ईरान के परमाणु और सैन्य महत्व के ठिकानों पर हुए हमले से बहुत पहले मोसाद ने वहां अपना एक घातक सीक्रेट नेटवर्क बना लिया था. इजरायली सिक्योरिटीज सोर्स से मिली जानकारी के अनुसार सालों पर पहले से मोसाद इस पर काम कर रहा था. मोसाद ने अंदर ही अंदर गुप्त तरीके से ईरान की जमीन पर सीक्रेट ऑपरेशन चला रहा था और सही समय के इंतजार में था.
मोसाद ने ईरान में सीक्रेट गाइडेड वेपन्स सिस्टम और ड्रोन बेस बना रखे थे. आज जब ईरान पर हमले की बारी आई तो इनका इस्तेमाल कर वहां की एयर डिफेंस सिस्टम और गाइडेड मिसाइल लॉन्चर को बर्बाद कर दिया गया. इजरायल की वायु सेना के साथ कदमताल मिलाकर मोसाद एजेंटों ने ईरान के सैन्य महत्व के ठिकाने पर कहर बरपा दिया.
इजरायली सुरक्षा स्रोत ने किया खुलासा
इजरायली मीडिया आउटलेट 12 Ynet की रिपोर्ट के अनुसार, मोसाद ने बहुत पहले विस्फोटक ड्रोन का एक बेस ईरान के बीचोंबीच स्थापित कर लिया था. इस काम को मोसाद के एजेंटों ने अजाम दिाय था. शुक्रवार को इसी बेस से विस्फोटक ड्रोन दागे गए. इन ड्रोन्स ने तेहरान के पास असफाकाबाद बेस पर स्थित बैलिस्टिक मिसाइल लांचरों को तबाह कर दिया. ये मिसाइल लॉन्चर भविष्य में इजरायली नागरिकों और रणनीतिक लक्ष्यों के लिए खतरा पैदा कर सकते थे.
सालों पहले से ईरान के अंदर मोसाद एजेंट चला रहे थे गुप्त ऑपरेशन
एक इजरायली सुरक्षा स्रोत ने ईरान में चले सालों पहले गुप्त ऑपरेशन "लाइक ए लायन" की रूपरेखा का खुलासा किया - जो आईडीएफ, मोसाद और इजरायली रक्षा उद्योगों एक असाधारण संयुक्त ऑपरेशन था. जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ऑपरेशन वर्षों की सावधानीपूर्वक योजना, खुफिया जानकारी जुटाने और ईरान के भीतर गुप्त रूप से मोसाद एजेंटों की शुरुआती तैनाती पर आधारित था.
तेहरान के पास मोसाद ने बना लिया था ड्रोन बेस
इस रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि आज के हमले से बहुत पहले, राजधानी तेहरान के पास मोसाद एजेंटों के माध्यम से विस्फोटक ड्रोन के लिए एक बेस स्थापित किया गया था. ड्रोन को रात के समय सक्रिय किया गया और एस्पाजाबाद बेस पर जमीन से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल लांचर की ओर लॉन्च कर दिया गया. ये मिसाइल लॉन्चर सीधे इजायल को पहुंचा सकने वाले ईरान के सैन्य महत्व के ठिकाने थे.
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ऐसे मोसाद ने ईरान के अंदर मचाई तबाही
1. मध्य ईरान में, मोसाद के कमांडो दस्ते ने ईरानी के सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) साइटों के पास खुले क्षेत्रों में गुप्त तरीके से प्रीसीजन गाइडेड वेपन सिस्टम (सटीक निर्देशित हथियार प्रणाली) तैनात कर रखा था. हथियार प्रणालियों को तैनात किया. इजराइली हमले के दौरान, इन प्रणालियों को ईरान भर में वायु सेना के हमलों के साथ कॉर्डिनेट करते हुए एक्टिव कर दिया गया था, जो उच्च सटीकता के एक-एक कर मिसाइलों को लॉन्च करते रहे.
2. इजराइली लड़ाकू विमानों के लिए खतरा साबित होने वाली ईरान की एयर डिफेंस प्रणालियों को बेअसर करने के लिए, मोसाद ने गुप्त रूप से सैन्य वाहनों पर एक मिसाइल अटैक सिस्टम तैनात कर रखा था. इजरायली हमले की शुरुआत में, इन हथियारों प्रणाली को भी एक्टिव कर दिया गया. इससे टारगेटेड ईरानी एयर डिफेंस को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया.
3. मोसाद के तीसरे ऑपरेशन के तहत हमले से पहले ईरान में काफी अंदर तक घुसपैठ करने वाले विस्फोटक ड्रोन का एक नेटवर्क स्थापित किया था. इजारायली आक्रमण के दौरान, इन ड्रोनों को सक्रिय किया गया और तेहरान के निकट असफाकाबाद बेस पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल (एसजीएम) लांचरों पर दागा गया.
सुबोध कुमार