वोटर लिस्ट से किसी का नाम हटवाने की प्रक्रिया क्या है? केजरीवाल ने BJP पर लगाया था आरोप

अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी पर आम आदमी पार्टी के मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कटवाने के आरोप लगाए हैं. वोटर लिस्ट से किसी का नाम हटवाने की प्रक्रिया क्या होती है, जानिए.

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कुमार कुणाल

  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:03 PM IST

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के नेताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. केजरीवाल ने विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर आरोप लगाया कि वे हार के डर से वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से कटवा रहे हैं. उन्होंने यह दावा किया कि खास तौर पर उन इलाकों से वोट काटे जा रहे हैं जहां पिछली बार आम आदमी पार्टी कम अंतर से जीती थी.

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अरविंद केजरीवाल ने शाहदरा विधानसभा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां से लगभग 11 हजार मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कटवाने के लिए आवेदन किया गया है. आम आदमी पार्टी का दावा है कि उन्होंने जब वेरीफाई किया तो उसमें 75% मामले गलत तरीके से नाम कटवाने के निकले.

जानिए, क्या होता है वोट कटवाने का नियम

दरअसल वोटर लिस्ट से मतदाता का नाम हटाना संभव है लेकिन इसके लिए तय प्रक्रिया हैं. इसके लिए इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) की ओर से मतदाताओं के नाम का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया जाता है. संबंधित क्षेत्र का कोई भी मतदाता किसी भी नाम पर आपत्ति जता सकता है. यह सूची सभी राजनीतिक दलों को भेजी जाती है और मुख्य चुनाव अधिकारी की वेबसाइट, इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर के नोटिस बोर्ड और मतदान केंद्रों पर प्रदर्शित की जाती है.

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फॉर्म 7 के जरिए आपत्ति दर्ज कराना

यदि कोई इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर या बूथ लेवल ऑफिसर को सूचित करना चाहता है कि किसी  मतदाता का नाम किसी कारणवश उस निर्वाचन क्षेत्र की सूची में नहीं होना चाहिए तो उसे फॉर्म सात के जरिये आपत्ति दर्ज करानी होती है.  नाम कटवाने के पीछे कारण में मृत्यु या पते में परिवर्तन जैसे कारण शामिल हो सकते हैं.

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फॉर्म सात के जरिये मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए आवेदन किया ही जा सकता है, किसी मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में शामिल किए जाने से भी रोका जा सकता है. अगर किसी व्यक्ति का नाम दो जगह मतदाता सूची में शामिल है तो उस आधार पर भी फॉर्म सात के जरिये संबंधित मतदाता का नाम मतदाता सूची से हटाने का आवेदन किया जा सकता है.

आपत्ति दर्ज कराने की समय सीमा क्या

फॉर्म सात ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकता है या इसे इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर से भी प्राप्त किया जा सकता है. ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के  प्रकाशित होने की तारीख से 30 दिन के भीतर फॉर्म सात के जरिये आपत्ति दर्ज करानी होती है. आपत्ति कोई भी व्यक्ति अपने नाम से आवेदन कर दर्ज करा सकता है. 

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क्या है आपत्ति की प्रक्रिया

फॉर्म सात के जरिये इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर को व्यक्तिगत रूप से, डाक से या ऑनलाइन आवेदन कर आपत्ति की जा सकती है. हालांकि, अधिकारी इसे तभी स्वीकार करेंगे जब फॉर्म पर हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान होगा, फॉर्म जमा करने वाले व्यक्ति का नाम होगा और आवश्यक जानकारी का कोई भी कॉलम खाली न हो, ज्ञात नहीं जैसे शब्द नहीं लिखे हों.

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इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर का निर्णय ही अंतिम

वोटर का नाम वोटर लिस्ट से हटाना है या नहीं, इसे लेकर इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर का निर्णय ही अंतिम होगा. अगर ईआरओ को लगता है कि आपत्ति सही है तो वे इसे मान लेंगे. यदि उन्हें और जानकारी चाहिए तो वे निर्णय लेने से पहले जांच कर सकते हैं. ईआरओ आपत्ति करने वाले व्यक्ति से व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने या आपत्ति के विवरण को साबित करने के लिए कोई साक्ष्य देने के लिए भी कह सकते हैं. दिल्ली चुनाव कार्यालय ने कहा है कि नाम काटने से पहले संबंधित व्यक्ति से जवाब मांग रहे हैं. जब कोई जवाब नहीं आता, तभी नाम वोटर लिस्ट से काटा जाता है.

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