बिहार के चुनावी मैदान में उतरेंगे शरजील इमाम! कोर्ट में दाखिल की अंतरिम जमानत की अर्जी

2020 दिल्ली दंगों के मामले में यूएपीए के तहत जेल में बंद स्टूडेंट एक्टिविस्ट शरजील इमाम ने 18वें बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए अंतरिम जमानत की अर्जी दाखिल की है.

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शरजील इमाम दिल्ली दंगों के आरोप में UAPA के तहत जेल में बंद हैं. (File Photo: ITG) शरजील इमाम दिल्ली दंगों के आरोप में UAPA के तहत जेल में बंद हैं. (File Photo: ITG)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST

दिल्ली दंगों के मामले में 2020 से यूएपीए के तहत जेल में बंद स्टूडेंट एक्टिविस्ट शरजील इमाम ने चुनाव लड़ने के लिए कोर्ट में अंतरिम जमान की अर्जी दाखिल की है. एजेंसी के मुताबिक, शरजील इमाम अपनी अर्जी में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने के अपने अधिकार का हवाला दिया. बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसकी तारीख भी चुनाव आयोग ने जारी कर दी है

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शरजील इमाम ने 18वें बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अंतरिम जमानत के लिए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया है.

पूर्वी दिल्ली की कड़कड़डूमा जिला अदालत में शरजील ने बिहार विधान सभा चुनाव लड़ने के लिए जमानत अर्जी लगाई है. उन्होंने कहा है कि नामांकन पत्र भरने के लिए उसे अंतरिम जमानत चाहिए. उसकी अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है. फिलहाल बिहार में दोनों चरणों के लिए नामांकन पत्र भरे जा रहे हैं.

2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक बड़ी साजिश के मामले में न्यायिक हिरासत में कैद शरजील इमाम ने 14 दिनों के लिए अंतरिम ज़मानत पर रिहाई की गुहार लगाई है.

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कहां से चुनाव लड़ेंगे शरजील इमाम?

शरजील इमाम के द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि वह बांग्लादेश सीमा से लगे मुस्लिम बाहुल्य जिले किशनगंज की बहादुरगंज सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर वो चुनाव लड़ना चाहते हैं. 

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शरजील इमाम और उनके साथी सहयोगी आरोपियों को जमानत अर्जी निचली अदालत, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक से खारिज हो चुकी है. उन पर राजद्रोह, सांप्रदायिक शत्रुता पैदा करने, राष्ट्रीय एकता के खिलाफ भाषण देने, अफवाह फैलाने व गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 के तहत आरोप लगाए गए थे. 

यह भी पढ़ें: जामिया हिंसा: शरजील इमाम को बरी करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची पुलिस

राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार होने तक इस आरोप को लेकर कार्रवाई रोक दी गई थीय बाकी आरोपों पर मुकदमा चल रहा है. उनमें से तीन आरोपों में अधिकतम तीन-तीन साल और यूएपीए में अधिकतम सात साल कैद की सजा का प्रावधान है. हाल ही में शरजील ने सीआरपीसी के प्रावधान के तहत जमानत अर्जी दायर की थी.

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