जब मोसाद एजेंट बन बैठा ईरान की खुफिया एजेंसी का हेड, पूर्व राष्ट्रपति ने किया था खुलासा

इस्लामिक रिपब्लिक के जिस डिवीजन का नेतृत्व मोसाद के ऑपरेशन को विफल करने के लिए किया गया था, 2021 में उस विंग का हेड ही एक इजारायली खुफिया एजेंसी मोसाद का एजेंट पाया गया था.

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ईरान की खुफिया एजेंसी में मोसाद की घुसपैठ (फोटो - AI जेनरेटेड सांकेतिक तस्वीर) ईरान की खुफिया एजेंसी में मोसाद की घुसपैठ (फोटो - AI जेनरेटेड सांकेतिक तस्वीर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2025,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST

एक साल पहले ईरान के पूर्व राष्ट्रपति अहमदीनेजाद ने एक सनसनीखेज खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि इस्लामिक रिपब्लिक की जिस खुफिया डिविजन को मोसाद के अभियानों को विफल करने के लिए बनाया गया था, उसका हेड की डबल एजेंट निकला था. इतना ही नहीं, ईरान के उस पूरे खुफिया विंग में करीब 20 मोसाद एजेंट सक्रिय थे. 

अहमदीनेजाद के इस खुलासे से मोसाद की ताकत का अनुमान लगाया जा सकता है कि दुश्मन देश की खुफिया एजेंसी को ही उसने एक तरह से हाईजैक कर लिया था.  अहमदीनेजाद ने कहा था कि मोसाद ने इजरायल पर जासूसी करने के लिए स्थापित ईरानी खुफिया इकाई में ही घुसपैठ कर दी थी.

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ईरानी खुफिया एजेंसी में बैठे मोसाद एजेंट ने उड़ाए थे परमाणु दस्तावेज
इस्लामिक रिपब्लिक के जिस डिवीजन का नेतृत्व मोसाद के ऑपरेशन को विफल करने के लिए किया गया था, 2021 में उस विंग का हेड ही एक इजारायली जासूस पाया गया. साथ ही उसने एजेंसी में अन्य 20 मोसाद एजेंट को शामिल कर लिया था. ये सब काफी पहले से ईरान में सक्रिय थे और इन मोसाद एजेंट्स ने ही ईरान के परमाणु दस्तावेज़ चुराए थे.

2024 में महमूद अहमदीनेजाद ने किया था खुलासा
सितंबर 2024 में महमूद अहमदीनेजाद ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ईरान ने इजरायल के मोसाद के गुप्त अभियानों को विफल करने के लिए एक इकाई स्थापित की थी. कई साल बाद में पता चला कि इसे लीड करने वाला व्यक्ति मोसाद का एजेंट था. अहमदीनेजाद ने कहा था कि 2021 में मोसाद की इस हरकत का खुलासा हुआ. तब तक काफी देर हो चुकी थी. 

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कई सालों तक ईरान में गुप्त ऑपरेशन चलाता रहा मोसाद
उन्होंने कहा था कि इजराइल ने कई सालों तक ईरान के अंदर कई गुप्त जटिल अभियान चलाए. वे आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकते थे. क्योंकि इजारयल के खिलाफ अभियान चलाने वाली ईकाई का प्रमुख ही इजरायली एजेंट था. अहमदीनेजाद के अनुसार, वह अकेला नहीं था. ईरानी खुफिया इकाई के प्रमुख के अलावा, उस इकाई के 20 अन्य सदस्य मोसाद के एजेंट निकले.

यह भी पढ़ें: मोसाद ने बहुत पहले ईरान के अंदर बना लिया था ड्रोन बेस? खुल रहे सीक्रेट ऑपरेशन के राज

ईरान के हर सरकारी विभाग में मोसाद ने की थी घुसपैठ
अहमदीनेजाद ने दावा किया कि वे ही थे जिन्होंने 2018 में ईरानी परमाणु दस्तावेजों को चुराने में कामयाबी हासिल की  और ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों के खात्मे के लिए भी जिम्मेदार थे. अहमदीनेजाद 2013 तक ईरान के राष्ट्रपति थे. उनके बाद हसन रूहानी ने पदभार संभाला और उनके पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ - पूर्व खुफिया मंत्री अली यूनेसी - ने 2022 में एक साक्षात्कार में स्वीकार किया कि मोसाद ने पिछले 10 वर्षों में कई सरकारी विभागों में घुसपैठ की है, इस हद तक कि देश के सभी शीर्ष अधिकारियों को अपने जीवन के लिए डरना चाहिए.

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