हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने वाले चुनाव से पहले कैबिनेट ने विधानसभा भंग करने को मंजूरी दे दी है. अब कैबिनेट ने राज्यपाल से भी हरियाणा विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है. दरअसल, सीएम नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट की बैठक के बाद राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है. ऐसे में अगली सरकार बनने तक राज्यपाल उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाएंगे.
हरियाणा कैबिनेट ने 13 सितंबर को हरियाणा विधानसभा भंग करने की सिफारिश राज्यपाल से की है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज बुधवार रात को 9:30 बजे राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिलने उनके आवास राजभवन जाएंगे. बताया जा रहा है कि इसके बाद बड़ी घोषणा हो सकती है. फिलहाल सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं.
जानें क्यों कैबिनेट भंग करेंगे सीएम सैनी
हरियाणा विधानसभा का आखिरी सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था. संवैधानिक रूप से छह महीने में एक बार विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है. इसलिए सरकार के लिए 12 सितंबर तक सदन की बैठक बुलाना जरूरी है. ऐसे में इस संवैधानिक संकट टालने के लिए मुख्यमंत्री को राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी होगी. विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं होना चाहिए.
संवैधानिक संकट टालने के लिए मुख्यमंत्री को राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश करनी होगी. संविधान के अनुच्छेद 174 (1) में स्पष्ट उल्लेख है कि विधानसभा के दो सत्रों के बीच छह महीने से ज्यादा का अंतराल नहीं होना चाहिए.
हरियाणा में एक ही चरण में होना है मतदान
बता दें कि हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा. चुनाव आयोग ने पहले हरियाणा के लिए 1 अक्टूबर को मतदान कराने की घोषणा की थी. वहीं नतीजे 4 अक्टूबर को आने थे. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ था. यहां भी नतीजे 4 अक्टूबर को ही आने थे. लेकिन अब आयोग ने तारीखों में बदलाव किया है.
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त होने वाला है. पिछला विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2019 में हुआ था. चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के गठबंधन ने राज्य सरकार बनाई और मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने. हालांकि बाद में समीकरण बदले तो पार्टी ने नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया.
कमलजीत संधू