Chhattisgarh Election Results: राम की राजनीति में शरण तलाश रहे भूपेश बघेल को 'महादेव' ने निपटा डाला

Chhattisgarh Results: छत्तीसगढ़ की सियासी तस्वीर साफ हो गई. चुनावी नतीजों में भूपेश बघेल को हार का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी की हिन्दुत्व कार्ड की काट ढूंढ़ते हुए भूपेश बघेल ने राम की शरण ली थी और अपनी राजनीति को उसी दिशा में लेकर जा रहे थे. तभी उनका सामना 'महादेव' हुआ इस कहानी में ट्विस्ट आ गया.

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भूपेश बघेल भगवान राम की पूजा करते हुए (फोटो-CG GOV) भूपेश बघेल भगवान राम की पूजा करते हुए (फोटो-CG GOV)

पन्ना लाल

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Election Results) में 'राम' और 'महादेव' शब्द गूंजते रहे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी के हिन्दुत्व कार्ड की काट के लिए कांग्रेस का वही पुराना सॉफ्ट हिन्दुत्व का कार्ड चला. भूपेश बघेल ने राम का सहारा लिया. कांग्रेस राम पथ गमन के सहारे आगे की चुनावी यात्रा पार करना चाह रही थी.

यहां तक तो ठीक था, लेकिन जिस मौके पर चुनावी दुदुंभी घनघना रही थी उसी समय भूपेश बघेल के 'राम' 'महादेव' से टकरा गए. इस टकराव ने उस भूपेश बघेल को निपटा डाला जो न सिर्फ छत्तीसगढ़ में अपनी दूसरी पारी तलाश कर रहे थे बल्कि 10 जनपथ के क्लोज सर्किल में अपना बड़ा रोल देख रहे थे. 

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छत्तीसगढ़ प्रचंड रूप से हिंदू बहुल राज्य है. यहां हिन्दुओं की आबादी 96 फीसदी तक है. छत्तीसगढ़ की सीमाएं एमपी और यूपी जैसे राज्यों से भी मिलती है. जहां वैसी ताकतें राज कर रही हैं जो हिन्दुत्व के बैज को गर्व पूर्व धारण करती हैं. ऐसे माहौल में जब 2018 में भूपेश बघेल सीएम बने तो उन्होंने तुरंत ही भांप लिया कि वे हिन्दुत्व की राजनीति से ज्यादा दूरी नहीं बना सकते. इसलिए बघेल ने छत्तीसगढ़ में अपने ब्रांड के हिन्दुत्व की राजनीति करनी शुरू कर दी. 

गाय, गौमूत्र, गोबर बने बघेल ब्रांड की राजनीति के प्रतीक

भूपेश बघेल ने गाय, गोमूत्र, गोबर जैसे उन मुद्दों को उठाया जिस पर बीजेपी फ्रंटफूट पर राजनीति करती थी. बघेल ने इन सभी मुद्दों को लपक लिया. उन्होंने राज्य में गौपालकों से गोबर खरीदना शुरू कर दिया.ये कदम किसानों और गौपालकों के लिए आमदनी का जरिया बन गया. इसके बाद उन्होंने गौमूत्र खरीदने की घोषणा कर दी. सीएम ने कहा कि गौमूत्र की प्रोसेसिंग कर उसका प्रयोग दवा बनाने में किया जाएगा. सरकार का ये कदम महिलाओं के लिए आमदनी का स्रोत बन गया. इन योजनाओं की मदद से बघेल ने अपनी छवि सबसे बड़े गौ हितैषी के रूप में स्थापित कर ली. और बीजेपी से ये एजेंडा छीन लिया. 

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हिन्दुओं के नायक भगवान राम पर फोकस

इसके बाद भूपेश बघेल ने हिन्दुओं के नायक भगवान राम पर फोकस किया. अगर बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर बनाने का श्रेय ले रही थी तो बघेल ने अपने राज्य में राम की विरासत खोजी और उसे विकसित करना शुरू कर दिया. सीएम बघेल ने  7 अक्टूबर, 2021 को भगवान राम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को दुनिया के पर्यटन मैप पर लाने की महात्वाकांक्षी योजना शुरू की. इसके लिए उन्होंने राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना की शुरुआत की. इसकी शुरुआत माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में की गई. राम वन गमन वो स्थान हैं जहां से होकर भगवान राम वनवास काल में गुजरे थे.

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बता दें कि बीजेपी वाराणसी में काशी कॉरिडोर, उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर और मथुरा में वृंदावन कॉरिडोर विकसित करने का श्रेय ले रही है. इसी के जवाब में भूपेश बघेल ने इस प्रोजेक्ट को शुरू किया. 

वोट डालने से पहले पूजा करते CM भूपेश बघेल (फोटो-पीटीआई)

मुख्यमंत्री ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ का खूब प्रचार किया. उन्होंने कहा कि ये सर्किट कोरिया ज़िले के सीतामढ़ी में हरचौका से लेकर सुकमा के रामाराम तक लगभग 2260 किलोमीटर का होगा. हालांकि छत्तीसगढ़ में इसकी लंबाई लगभग  528 किलोमीटर है. 

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राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना में सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाज़ार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) का 133 करोड़ रुपये की लागत से विकास किया जा रहा है. 

मां कौशल्या की मंदिर का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण 

सीएम बघेल ने भगवान श्रीराम के ननिहाल पर फोकस किया. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम के ननिहाल के रूप में संपूर्ण विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है. उन्होंने कौशल्या माता मंदिर के जीर्णोद्धार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए 15 करोड़ रुपये सैंक्शन किए. इसके अलावा   मुख्यमंत्री ने चंदखुरी में भगवान श्रीराम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. 

कृष्ण भगवान पर भी बघेल की नजर 

राम तो राम सियासी किस्मत चमकाने के लिए भूपेश बघेल भगवान कृष्ण के शरण में भी गए. इसके तहत उन्होंने 19 अगस्त, 2022 को भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के अवसर पर कृष्ण कुंज योजना की शुरूआत की. इस योजना के तहत तहत बरगद,पीपल,नीम,कदंब और फलदार पौधे लगाए जाएंगे. राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में 'कृष्ण कुंज' विकसित करने की तैयारी में है. 

आखिरकार महादेव से सामना

भूपेश बघेल हिन्दुत्व के रथ पर सवार होकर आगे बढ़ रहे थे. चुनाव नजदीक आ चुका था. इसी समय छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक धमाका हुआ. नवंबर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि महादेव बेटिंग एप में एक ई-मेल से खुलासा हुआ है कि महादेव एप के प्रमोटर्स ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है. ED ने यह भी कहा कि उनकी ओर से रायपुर के एक होटल से जो 5.39 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे ये पैसे कांग्रेस पार्टी को चुनावी खर्चे के लिए दिये जा रहे हैं.  हालांकि भूपेश बघेल ने इन सभी आरोपों से इनकार किया और इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया.

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PM मोदी और रमन सिंह ने लिया उठाया महादेव का मुद्दा

चुनावी गर्मी के बीच ED की ओर से लगाए गए भ्रष्टाचार के इन आरोपों ने राज्य की सियासी गर्मी बढ़ा दी. बीजेपी ने इन आरोपों को लेकर छत्तीसगढ़ सीएम पर बरस पड़ी. प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि कांग्रेस ने भगवान शिव के नाम महादेव को भी नहीं छोड़ा. 

बघेल पर इस आरोप के लगते ही पूर्व सीएम रमन सिंह ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला और कहा कि सब कुछ साबित हो गया है भूपेश बघेल अब सीएम पद संभालने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं. 

बता दें कि ED  जुलाई 2022 से पीएमएलए के आरोपों के तहत महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप सिंडिकेट की जांच कर रही है.ED का दावा है कि ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल विदेश से ऑपरेट कर रहे हैं और इन्होंने अवैध सट्टेबाजी का संचालन करते हुए हजार करोड़ रुपये कमाया है. 

बघेल ने पीएम मोदी को लिखा था पत्र

चुनाव नतीजों से कुछ ही घंटे पहले भूपेश बघेल ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर देश भर में सट्टेबाजी पर बैन लगाने की मांग की थी. 

छत्तीसगढ़ में 3 दिसंबर को आए नतीजों में कांग्रेस पहले बढ़त बनाती दिख रही थी, लेकिन कुछ ही घंटे बाद EVM के आंकड़े बदल गए. पार्टी अब हार की ओर बढ़ रही है और राम की शरण में राजनीति तलाश रहे बघेल 'महादेव'से मात खाते दिख रहे हैं.  

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