ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी अड्डों तबाह कर दिया था. इसके अलावा पाकिस्तान की तरफ से किए गए हर हमले को भारत के एयर डिफेंस ने नाकाम किया था. इस सैन्य संघर्ष में पाकिस्तान ने तुर्की निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया था, लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम के आगे सब फेल हो गए. अब पाकिस्तान और तुर्की के बीच होने वाली 900 मिलियन डॉलर की ड्रोन डील पर भी इसका असर पड़ा है.
तुर्की से ड्रोन मंगा रहा PAK
पाकिस्तान एक बार फिर बेहतर ड्रोन सिस्टम के लिए तुर्की की ओर देख रहा है, क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर में तुर्की के ड्रोन बुरी तरह नाकाम रहे थे. पाकिस्तान और तुर्की अब एडवांस ड्रोन और नए सौदों के साथ अपनी सैन्य ड्रोन क्षमताओं को फिर से तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं.
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खुफिया सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने अपनी ड्रोन और गोला-बारूद क्षमताओं को मजबूत करने के लिए कई बार मुलाकात की है. तुर्की ड्रोन निर्माता बायकर ने हाल ही में केमानकेश 1, एक एआई-संचालित मिनी स्मार्ट क्रूज मिसाइल का सफल लाइव-फायर टेस्ट किया, जो तुर्की की सटीक-स्ट्राइक क्षमताओं का विस्तार करने का दावा करता है.
ड्रोन फेलियर की हो रही जांच
बायरकटार AKINCI ड्रोन से लैस मिसाइल ने तुर्की के तेकिरदाग और एडिरने प्रांतों में आयोजित टेस्ट मिशनों की एक सीरीज के दौरान हवाई और जमीनी दोनों टारगेट को तबाह करके अपनी लड़ाकू शक्ति का प्रदर्शन किया. बायरकटार टीबी2 ड्रोन ने सटीक हमलों के फुटेज को कैद किया, जिससे युद्ध के हालात में मिसाइल की सटीकता और प्रभावशीलता दिखाने की कोशिश हुई.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तुर्की के YIHA ड्रोन का इस्तेमाल किया था, जिन्हें भारतीय एयर डिफेंस ने पूरी तरह से फेल कर दिया था. सूत्रों के अनुसार, तुर्की ने पाकिस्तान में अपने ड्रोन की विफलता की जांच भी शुरू की है. इनमें से कई ड्रोन तुर्की के ऑपरेटर्स चला रहे थे.
भारत के खिलाफ रच रहे साजिश
पाकिस्तान अपनी निगरानी और सटीक हमला करने की क्षमताओं को बढ़ाने के मकसद से एडवांस UAV सिस्टम की खरीद को अंतिम रूप देने वाला है. तुर्की के साथ पाकिस्तान के इस सौदे में 'कामिकेज़ ड्रोन' जैसे हथियार शामिल होंगे. जुलाई की शुरुआत में इस्लामाबाद की एक उच्च-स्तरीय यात्रा के दौरान, तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फ़िदान और रक्षा मंत्री यासर गुलर ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, आईएसआई लीडरशिप और बाकी टॉप डिफेंस ऑफिशियल के साथ चर्चा की थी.
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खुफिया आकलन के अनुसार, इस संयुक्त वार्ता में भारत के खिलाफ कोशिशों को हाइलाइट करने के साथ-साथ ऑपरेशनल इंटेलिजेंस शेयर करने और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया. सैन्य तालमेल के लिए एडवांस ड्रोन और 700 लोइटरिंग गोला-बारूद की डील के अलावा, पाकिस्तान और तुर्की ने 2025 के आखिर तक द्विपक्षीय व्यापार को 5 अरब डॉलर तक बढ़ाने का संकल्प लिया है.
शिवानी शर्मा