हरियाणा पर 'हाइड्रोजन बम' चलाकर बिहार जीत पाएंगे राहुल गांधी? 'वोट चोरी' के नए दावों के साथ Gen-Z पर दांव

राहुल गांधी का दावा है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव चोरी हुए थे और इस चोरी के पीछे चुनाव आयोग और बीजेपी का गठजोड़ है. इस बार राहुल गांधी का संदेश केवल विपक्ष या आयोग के लिए नहीं, बल्कि भारत के Gen-Z युवाओं के लिए भी है.

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राहुल गांधी ने बुधवार को एच फाइल्स नाम से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वोट चोरी को लेकर हाइड्रोजन बम फोड़ा. (Photo- PTI) राहुल गांधी ने बुधवार को एच फाइल्स नाम से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वोट चोरी को लेकर हाइड्रोजन बम फोड़ा. (Photo- PTI)

आजतक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 05 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:53 AM IST

बिहार में पहले चरण का मतदान कल यानी 6 नवंबर को होना है, और उससे ठीक 24 घंटे पहले राहुल गांधी ने हरियाणा चुनावों को लेकर ऐसा राजनीतिक ‘हाइड्रोजन बम’ फोड़ा है, जिसने पूरे देश की राजनीति को हिला दिया है. राहुल गांधी का दावा है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव चोरी हुए थे और इस चोरी के पीछे चुनाव आयोग और बीजेपी का गठजोड़ है.

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लेकिन इस बार राहुल गांधी का संदेश केवल विपक्ष या आयोग के लिए नहीं, बल्कि भारत के Gen-Z युवाओं के लिए भी है. यानी 13 से 28 साल के वो 37 करोड़ युवा, जो देश की कुल आबादी का करीब 26% हिस्सा हैं. सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी भारत के Gen-Z युवाओं को चुनाव आयोग और सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के लिए भड़का रहे हैं?

राहुल गांधी का नया 'Gen-Z फॉर्मूला'?

ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि राहुल गांधी ने हरियाणा में वोट चोरी के आरोप लगाते हुए भारत के Gen-Z युवाओं से कहा कि अगर भारत के लोकतंत्र को बचाना है तो Gen-Z युवाओं को आगे आना होगा और उन्हें अपनी ताकत दिखानी होगी. जबकि इससे पहले कभी भी राहुल गांधी अपने भाषणों में Gen-Z युवाओं का कभी कोई जिक्र नहीं करते थे.

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राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर आज से 9 साल पहले अप्रैल 2015 में अपना अकाउंट बनाया था. तब से लेकर 8 सितंबर 2025 के बीच उन्होंने कभी भी Gen-Z शब्द लिखकर भारत के युवाओं से आंदोलन करने की अपील नहीं की. लेकिन इसके बाद 8 और 9 सितंबर को जब नेपाल में Gen-Z युवाओं ने सरकार के खिलाफ हिंसक आंदोलन किया और वहां 24 घंटों में तख्तापलट कर दिया, तब से राहुल गांधी लगातार अपने बयानों में Gen-Z युवाओं का जिक्र कर रहे हैं.

कांग्रेस नेता उन्हें आंदोलन करने के लिए कह रहे हैं. सबसे पहले उन्होंने 18 सितंबर 2025 को ये कहा कि देश के देश की Gen Z युवा लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे. इसके बाद उन्होंने 31 अक्टूबर को Gen Z युवाओं से मुलाकात का एक वीडियो शेयर किया और बुधवार 5 नवंबर को उन्होंने फिर से अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में Gen Z शब्द का इस्तेमाल करते हुए उनसे ये कहा है कि वो भारत के लोकतंत्र को बचाने में अपनी ताकत दिखाएं.

Gen-Z पर बयान को लेकर राहुल को घेर रही बीजेपी

राहुल गांधी ने यहां सत्य और अहिंसा का जिक्र तो किया लेकिन ये भी सच है कि उन्होंने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में भी एक बयान दिया था और ये कहा था कि वोट चोरी को रोकने के लिए भारत के जेन-जी युवाओं को आगे आना होगा. राहुल गांधी बार-बार जेन-जी युवाओं का जिक्र कर रहे हैं, जिससे ये सवाल खड़ा होता है कि क्या वो भारत के युवाओं को सरकार के खिलाफ आंदोलन करने के उकसा रहे हैं? ये आरोप बीजेपी लगा रही है.

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कई देशों में हिंसक आंदोलन कर चुके जेन-जी

यहां यह भी जानना जरूरी है कि पिछले कुछ महीनों में जेन-जी युवाओं ने सिर्फ नेपाल में सरकार के खिलाफ हिंसक आंदोलन नहीं किया है, बल्कि Morocco, Madagascar, Peru, फिलीपींस, केन्या और यहां तक कि Indonesia में भी चुनी हुई सरकारों के खिलाफ जेन-जी युवा हिंसक आंदोलन कर चुके हैं और इनमें कुछ देशों में उन्होंने तख्तापलट भी कर दिया है.

भारत में दुनिया के सबसे अधिक जेन-जी

पिछले साल बांग्लादेश में भी जो तख्तापलट हुआ था, उसके पीछे भी जेन-जी छात्रों का हिंसक आंदोलन था, जिससे अब बीजेपी राहुल गांधी की मंशा पर सवाल उठा रही है. आपको यकीन नहीं होगा कि पूरी दुनिया में जेन-जी युवाओं की सबसे ज्यादा आबादी भारत में रहती है. भारत में 13 से 28 साल के जेन-जी युवाओं की जनसंख्या साढ़े 26 प्रतिशत यानी 37 करोड़ 70 लाख है, जिसका मतलब ये होता है कि जितनी जनसंख्या पूरे अमेरिका की नहीं है, उससे ज्यादा जेन-जी युवा तो भारत में रहते हैं.

इनमें भी जेन-जी वोटर्स पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में ही रहते हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक भारत में 18 से 28 साल के वोटर्स की संख्या 20 करोड़ से ज्यादा हो सकती है और ये आंकड़ा काफी बड़ा है.

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राहुल ने अब हरियाणा में वोट चोरी के आरोप लगाए

राहुल गांधी ने बुधवार को एच फाइल्स नाम से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वोट चोरी को लेकर हाइड्रोजन बम फोड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले साल जब हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हुए थे, तब इनमें 25 लाख वोटों की चोरी हुई थी. इसका मतलब ये हुआ कि अगर 2 करोड़ वोटर्स में 25 लाख वोटर्स फर्जी थे तो इस हिसाब से हर 8 में से 1 वोट की चोरी हुई और राहुल गांधी के मुताबिक बीजेपी ने साजिश करके कांग्रेस को हराया और हरियाणा में अपनी सरकार बना ली.

इनमें भी सबसे सनसनीखेज आरोप राहुल गांधी ने ये लगाया कि इन चुनावों में 10 बूथ पर जो 22 वोट डाले गए, उन सभी के वोटर आईडी कार्ड पर एक ही महिला की तस्वीर है. और राहुल गांधी का कहना है कि ये महिला भारत की है नहीं बल्कि ये ब्राज़ील की एक मॉडल है. थोड़ी देर सस्पेंस रखने के बाद राहुल गांधी ने खुद बताया कि ये तस्वीर ब्राजील की एक मॉडल की है, जिसका इस्तेमाल हरियाणा में 10 बूथ के 22 वोटर कार्ड पर हुआ है और इन सबने अपना वोट भी डाला है.

राहुल गांधी के दावे पर जमकर विवाद

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राहुल गांधी के इस दावे को लेकर काफी विवाद हो रहा है. इनमें भी सबसे बड़ा विवाद तो ये है कि राहुल गांधी को ये कैसे पता चला कि जिन 22 वोटर कार्ड पर एक ही मॉडल ही तस्वीर है, उन वोटर कार्ड से चुनावों में वोट डाले गए हैं. ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि राहुल गांधी जिस वोटर लिस्ट को दिखाकर ये पूरा दावा कर रहे हैं, वो वोटर लिस्ट मतदान के बाद की नहीं बल्कि मतदान से पहले की है. सोचिए मतदान से पहले की वोटर लिस्ट से राहुल गांधी को ये कैसे पता चला कि इन वोटर कार्ड से चुनावों में वोटिंग भी हुई.

राहुल गांधी ने दावा किया कि जिन 22 वोटर कार्ड पर ब्राजील की इस मॉडल की तस्वीर लगी है, उन पर अलग अलग महिलाओं के नाम लिखे हैं. और इनमें विमला, रश्मि, स्वीटी, सुनिता और पिंकी का नाम है. अब इस दावे से ऐसा लगता है कि तस्वीर गलत होने के कारण ये वोटर कार्ड भी फर्जी हैं और राहुल गांधी भी यही कह रहे थे.

खुद सामने आई पिंकी नाम की महिला

लेकिन पिंकी नाम की एक महिला सामने आई और उसका कहना है कि राहुल गांधी ने ब्राजील की मॉडल के नाम पर जो 22 वोटर कार्ड दिखाए, उनमें एक वोटर कार्ड उसका है और उसने चुनावों में वोट भी डाला था. बस एक समस्या ये थी कि इसमें गलती से कोई और तस्वीर छप गई थी लेकिन तस्वीर गलत होने से उसका वोटर कार्ड फर्जी नहीं हो जाता.

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आजतक ने भी इस तस्वीर की जांच की और पाया कि LinkedIn वेबसाइट पर ऐसी कई प्रोफाइल्स हैं, जिनमें उसी तस्वीर का इस्तेमाल हुआ है, जो हरियाणा के 22 वोटर कार्ड पर नजर आ रही हैं. इनमें कई प्रोफाइल्स अमेरिका, पाकिस्तान और दूसरे देशों के दिखाए गए हैं लेकिन इनकी प्रोफाइल पिक्चर वही है, जिसे राहुल गांधी ने ब्राजील की मॉडल बताया है. ये तस्वीर 8 साल पहले खींची गई थी. इससे यह स्पष्ट हो गया कि इन वोटर कार्ड में गलत तस्वीरों के इस्तेमाल का दावा सही हो सकता है लेकिन इनके आधार पर सभी वोटर कार्ड को पूरी तरह फर्जी बताने के आरोपों की पुष्टि नहीं होती.

राहुल गांधी ने और भी आरोप लगाए

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कागजों का एक जत्था भी दिखाया और ये कहा कि ये सारे कागज फर्जी तस्वीरें वाले वोट कार्ड के हैं. राहुल गांधी ने ये भी आरोप लगाया कि उन्होंने ऐसे फर्जी वोटर्स की भी पहचान की है, जो बीजेपी से हैं और जिन्होंने उत्तर प्रदेश और हरियाणा दोनों जगह वोट डाला है. उन्होंने कहा कि पिछले मामलों की तरह हरियाणा में भी ऐसे कई पते मिले, जहां 50 या उससे ज्यादा वोटर्स रजिस्टर्ड हैं लेकिन जब उनकी टीम ने वहां जाकर देखा तो उन्हें एक वोटर वहां नहीं मिला.

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राहुल गांधी ने ये आरोप भी लगाया कि जो हरियाणा में हुआ है, वो अब बिहार में भी हो सकता है. ये एक बहुत बड़ा आरोप है क्योंकि बिहार में गुरुवार 6 नवम्बर को पहले चरण का मतदान होने वाला है और इससे पहले ही राहुल गांधी ये कह रहे हैं कि बिहार में भी वोटों की चोरी हो सकती है.

कांग्रेस नेता ने मीडिया का परिचय बिहार के कुछ ऐसे लोगों से भी कराया है, जिनके नाम वोटर लिस्ट से काट दिए गए हैं और इन लोगों का कहना है कि चुनाव आयोग की तरफ से उनके पास कभी कोई आया ही नहीं और बिना बताए उनका नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिया गया. अब यहां पता है समस्या क्या आ रही है. समस्या ये है कि राहुल गांधी देश को ये बता रहे हैं कि वोटर लिस्ट में क्या त्रुटियां हैं लेकिन चुनाव आयोग जब इन त्रुटियों को सुधारने के लिए वोटर लिस्ट का रिवीज़न करना चाहता है तो वो इसका भी विरोध करते हैं.

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