुझे ताकत देना चाहेगा तो जहां हम लोगों ने फैसला लिया है, वहां उसके पक्ष में मतदान करेगा और लोगों से करवाएगा. जहां हम लोग लड़ रहे हैं, वहां मजबूती से लड़ेगा और जहां बीजेपी लड़ रही है, वहां उसको लड़ाएंगे.

'मोदीजी के तीसरे कार्यकाल में किसानों के लिए काम होंगे'

जयंत का कहना था कि कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती है. हम लोग मुद्दों पर राजनीति करते हैं. हमारे मुद्दे कैसे आगे बढ़ें और पूरे किए जाएं? लोकदल का कोर वोटर किसान वर्ग है और हम किसानों के लिए अच्छा करना चाहते हैं. इसे ऐसे देख सकते हैं कि केंद्र सरकार ने देश का सबसे बड़ा अवॉर्ड (भारत रत्न) चौधरी चरण सिंह को देकर अपनी किसानों के प्रति इच्छा शक्ति दिखाई है और किसानों के लिए अपनी सोच, विजन और प्लान को प्रदर्शित किया है. सरकार के अच्छे कामों की वजह से आज लाभार्थी सीधे फायदा उठा रहे हैं. पहले कागज में योजना अच्छा लगती थी, लेकिन वो जमीन पर नहीं दिखती थी. आज जमीन पर योजनाएं पहुंच रही हैं. इसे हमारे वर्कर्स भी खुलकर कहते थे. जहां कोई कमी रही हो, अब हम लोग साथ हैं. यूपी से लेकर केंद्र सरकार तक साथ हैं. हम 400 पार के लक्ष्य को पूरा करेंगे और मोदी जी तीसरे कार्यकाल में किसानों के लिए और अच्छा काम करेंगे.

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'अलायंस के फैसले पर कोई मलाल नहीं है'

जयंत ने कहा, रणनीति के साथ फैसले लिए जाते हैं. वो भी राजनीति और रणनीति होती है. जिस नेता के पास कोई नीति और विजन नहीं है. भविष्य की संभावनाएं नहीं देख पा रहा है, वो किसी लायक नहीं है. मेरी पार्टी के कार्यकर्ता मुझसे उम्मीद करते हैं कि मैं राजनीतिक फैसले ऐसे लूं, जिससे हम लोग सत्ता में शामिल हों और समस्याओं के समाधान निकाल सकें. इसलिए हमने साथ आने का फैसला लिया है. कोई मलाल नहीं है. हमारा कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है. इससे पहले 2009 में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ चुका हूं. समाजवादी पार्टी के साथ काम किया है. जो वैचारिक होगा, वही लंबे समय तक साथ चल सकेगा. सपा जिस तरह से फैसले ले रही है, उससे मुझे उसका कोई भविष्य नहीं दिख रहा है. वो अब तक एक सभा नहीं कर पाए हैं. वोटिंग का वक्त नजदीक आ गया है. सपा हमारे अलायंस के बारे में टेंशन ना ले.

'मुस्लिम वर्ग हमारे साथ खड़ा है'

मुस्लिम वोटर्स को लेकर जयंत ने कहा, कैराना में मीटिंग करके लौटा हूं. वहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज समर्थन में खड़ा था. मैंने उनके लिए हमेशा किया है और आगे भी करते रहेंगे. हमारी पार्टी में मुस्लिम वर्ग से जुड़े वर्कर्स और नेता भी हैं. मैंने अपने सभी विधायकों से कहा है कि 51 प्रतिशत अपनी निधि अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यकों के विकास कार्यों में खर्च की जाए.

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'लोकदल और मोदीजी को प्यार करते हैं लोग'

वहीं, एक समय चौधरी परिवार के खिलाफ होने के सवाल पर संजीव बालियान ने कहा, यहां के किसान भी चाहते थे कि हम दोनों की पार्टियां एक साथ चुनावी मैदान में आएं. यहां का किसान और अन्य बड़ा वर्ग लोकदल को दिल से प्यार करता है. चूंकि चौधरी चरण सिंह यहां एक ऐसे नायक हैं, जिन्हें लोग अपने भगवान के बराबर दर्जा देते हैं. इसलिए यहां के लोग लोकदल को भी प्यार करते हैं और मोदीजी को भी प्यार करते हैं. ग्राउंड पर जनता की भावनाएं यही थीं कि दोनों दलों को एक हो जाएं.

'गांवों में सालों पुराने झगड़े खत्म हुए, मिलकर फैसले ले रहे लोग'

आरएलडी को साथ लेने के सवाल पर बालियान ने कहा, समीकरण और परिस्थिति को ध्यान में रखा जाता है. चौधरी चरण सिंह बहुत बड़े नेता था. मैं यह बात उनके सामने भी हमेशा यही कहता था. मैं आपके सामने कुछ नहीं था. आपको इस अलायंस की मजबूती जमीन पर देखना है तो गांवों में जाकर देखना होगा. दोनों पार्टियों के झंडे लगाए वाहन इसके गवाह हैं. सब लोग एक साथ हैं. अलायंस होने से गांव के विवाद भी समाप्त हुए हैं. बहुत से ऐसे गांव थे, जहां सालों से राजनीतिक विवाद चल रहे थे. अलायंस होते ही एक मिनट नहीं लगा और दोनों पार्टियों से जुड़े लोग एक साथ आ गए. पिछले कुछ दिन से किसी गांव में कोई विवाद नहीं हुआ. सब लोग एक साथ बैठते हैं और सामूहिक फैसले लेते हैं. सारे विवाद सुलझा लिए हैं. सब एक ही परिवार के हिस्सा हो गए हैं. अलायंस का असली फायदा गांव स्तर पर हुआ है. सारे झगड़े खत्म हो गए हैं. सब लोग भाईचारे से रहने लगे हैं. लोग भी चाहते हैं कि बदलाव हो और विकास कार्य हों.

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'मुजफ्फरनगर में मुस्लिम समाज भी बीजेपी को वोट देगा'

संजीव बालियान ने आगे कहा, लोकदल के साथ आने के बाद किसानों के मुद्दे ज्यादा मजबूती के साथ सरकार के सामने रखे जाएंगे और उन मुद्दों का हल किया जाएगा. लोकदल के साथ आने के बाद बड़ा परिवर्तन हुआ है. आरएलडी में बड़ी संख्या में मुस्लिम वर्ग भी जुड़ा था और लगाव रखते थे. मुझे ऐसा पहली बार लग रहा है कि यहां मुस्लिम समाज का भी बड़ी संख्या में वोट बीजेपी के पक्ष में जा रहा है. आप मुस्लिम बहुल गांवों में जाकर पता कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि पहले नल चलेगा और पानी आएगा, उससे कमल खिल जाएगा.


 

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