'1995 के गैंगवार के बाद लालू यादव ने मेरे परिवार के 22 लोगों को जेल में डाल दिया...', प्रशांत किशोर के आरोपों पर बोले सम्राट चौधरी

बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों पर कहा कि 1995 के गैंगवार के बाद लालू यादव ने उनके परिवार के 22 लोगों को जेल भेजा था. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने सरकार पर पेनाल्टी लगाई और माफी भी मांगनी पड़ी.

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सम्राट चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों का जवाब दिया. (File Photo: ITG) सम्राट चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों का जवाब दिया. (File Photo: ITG)

शशि भूषण कुमार

  • पटना,
  • 23 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST

बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वे पहले भी कई बार सच सामने रख चुके हैं. उन्होंने बताया कि 1995 के गैंगवार के बाद लालू प्रसाद यादव ने उनके परिवार के 22 सदस्यों को जेल में डलवा दिया था. इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने सरकार को पेनाल्टी लगाई थी और सरकार को माफी मांगनी पड़ी थी. सम्राट चौधरी ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपने परिवार के साथ हुई इस अन्याय की बात सार्वजनिक रूप से कही है और सच किसी से छिपाया नहीं है.

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प्रशांत किशोर के क्या हैं आरोप? 
प्रशांत किशोर ने अभी हाल ही में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर कुछ सनसनीखेज आरोप लगाए हैं, जिसकी मीडिया में खूब चर्चा हो रही है. किशोर ने सवाल उठाया है कि कैसे सम्राट चौधरी ने 'D.Litt' की डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की जब उनकी मैट्रिकुलेशन (कक्षा 10) की परीक्षा पास नहीं हुई थी. 

उन्होंने यह कहा कि सम्राट चौधरी ने कोर्ट में दिए हलफनामे में लिखा है कि 'कक्षा 7 पास' हैं, फिर भी बड़े दावे किए जा रहे हैं. इसके अलावा, प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि सम्राट चौधरी का नाम असल में 'सम्राट कुमार मौर्य' था, और उन्होंने नाम बदलकर राजनीति में प्रवेश किया है. किशोर ने ये भी कहा है कि सम्राट चौधरी से जुड़ी कुछ मामलों में आपराधिक आरोप भी हैं, जैसे कि एक कांग्रेस नेता की हत्या से जुड़े प्रकरण में उनका नाम आया था.

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'1998 में कांग्रेस नेता सदानंद सिंह की हत्या के मामले में आरोपी'
प्रशांत किशोर ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी ने अपने नाम में बदलाव कर राजनीति में छल किया. पीके ने दावा किया कि 1998 में कांग्रेस नेता सदानंद सिंह की हत्या के मामले में सम्राट चौधरी आरोपी थे, लेकिन नाबालिग होने के कारण छह महीने में जेल से रिहा कर दिए गए. उन्होंने यह भी कहा कि बिना विधानसभा या विधानपरिषद सदस्य बने मंत्री बनने पर उन्हें कम उम्र बताकर बर्खास्त किया गया.

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मैट्रिक में 234 अंक मिले
प्रशांत किशोर के अनुसार, कोर्ट के केस दस्तावेजों में सम्राट चौधरी ने मैट्रिक का एग्जाम 'सम्राट कुमार मौर्य' के नाम से दिया था. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अनुसार उन्हें केवल 234 अंक मिले थे और वह फेल हो गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में उनकी उम्र तय की थी. 2010 में सम्राट चौधरी ने अपने हलफनामे में खुद को केवल सातवीं पास बताया. पीके ने सवाल उठाया कि राज्य के डिप्टी सीएम को बताना चाहिए कि उन्होंने किस साल मैट्रिक पास किया और उन पर डिग्री फर्जी होने का आरोप है.

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