सिलेबस घटने के कारण हाई स्कोरिंग हुआ... NEET-UG पेपरलीक पर सुनवाई से पहले सुप्रीम कोर्ट में NTA ने बताए ये कारण

विवादों में घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातक (NEET-UG ) से जुड़े मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई होनी है.इस सुनवाई से पहले राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने सुप्रीम कोर्ट के सामने फिर से लिखित में दलीलें पेश की हैं और पिछले हलफनामे में दी गई दलीलों को दोहराया गया है.

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NTA ने सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में दी लिखित दलीलें NTA ने सुप्रीम कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट में दी लिखित दलीलें

कनु सारदा / संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST

विवादों से घिरी नीट यूजी परीक्षा 2024 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है, लेकिन इससे पहले  राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने अदालत के समक्ष लिखित दलीलें दाखिल कर दी हैं. एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के साझा संकलन के जवाब में नई लिखित दलीलें दी हैं जिसमें पिछले हलफनामे में दी गई दलीलों को दोहराया गया है. एनटीए ने कहा कि यह कोई व्यवस्थागत विफलता नहीं है.

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एनटीए ने कहा कि पाठ्यक्रम में कमी से सभी छात्रों को बेहतर अंक प्राप्त करने में मदद मिली. पाठ्यक्रम में 25% की कमी के कारण अंकों में बढ़ोतरी हुई. एनटीए ने एक बार फिर कथित टेलीग्राम वीडियो की निंदा की और कहा कि इसे एडिट करके यह दिखाया गया कि पेपर लीक 4 मई को हुआ, जबकि परीक्षा की तारीख 5 मई थी. एनटीए ने दावा किया कि पटना, सवाई माधोपुर में पेपर लीक होने का दावा गलत है.

बिहार की घटना आपराधिक-एनटीए

अपने जवाबी हलफनामे में NTA ने कहा है कि कोई सिस्टेमेटिक फेलियर नहीं था. एडवोकेट वर्धमान कौशिक के जरिए दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि समग्रता में परीक्षा की पवित्रता पर कोई बड़ा दाग नहीं है. ये दलील देकर 25 लाख छात्रों की दोबारा परीक्षा का हव्वा खड़ा करना देश के भविष्य से खिलवाड़ होगा.

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NTA ने कहा, 'बिहार में जिन घटनाओं का जिक्र किया जा रहा है उनकी जांच चल रही है. बिहार की घटना एक आपराधिक गतिविधि है. जांच बिहार पुलिस ने शुरू की थी फिर बाद में उसे ईओयू विंग को सौंप दिया गया था.इसके बाद केंद्रीय स्तर पर नीट मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो को स्थानांतरित कर दी गई है. एनटीए ने कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद 17 संदिग्ध उम्मीदवारों के परिणाम रोक दिए हैं.'

सीबीआई ईमानदारी से कर रही है काम- एनटीए

इतना ही नहीं एनटीए ने कहा कि अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले छात्रों को दूसरों से अलग करने के लिए कदम उठाए गए हैं और सीबीआई अपना काम ईमानदारी से कर रही है. एनटीए ने कहा कि यह कहना गलत है कि योग्य उम्मीदवारों को उनके अवसरों से वंचित किया जाएगा क्योंकि चयन रैंक और योग्यता के आधार पर होता है अंकों के कारण नहीं. एनटीए का कहना है कि प्रतियोगी परीक्षा में सापेक्ष योग्यता (Relative Merit) सबसे महत्वपूर्ण और सार्थक है.

यह भी पढ़ें: जानिए NEET सुनवाई में CJI ने पेपर लीक, CBI जांच और री-एग्जाम को लेकर क्या-क्या कहा
क्या था पूरा मामला?

चार जून को नीट यूजी परीक्षा का परिणाम सामने आने के बाद से ही अभ्यर्थ‍ियों में खलबली मची हुई है. रिजल्ट देखने के बाद 67 टॉपर्स और एक ही सेंटर से 8 टॉपर का नाम लिस्ट में देखने के बाद छात्रों को परीक्षा में धांधली का संदेह था. इसके बाद छात्रों ने सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर एनटीए के खिलाफ जांच की मांग उठाई. सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं और इस बीच कोर्ट के सामने एनटीए ने फैसला लिया कि वह ग्रेस मार्क्स वाले कैंडिडेट्स का दोबारा एग्जाम करवाएंगे. 23 जून को परीक्षा हुई और टॉपर 67 से घटकर 61 हो गए.  

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