अमेरिकी अखबार मियामी हेराल्ड की एक रिपोर्ट ने दुनिया भर में हलचल मचा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने वेनेजुएला के सैन्य ठिकानों पर हमले करने का फैसला कर लिया है. ये हमले कुछ घंटों या दिनों में शुरू हो सकते हैं. इसका मकसद वेनेजुएला के ड्रग कार्टेल के नेताओं को खत्म करना है. लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इसे सिरे से खारिज कर दिया है.
मियामी हेराल्ड ने 31 अक्टूबर को अपनी खबर में बताया कि ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला के अंदर सैन्य ठिकानों पर हमले का फैसला ले लिया है. ये ठिकाने 'सोल्स कार्टेल' (जिसे सन कार्टेल भी कहते हैं) इस्तेमाल करता है. अमेरिका का दावा है कि ये कार्टेल ड्रग तस्करी करता है. इसके सरगना मादुरो व उनके करीबी हैं. हमलों का लक्ष्य ये हैं...
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हमले हवाई और नौसेना के संयुक्त अभियान से होंगे. इनका उद्देश्य कार्टेल के नेताओं को मारना है. अमेरिकी अधिकारी मानते हैं कि ये कार्टेल हर साल 500 टन कोकीन यूरोप और अमेरिका भेजता है. एक स्रोत ने कहा कि मादुरो का समय खत्म हो रहा है. वह भाग भी न पाएंगे, क्योंकि कई जनरल उन्हें पकड़ने को तैयार हैं. वॉल स्ट्रीट जर्नल ने भी 30 अक्टूबर को ऐसी ही रिपोर्ट दी, लेकिन कहा कि अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ.
ये कार्टेल वेनेजुएला की सेना में घुसा हुआ है. अमेरिका ने मादुरो पर 50 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है (पहले 25 मिलियन था). उनके सहयोगी डायोसदादो काबेलो और व्लादिमीर पैड्रिनो लोपेज पर भी 25-25 मिलियन का इनाम है. अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी ने मादुरो को 'कार्टेल का सरगना' कहा है.
अमेरिका ने कैरिबियन सागर में अपनी सेना बढ़ा ली है. ये कदम ड्रग तस्करी रोकने के नाम पर उठाया गया है, लेकिन रिपोर्ट्स कहती हैं कि ये हमलों की तैयारी लगती है. सितंबर 2025 से अब तक अमेरिका ने कई हमले किए हैं, जिनमें 61 संदिग्ध तस्कर मारे गए. अब जमीन पर हमले की बात हो रही है. यहां तैनाती के आंकड़े हैं...
सैनिक (सोल्जर्स): कैरिबियन क्षेत्र में कुल 10,000 से ज्यादा अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. यूएसएस इवो जिमा जहाज पर 1,600 से ज्यादा मरीन सैनिक हैं. जनवरी 2025 से एक जॉइंट टास्क फोर्स में करीब 4,500 सैनिक हैं. यूएसएस जेराल्ड आर फोर्ड एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ 4,000 से ज्यादा सैनिक आ रहे हैं.
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युद्धपोत (वॉरशिप्स): कैरिबियन में 8 नौसेना के युद्धपोत तैनात हैं. इनमें 6 आर्लेघ बर्क-क्लास डिस्ट्रॉयर (जैसे यूएसएस ग्रेवली, यूएसएस थॉमस हडनर, यूएसएस रामेज, यूएसएस कार्नी, यूएसएस रूजवेल्ट) शामिल हैं.
अन्य जहाज: यूएसएस इवो जिमा (एम्फीबियस असॉल्ट शिप), यूएसएस सैन एंटोनियो और यूएसएस फोर्ट लॉडरडेल (एम्फीबियस ट्रांसपोर्ट डॉक), यूएसएस न्यूपोर्ट न्यूज (अटैक सबमरीन), एक स्पेशल ऑपरेशंस वेसल, कोस्ट गार्ड कटर्स और लॉजिस्टिक्स जहाज. यूएसएस जेराल्ड आर फोर्ड कैरियर ग्रुप के साथ 3 और जहाज आ रहे हैं, जिसमें क्रूजर यूएसएस नॉर्मैंडी है. कुल मिलाकर 10 से ज्यादा युद्धपोत क्षेत्र में हैं.
फाइटर जेट्स और विमान: प्यूर्टो रिको के सेइबा एयर बेस पर 10 एफ-35बी फाइटर जेट तैनात हैं. यूएसएस जेराल्ड आर फोर्ड पर करीब 90 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें कैरियर एयर विंग 8 के स्ट्राइक, सर्विलांस और सपोर्ट प्लेन शामिल हैं.
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अन्य विमान: एवी-8बी हेरियर्स (ग्राउंड अटैक), एएच-1जेड वायपर्स (हेलीकॉप्टर), एमवी-22 ओस्प्रे (टिल्टरॉटर), पी-8 रिकॉन्सेंस प्लेन और एमक्यू-9 रीपर ड्रोन्स (सटीक हमलों के लिए).
ये तैनाती सितंबर से बढ़ी है. विशेषज्ञ कहते हैं कि ये छोटे हमलों के लिए काफी हैं, लेकिन पूर्ण आक्रमण के लिए 30,000 सैनिक चाहिए (जैसे 1989 के पनामा पर हमले में).
ट्रंप प्रशासन ने रिपोर्ट को झूठा बताया. 31 अक्टूबर को व्हाइट हाउस की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी अन्ना केली ने कहा कि बेनाम स्रोतों को कुछ पता नहीं. कोई भी घोषणा ट्रंप से ही आएगी. राष्ट्रपति ट्रंप ने एयर फोर्स वन पर कहा कि हमलों का कोई फैसला नहीं. विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक्स पर लिखा कि मियामी हेराल्ड के स्रोतों ने उन्हें बेवकूफ बनाया है. ये फेक स्टोरी है. कुछ रिपोर्ट्स कहती हैं कि ट्रंप ने फैसला उलट दिया है. लेकिन तैनाती बरकरार है, जिससे संदेह बढ़ रहा है.
वेनेजुएला में मादुरो की सरकार पर अमेरिका सालों से दबाव डाल रहा है. ट्रंप ने सितंबर 2025 में पहला हवाई हमला किया, जिसमें 11 तस्कर मारे गए. अब तक 14 हमलों में 61 लोग मारे गए. विशेषज्ञ कहते हैं कि ये कार्टेल ट्रेन डे अरागुआ गैंग और मेक्सिको के सिनालोआ कार्टेल से जुड़ा है.
वेनेजुएला का तेल भंडार दुनिया का सबसे बड़ा है, इसलिए तनाव से तेल की कीमतें बढ़ गईं. विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो (नोबेल शांति पुरस्कार विजेता) ने मादुरो को चेतावनी दी कि उनका समय खत्म है.
ये खबर सच्ची है या अफवाह, अभी साफ नहीं. अमेरिका ड्रग तस्करी रोकने का बहाना बना रहा है, लेकिन कई इसे मादुरो सरकार गिराने की साजिश मानते हैं. विशेषज्ञ कहते हैं कि छोटा हमला बड़ा युद्ध बन सकता है. दुनिया की नजरें कैरिबियन पर हैं.
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