'एक या दो फेज में कराएं चुनाव, बुर्के में आने वाली महिलाओं की पहचान हो', बिहार बीजेपी की चुनाव आयोग से मांग

बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि विधानसभा चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाएं. इसके साथ ही मांग की कि नदी किनारे वाले इलाकों में जहां पहले बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं हो चुकी हैं, वहां घुड़सवार सेना की तैनाती की जाए. उन्होंने चुनाव आयोग को सुझाव दिया कि चुनाव की घोषणा जल्द की जाती है, तो मतदान 3-4 नवंबर तक कराया जा सकता है.

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बीजेपी ने बूथ कैप्चरिंग वाले क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की (File Photo: PTI) बीजेपी ने बूथ कैप्चरिंग वाले क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की (File Photo: PTI)

ऐश्वर्या पालीवाल

  • पटना,
  • 04 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:19 PM IST

बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शनिवार को चुनाव आयोग (EC) से मांग की है कि आगामी विधानसभा चुनाव एक या दो फेज में आयोजित किए जाएं. उन्होंने विशेष रूप से कहा कि बुर्का पहनकर मतदान करने वाली महिलाओं के चेहरे को उनके मतदाता पहचान पत्र (EPIC) से मिलाया जाना चाहिए, ताकि केवल असली वोटर ही मतदान कर सकें. 

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में आए चुनाव आयोग के दल से मिलने वाले बीजेपी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे दिलीप जायसवाल ने उन क्षेत्रों में अर्धसैनिक बलों की पर्याप्त तैनाती की भी मांग की, जहां बूथ कैप्चरिंग और मतदाताओं को डराने-धमकाने का खतरा है.

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समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक के बाद दिलीप जायसवाल ने संवाददाताओं से कहा कि हमने इलेक्शन कमीशन से चुनाव एक या दो चरणों में कराने का आग्रह किया है. इसे कई चरणों में बांटने की जरूरत नहीं है.साथ ही मतदाताओं, खासकर बुर्के में आने वाली महिलाओं के चेहरों का मिलान उनके मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) से किया जाना चाहिए, ताकि केवल असली मतदाता ही वोट डाल सकें.

दिलीप जायसवाल ने कहा कि हमने यह भी अनुरोध किया है कि अति पिछड़े वर्गों, जैसे कमज़ोर वर्गों की अधिक आबादी वाले गांवों में चुनाव से कुछ दिन पहले अर्धसैनिक बल तैनात किए जाएं, और मतदाताओं में विश्वास बढ़ाने के लिए फ्लैग मार्च का आयोजन किया जाए. जायसवाल ने कहा कि नदी किनारे वाले क्षेत्रों में जहां पहले बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं हो चुकी हैं, वहां घुड़सवार सेना की तैनाती भी सुनिश्चित की जानी चाहिए. 

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चुनाव आयोग के सुझाव

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं. इनमें कहा गया है कि मतदान खत्म होने के बाद मतदान एजेंटों को पीठासीन अधिकारी से फॉर्म 17C लेना आवश्यक है. कई बार एजेंट बिना यह फॉर्म लिए ही अपने बूथ छोड़ देते हैं, जिससे बाद में अनावश्यक विवाद की संभावना रहती है.

'3-4 नवंबर तक हो मतदान'

दिलीप जायसवाल ने कहा कि तारीखों के मामले में हमने चुनाव आयोग को बताया कि नियमों के अनुसार घोषणा की तारीख से कम से कम 28 दिन बाद ही चुनाव कराए जा सकते हैं. उदाहरण के लिए अगर चुनाव की घोषणा कुछ दिनों में होती है, तो चुनाव 3-4 नवंबर तक कराए जा सकते हैं  उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव जल्द से जल्द होने चाहिए और इसमें और देरी नहीं होनी चाहिए.

जेडीयू ने एक ही चरण में मतदान की मांग की

वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने शनिवार को चुनाव आयोग (EC) से आग्रह किया कि आगामी विधानसभा चुनाव एक ही चरण में आयोजित किए जाएं. जदयू ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 288 सीटों वाले विधानसभा चुनाव को एक ही चरण में कराया गया, जबकि बिहार में 243 सीटें हैं. 

'छठ के तुरंत बाद चुनाव कराए जाएं'

जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने बताया कि उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि छठ और दीपावली जैसे त्योहारों के समय, राज्य के अन्य हिस्सों में काम करने वाले लोग अपने घर लौटते हैं, इसलिए चुनाव का कार्यक्रम ऐसा तय किया जाए कि माइग्रेंट वोटर मतदान कर सकें. उन्होंने यह भी आग्रह किया कि सभी मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों की पर्याप्त तैनाती की जाए ताकि गरीब और कमजोर वर्ग के लोग बिना डर और दबाव के मतदान कर सकें. 

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चुनाव आयोग की राजनीतिक दलों के साथ मीटिंग

चुनाव आयोग ने आज बिहार के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें भाजपा, कांग्रेस, जदयू, RJD, बसपा, CPI(M), CPI(ML) लिबरेशन, आम आदमी पार्टी, एलजेपी, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और अन्य पार्टियों ने हिस्सा लिया. बैठक में सभी पार्टियों ने आग्रह किया कि चुनाव छठ त्योहार के तुरंत बाद कराए जाएं और इसे संभव हो तो कम से कम चरणों में पूरा किया जाए.

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