NEET UG: सेम परसेंटाइल, फिर रैंक अलग-अलग क्यों? समझिए कैसे तय हुई नीट यूजी की रैंक

NEET UG 2025 tie-breaking rules: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इस साल से नीट यूजी के लिए टाई-ब्रेकिंग नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, ताकि समान अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की रैंकिंग को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निर्धारित किया जा सके. कई बार ऐसा होता है कि दो या अधिक छात्रों के समान अंक होते हैं, जिसके कारण रैंकिंग में टाई हो जाती है.

Advertisement
NEET UG 2025 tie-breaking NEET UG 2025 tie-breaking

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2025,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

NEET UG Tie-Breaking Rules: राजस्थान के महेश कुमार ने 99.999547 परसेंटाइल लाकर ऑल इंडिया रैंक (AIR-1) हासिल कर टॉप किया है. मध्य प्रदेश के उत्कर्ष अवधिया ने 99.999095 परसेंटाइल लाकर AIR-2 और 99.9998189 परसेंटाइल के साथ महाराष्ट्र के कृषांग जोशी ने AIR-3 और दिल्ली के मृणाल किशोर झा ने AIR-4 हासिल की है. यह अकेला ऐसा मामला नहीं है, जिसमें कई उम्मीदवारों के परसेंटाइल समान हैं लेकिन रैंक अलग-अलग हैं. टॉप 10 में सात उम्मीदवारों के परसेंटाइल कुछ-कुछ समान हैं लेकिन रैंक अलग हैं.

Advertisement

NEET UG 2025: टॉप 10 में 7 छात्रों के समान अंक-रैंक अलग
रैंक 3: कृषांग जोशी - 99.9998189
रैंक 4: मृणाल किशोर झा - 99.9998189
रैंक 5: अविका अग्रवाल - 99.996832
रैंक 6: जेनिल विनोदभाई भयानी - 99.996832 
रैंक 7: केशव मित्तल - 99.996832
रैंक 9: हर्ष केदवत - 99.995474
रैंक 10: आरव अग्रवाल - 99.995474

समान अंक पर कैसे तय होती है नीट यूजी की रैंक?
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इस साल से नीट यूजी के लिए टाई-ब्रेकिंग नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, ताकि समान अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की रैंकिंग को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से निर्धारित किया जा सके. कई बार ऐसा होता है कि दो या अधिक छात्रों के समान अंक होते हैं, जिसके कारण रैंकिंग में टाई हो जाती है. इसे सॉल्व करने के लिए एनटीए ने सात पॉइंट्स टाई-ब्रेकिंग नीति लागू की है, जिसमें एक नया नियम भी जोड़ा गया है.

Advertisement

नए टाई-ब्रेकिंग नियम क्या हैं?
एनटीए के आधिकारिक सूचना बुलेटिन के अनुसार, यदि दो या अधिक उम्मीदवारों के नीट यूजी 2025 में समान अंक या प्रतिशत स्कोर होते हैं, तो उनकी रैंकिंग नीचे बताए गए क्रम में तय की गई है-  

1. बायोलॉजी में हाईस्कोर: बायोलॉजी (बॉटनी और जूलॉजी) में हाईस्कोर/प्रतिशत स्कोर प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को ऑल इंडिया रैंक (AIR) में प्राथमिकता दी जाएगी.  

2. केमिस्ट्री में हाईस्कोर: यदि टाई बनी रहती है, तो केमिस्ट्री में हाईस्कोर/प्रतिशत स्कोर वाले उम्मीदवार को प्राथमिकता मिलेगी.  

3. फिजिक्स में हाईस्कोर: यदि टाई अभी भी बनी रहती है, तो फिजिक्स में हाईस्कोर/प्रतिशत स्कोर वाले उम्मीदवार को वरीयता दी जाएगी.  

4. कुल गलत उत्तरों का कम अनुपात: सभी विषयों में गलत उत्तरों और सही उत्तरों की संख्या का अनुपात कम होने वाले उम्मीदवार को प्राथमिकता मिलेगी.  

5. बायोलॉजी में गलत उत्तरों का कम अनुपात: अगर टाई बनी रहती है, तो बायोलॉजी में गलत उत्तरों और सही उत्तरों का अनुपात कम होने वाले उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जाएगी.  

6. केमिस्ट्री में गलत उत्तरों का कम अनुपात: इसके बाद, केमिस्ट्री में गलत उत्तरों और सही उत्तरों का अनुपात कम होने वाले उम्मीदवार को प्राथमिकता मिलेगी.  

7. फिजिक्स में गलत उत्तरों का कम अनुपात: अंत में, फिजिक्स में गलत उत्तरों और सही उत्तरों का अनुपात कम होने वाले उम्मीदवार को वरीयता दी जाएगी.

Advertisement

नया नियम: रैंडम प्रक्रिया
अगर ऊपर बताए गए सात पैरामीटर्स के बाद भी टाई बनी रहती है, तो एनटीए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति की देखरेख में "रैंडम प्रक्रिया" के माध्यम से टाई को हल करेगा. यह नया नियम नीट यूजी 2024 में देखी गई समस्याओं के जवाब में पेश किया गया है, जहां कई उम्मीदवारों को समान रैंक प्राप्त हुई थी, जिससे रैंकिंग में अस्पष्टता पैदा हुई थी. इस नए नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक उम्मीदवार को एक विशिष्ट रैंक मिले.

पहले उम्र और आवेदन संख्या से तय होती थी रैंक 
पिछले वर्षों में, टाई-ब्रेकिंग के लिए उम्मीदवार की आयु और आवेदन संख्या जैसे मानदंडों का उपयोग किया जाता था, जिसमें अधिक उम्र के उम्मीदवार को प्राथमिकता दी जाती थी. हालांकि, नीट यूजी 2025 के लिए इन मानदंडों को हटा दिया गया है. अब रैंकिंग पूरी तरह से परीक्षा में प्रदर्शन पर आधारित होगी, जिससे प्रक्रिया को और अधिक निष्पक्ष बनाया गया है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement