भारतीय सेना लगातार अपनी ताकत बढ़ा रही है. आज की दुनिया में जंगें पुराने तरीके से नहीं लड़ी जातीं. दुश्मन की सीमाओं पर नई चुनौतियां हैं, जैसे तेज हमले और नई तकनीक. इसी को ध्यान में रखते हुए सेना 25 नई भैरव बटालियन (Bhairav Battalions) बना रही है. ये बटालियन पैदल सेना को आधुनिक और घातक बनाएंगी.
सेना के इन्फैंट्री डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार ने बताया कि सेना ड्रोन की ताकत बढ़ा रही है. हर पैदल बटालियन में अश्नी प्लाटून (Ashni Platoons) बनाई जा रही हैं, जिनकी संख्या अब 382 हो चुकी है. ये प्लाटून ड्रोन से जासूसी, निगरानी और हमले करेंगी. आइए समझते हैं कि ये भैरव बटालियन और अश्नी प्लाटून क्या हैं, कैसे काम करेंगी और सेना को कैसे मजबूत बनाएंगी.
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पहली 5 बटालियन इन जगहों पर भेजी गई हैं...
3 कोर (दिमापुर)
12 कोर (जोधपुर)
14 कोर (लेह)
15 कोर (श्रीनगर)
16 कोर (नागरोटा)
ये जगहें भारत की सीमाओं पर महत्वपूर्ण हैं, जैसे लद्दाख, राजस्थान और कश्मीर. यहां चीन और पाकिस्तान से खतरा रहता है. भैरव बटालियन इन्हें मजबूत बनाएंगी.
सेना में पहले से 10 पैरा स्पेशल फोर्सेस बटालियन और 5 पैरा एयरबोर्न बटालियन हैं. हर एक में 620 सैनिक होते हैं. ये बहुत बड़े और हवाई हमलों के लिए ट्रेनिंग वाली हैं. लेकिन भैरव छोटी और ज्यादा तेज हैं. ये पैदल सेना को स्पेशल फोर्सेस जैसी ताकत देंगी, बिना पूरी तरह बदलाव के.
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लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार कहते हैं कि भैरव बटालियन नई सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में सेना की ताकत बढ़ाएंगी. ये बटालियन सेना को ज्यादा चपल (agile), घातक और तकनीकी रूप से मजबूत बनाएंगी.
अब बात ड्रोन की. ड्रोन छोटे हवाई यंत्र हैं जो उड़कर जासूसी करते हैं या हमला करते हैं. सेना हर पैदल बटालियन में एक अश्नी प्लाटून बना रही है. ये प्लाटून ड्रोन से लैस होंगी. अब तक 382 ऐसी प्लाटून बन चुकी हैं.
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ये ड्रोन पैदल सेना को आधुनिक बनाएंगे. पहले सैनिक दूरबीन से देखते थे, अब ड्रोन से दूर से सब पता चलेगा. इससे जंग में कम नुकसान होगा और ज्यादा सफलता मिलेगी. लेफ्टिनेंट जनरल कुमार कहते हैं कि अश्नी प्लाटून स्थिति की समझ, सटीक निशाना और जंग की खुफिया जानकारी बढ़ाएंगी.
भारत की सीमाओं पर नई चुनौतियां हैं. चीन और पाकिस्तान नई तकनीक इस्तेमाल कर रहे हैं. इसलिए सेना पैदल सेना को बदल रही है. भैरव बटालियन तेज हमलों के लिए और अश्नी प्लाटून ड्रोन तकनीक के लिए हैं. ये कदम सेना को ज्यादा लचीला, घातक और तकनीकी बनाएंगे. सैनिकों को नई ट्रेनिंग मिलेगी. कुल मिलाकर, ये बदलाव भारत की सुरक्षा को मजबूत करेंगे. पुरानी ताकत को नई तकनीक से जोड़ना.
शिवानी शर्मा