आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली के जाट समुदाय को आरक्षण दिए जाने का मुद्दा उठाया. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के जाट समाज को बीजेपी से 10 सालों से धोखा मिल रहा है.
केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के किसी कॉलेज, यूनिवर्सिटी या संस्था में दिल्ली के जाट समाज को आरक्षण नहीं मिलता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को दिल्ली के जाटों की याद चुनाव से पहले आती है. दिल्ली के अंदर राजस्थान के जाट समाज को आरक्षण मिलता है लेकिन दिल्ली के जाट समाज को आरक्षण नहीं मिलता. दिल्ली की स्टेट ओबीसी लिस्ट में पांच और जातियां हैं, जो केंद्र की ओबीसी लिस्ट में नहीं है.
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह इस बार एक ही सीट से चुनाव लड़ेंगे. उनकी आज दोपहर तीन बजे चुनाव आयोग के साथ मीटिंग भी है.
इस संबंध में अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है. उन्होंने इस चिट्ठी में मांग की है कि जाट समुदाय को ओबीसी की सूची में शामिल किया जाना चाहिए. केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी में कहा है कि आपने दिल्ली के जाट समाज को धोखा दिया है. दिल्ली में ओबीसी का दर्जा प्राप्त जाटों व अन्य सभी जातियों को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाए.
चिट्ठी में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने दस साल से जाट समाज को ओबीसी आरक्षण के नाम पर धोखा दिया है. आपने 2015 में जाट समाज के नेताओं को घर बुलाकर वादा किया था कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा. 2019 में अमित शाह ने जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में लाने का वादा किया था.
केजरीवाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्थान के जाट समाज के छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में आरक्षण मिलता है तो दिल्ली के जाट समाज को क्यों नहीं मिलता? केंद्री की ओबीसी लिस्ट में न होने से दिल्ली के जाट समाज के हजारों बच्चों को डीयू में दाखिला नहीं मिलता.
आशुतोष मिश्रा / अमित भारद्वाज