मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान यानी एसआईआर के खिलाफ केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और इस प्रक्रिया पर गंभीर आपत्ति जताई है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है.
केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मौजूदा एसआईआर प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की है. सरकार का कहना है कि जिस तरह से इसे चलाया जा रहा है, वो देश के लोकतांत्रिक ढांचे और राजनीति के लिए अनुकूल नहीं है. राज्य सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर दिसंबर में स्थानीय निकाय चुनावों के साथ-साथ इस प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति दी गई तो प्रशासनिक गतिरोध पैदा हो सकता है.
मुख्य सचिव डॉ. ए. जयतिलक ने सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में केरल ने मांग की है कि स्थानीय निकाय चुनाव पूरे होने तक SIR की सभी कार्यवाहियों को रोक दिया जाए. याचिका में कहा गया है कि स्थानीय निकायों में नई शासन-व्यवस्था (नई परिषद/बॉडी) 21 दिसंबर को कार्यभार संभालने वाली है. इसलिए केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि 21 दिसंबर तक SIR की कार्यवाही पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया जाए.
इससे पहले राज्य सरकार हाई कोर्ट गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने कहा कि SIR से जुड़ी सभी अन्य याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, इसलिए सरकार को सीधे सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए.
केरल में भी अन्य 11 प्रदेशों की तरह 4 नवंबर से जारी मतदाता सूची शोधन अभियान के तहत 96.15 फीसदी मतदाताओं तक गणना फॉर्म पहुंचा दिए गए हैं. अब तक 24,468 बूथ लेवल ऑफिसर और 54,624 बीएलए घर-घर जाकर 2,67,78,609 फॉर्म पहुंचा चुके हैं. भरकर वापस मिले फॉर्म्स में से 1.04 फीसदी यानी दो लाख 89 हजार 795 को डिजिटलाइज्ड भी कर दिया गया है.
केरल सरकार ने तर्क दिया कि इस समय स्थानीय निकाय चुनाव प्रक्रिया चल रही है. साथ ही, SIR प्रक्रिया शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम इस पर शुक्रवार को सुनवाई करेंगे. हालांकि, वकील ने मांग की कि इस मामले को कल ही सुन लिया जाए. इस पर CJI ने इनकार किया और कहा- हम शुक्रवार को सुनवाई करेंगे.
संजय शर्मा / अनीषा माथुर / शिबिमोल