'वोटर लिस्ट से नाम हटाना आतंकवाद से भी...', बिहार में स्टालिन की तमिल स्पीच, हिंदी में समझाता रहा ट्रांसलेटर

डीएमके नेता एम के स्टालिन का हिंदी विरोध उनकी पार्टी की द्रविड़ पहचान और तमिल भाषा के प्रति समर्पण से जुड़ा है. डीएमके लंबे समय से हिंदी के प्रभुत्व का विरोध करती रही है, क्योंकि इसे तमिल संस्कृति और भाषा पर थोपने के रूप में देखा जाता है. बुधवार को हिंदी भाषी बिहार आकर भी स्टालिन ने रैली को तमिल में ही संबोधित किया.

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स्टालिन ने तेजस्वी और राहुल के साथ मंच साझा किया. (Photo: PTI) स्टालिन ने तेजस्वी और राहुल के साथ मंच साझा किया. (Photo: PTI)

aajtak.in

  • मुजफ्फरपुर,
  • 27 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:05 PM IST

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन आज चुनावी रैली के सिलसिले में बिहार के मुजफ्फरपुर पहुंचे. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा करते हुए स्टालिन ने तमिल भाषा में मुजफ्फरवासियों को संबोधित किया. इसका अनुवाद एक व्यक्ति हिन्दी भाषा में कर रहा था. लोगों की जयकार और सियासी बयानबाजी के बीच स्टालिन ने मुजफ्फरपुर में समां बांध दिया. 

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राहुल गांधी-तेजस्वी यादव के वोट चोरी के आरोपों का समर्थन करते हुए तमिलनाडु के सीएम ने कहा कि मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट से मिटाना आतंकवाद से भी बुरा है.

स्टालिन ने कहा कि बिहार का जिक्र होते ही हमें आदरणीय लालू प्रसाद यादव का नाम याद आता है. हमारे नेता करुणानिधि और लालू जी घनिष्ठ मित्र रहे. कितने ही मुकदमे और धमकियां आई लेकिन लालू जी भारत के सबसे बड़े नेताओं में बनकर खड़े हैं. उनके ही पदचिह्नों पर तेजस्वी आगे बढ़ते हुए संघर्ष कर रहे हैं. पिछले एक महीने से पूरा भारत केवल बिहार को देख रहा है. तमिलनाडु सीएम ने कहा कि भारत के लोकतंत्र पर जब भी खतरा आया तो क्रांति का बिगुल बिहार से ही बजा.

डीएमके अध्यक्ष अपनी बहन और पार्टी सांसद कनिमोझी के साथ बिहार पहुंचे. यहां वे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा, राजद के तेजस्वी यादव और सीपीआई (एमएल) महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के साथ चल रही 'मतदाता अधिकार यात्रा' में शामिल हुए.

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मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में निकाली गई यात्रा का विरोध करते हुए स्टालिन ने कहा कि पिछले एक महीने से पूरा देश बिहार पर नज़र गड़ाए हुए है. चुनाव आयोग रिमोट कंट्रोल वाली कठपुतली बन गया है.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने पूछा, "क्या 65 लाख लोगों के नाम (ड्राफ्ट मतदाता सूची से) हटाना आतंकवाद से भी बदतर नहीं है?"

स्टालिन ने कहा कि जब राहुल गांधी ने अतीत में हुए चुनावों की निष्पक्षता पर संदेह जताया था तो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने उन्हें हलफनामा पेश करने की चुनौती दी थी.

डीएमके प्रमुख ने अपने गठबंधन सहयोगी की सराहना करते हुए कहा, "लेकिन आप राहुल गांधी को डरा नहीं सकते."

उन्होंने जोर देकर कहा, "मैंने तेजस्वी के साथ राहुल की दोस्ती देखी है, जो साथ में मोटरसाइकिल चलाते हैं. यह दोस्ती आम राजनीतिक साझेदारी से कहीं ज़्यादा गहरी है. और मुझे यकीन है कि अगर चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हुए तो भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए हार जाएगा."

स्टालिन ने कहा कि राहुल-तेजस्वी की यही दोस्ती बिहार चुनाव में उन्हें जीत दिलाने वाली है.

स्टालिन ने कहा, "मैं आपसे वादा करता हूं कि विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत के बाद मैं शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए फिर आऊंगा."

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उन्होंने कहा कि बिहार वह भूमि है जहां INDIA ब्लॉक की नींव रखी गई थी और यह गठबंधन भाजपा की सीटों की संख्या को 240 तक लाने में सफल रहा, जो पिछले साल लोकसभा चुनावों में 400 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रही थी.

बिहार पहुंचे स्टालिन ने आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए एक खास पोस्ट किया. 

उन्होंने एक्स पर लिखा,"टचडाउन बिहार... आदरणीय लालू प्रसाद की धरती अपनी आंखों में आग लिए मेरा स्वागत कर रही है, और यहां की मिट्टी हर चुराए गए वोट से भारी है. अपने भाइयों राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और बहन प्रियंका गांधी के साथ वोट अधिकार यात्रा में शामिल हुआ, जो लोगों के दर्द को अजेय शक्ति में बदल रही है. "

बता दें कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन की राजनीति हिंदी विरोध और उत्तर भारत विरोध को लेकर ही फलती फूलती रही है. स्टालिन दक्षिण के राज्यों पर हिंदी को कथित तौर पर थोपने का विरोध करते रहे हैं. यही नहीं वे लोकसभा सीटों के परिसीमन का भी ये कहकर विरोध करते हैं कि इससे उत्तर और पूर्वी भारत के राज्यों का संसद में वर्चस्व बढ़ेगा.

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