बिहार (Bihar) में 28 जून से 15 जुलाई के बीच किशनगंज ज़िले में करीब 3 लाख निवास प्रमाण पत्र (Niwas Praman Patra) के आवेदन मिले हैं. आमतौर पर यहां एक महीने में सिर्फ़ 20 हजार आवेदन आते हैं, लेकिन इस बार रिकॉर्ड तोड़ संख्या में आवेदन आए हैं.
ज़िला अधिकारियों पर पहले से ही SIR (Special Identification Report) प्रोसेस का काम है, इसलिए ये नया बोझ उनके लिए मुश्किल बन गया है. सूत्रों के मुताबिक, एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अभी SIR प्रक्रिया पर ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है और निवास प्रमाण पत्र की जांच को बाद में प्राथमिकता मिलेगी.
आवेदन की होगी जांच
अधिकारियों को शक है कि इनमें कई फर्जी या ग़लत आवेदन हो सकते हैं, इसलिए किसी को भी रियायत नहीं दी जाएगी और हर आवेदन के लिए ज़रूरी स्पॉट वेरिफिकेशन (मौके पर जांच) की जा रही है.
बिहार चुनाव की विस्तृत कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
बिहार विधानसभा की हर सीट का हर पहलू, हर विवरण यहां पढ़ें
यह भी पढ़ें: India Block के साथ मिलकर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगी JMM
सूत्रों के मुताबिक़, किशनगंज में विदेशी नागरिकों की तलाश भी चल रही है. इसके लिए इंटेलिजेंस इनपुट और ज़मीनी टीमों की जानकारी का इस्तेमाल किया जा रहा है. जो लोग 10-20 साल पहले यहां बस गए थे, उन्होंने पहले ही ज़्यादातर ज़रूरी कागज़ बनवा लिए हैं, जिससे इन्हें पहचानना मुश्किल हो रहा है.
ज़मीनी टीम (BLOs) उन लोगों का डेटा इकट्ठा कर रही है, जिन्हें विदेशी नागरिक माना जा रहा है. उनके दस्तावेज़ों की गहराई से जांच की जाएगी और ये देखा जाएगा कि दस्तावेज़ कब बने थे.
श्रेया चटर्जी