हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी के एक बागी नेता कृपाल परमार का ऑडियो वायरल हो गया था. इस शख्स ने बीजेपी से बगावत कर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी. बीजेपी नेतृत्व के समझाने के बावजूद इस शख्स ने चुनावी मैदान से हटने से इनकार कर दिया था. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर इस शख्स से कहा था कि वो चुनाव न लड़े.
पर इस शख्स ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ ही बगावत कर दिया और हिमाचल प्रदेश के फतेहपुर सीट से चुनावी जंग में उतर गया. लेकिन इस चुनाव में इस शख्स का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा. इस व्यक्ति का पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ना जनता को पसंद नहीं आया है. इस शख्स को मामूली वोट मिले हैं. हालांकि ये सीट बीजेपी हार गई है. यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत हुई है.
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इस सीट पर कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया को 33238 वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी के राकेश पठानिया को 25884 वोट मिले हैं. इस तरह से इस सीट से कांग्रेस के भवानी सिंह पठानिया ने बीजेपी के राकेश पठानिया को 7354 वोटों से मात दी है.
अगर बागी कृपाल परमार की बात करें तो उन्हें इस सीट पर कुल 2811 वोट मिले हैं. उन्हें यहां पड़े कुल वोटों का 4.38 फीसदी मत मिला है. अगर बीजेपी के राकेश पठानिया और कृपाल परमार के वोटों को जोड़ भी दें तो ये आंकड़ा कांग्रेस कैंडिडेट को मिले वोटों तक नहीं पहुंचता है.
जब PM मोदी ने BJP के बागी नेता को किया फोन, कहा- पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ ना लड़ें चुनाव
इस तरह पीएम की अपील को ठुकराकर चुनाव लड़ने वाले कृपाल परमार बीजेपी को बहुत नुकसान नहीं पहुंचा सके हैं.
कृपाल परमार राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. नवबंर 2021 में उन्होंने बीजेपी से त्यागपत्र दे दिया था. इस साल नवंबर में पीएम मोदी जब हिमाचल दौरे पर थे तो उन्होंने इस बात की जानकारी मिली. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृपाल परमार को पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव न लड़ने को कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि वे जिन मुद्दों को उठा रहे हैं उन पर गौर किया जाएगा. पीएम मोदी से फोन पर बातचीत के दौरान कृपाल परमार भी पीएम मोदी से ये कहते सुने गए हैं कि बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पिछले 15 साल से उन्हें जलील कर रहे हैं.
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