यूपी के स्कूलों में नया नियम लागू, प्रार्थना के बाद अब रोज पढ़ना होगा न्यूज पेपर

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी सरकारी और माध्यमिक स्कूलों में छात्रों के लिए अखबार पढ़ना अनिवार्य कर दिया है. बच्चों में पढ़ने की आदत को विकसित करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

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उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूलों में अखबार पढ़ना किया अनिवार्य. (Photo : Pexels ) उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूलों में अखबार पढ़ना किया अनिवार्य. (Photo : Pexels )

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:39 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से स्कूलों में नया नियम लागू कर दिया गया है. इस नियम के तहत अब सभी सरकारी और माध्यमिक स्कूलों में प्रार्थना के बाद अखबार पढ़ना अनिवार्य कर दिया है. इसका उद्देश्य शिक्षा को बेहतर बनाना, पढ़ने की आदत को विकसित करने के साथ ही जीके को बेहतर करना है. 

बच्चों में लगातार बढ़ते स्क्रीन टाइम को कम करने के लिए यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है. स्कूलों में दोनों हिंदी और इंग्लिश भाषाओं के अखबार दिए जाएंगे. इस पहल तहत के बच्चों को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर, हर क्षेत्र से जोड़ना है. 

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जारी किया गया आदेश 

बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने आदेश जारी कर इस नए नियम के बारे में बताया. जारी हुए आदेश के अनुसार स्कूलों में सुबह प्रार्थना के बाद 10 मिनट का समय अखबार पढ़ने के लिए तय किया गया है. 

वोकैबलरी में होगी बढ़ोतरी

यूपी बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि इस पहल से बच्चों की वोकैबलरी में भी बढ़त होगी. उन्हें रोजाना नए-नए शब्द सीखने का मौका मिलेगा. 

इस तरह लागू होगा नियम 

विभाग की ओर से जारी नियम के अनुसार अब से स्कूलों में हिंदी और इंग्लिश में न्यूज पेपर उपलब्ध कराए जाएंगे. इसका मतलब है कि सरकारी पैसे से ही अखबार खरीदे जाएंगे. पेपर पढ़ने के बाद से बच्चों से बड़ी खबरों के बारे में पूछा जाएगा. इसके साथ ही उन्हें 5 शब्द भी बताने होंगे, जो उन्होंने न्यूज पेपर से सीखा है.  
 

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लॉजिकल स्किल पर भी किया जाएगा फोकस 

जारी आदेश में इस बात का भी जिक्र है कि अखबारों में मौजूद सुडोकू, क्रॉसवर्ड और शब्द पहेलियां भी छात्रों की सोच को विकसित करेंगी और उन्हें तर्क करने में मदद करेगी. इससे उनके मन में कई सवाल पैदा होंगे.   

फेक न्यूज को पहचानने में मिलेगी मदद 

अपर मुख्य सचिव पार्थ शर्मा ने बताया कि अलग-अलग सब्जेक्ट के आर्टिकल को पढ़ने से छात्रों में आलोचनात्मक सोच विकसित होगी. इससे वह सही और गलत खबर के बीच फर्क पहचान पाएंगे. 

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