कम्बोडिया के हवाई हमले से बचने के लिए थाईलैंड ने तैनात की फ्रेंच VLMICA एयर डिफेंस सिस्टम

थाई सेना का VL MICA सिस्टम तैनात करना कम्बोडिया के साथ तनाव में एक बड़ा कदम है. यह सिस्टम अगर सफल रहा, तो थाईलैंड की हवाई सुरक्षा मजबूत होगी. MBDA की तकनीक की साख बढ़ेगी. लेकिन पहली बार इस्तेमाल होने से सावधानी जरूरी है. क्या यह सिस्टम जंग को खत्म करेगा या और बढ़ाएगा?

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ये है थाईलैंड द्वारा तैनात VLMICA एयर डिफेंस सिस्टम. (Photo: MBDA) ये है थाईलैंड द्वारा तैनात VLMICA एयर डिफेंस सिस्टम. (Photo: MBDA)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST

थाईलैंड और कम्बोडिया के बीच सीमा पर हाल के भयंकर संघर्ष के बाद रॉयल थाई आर्मी (RTA) अपने फ्रांसीसी निर्मित VL MICA शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम को पहली बार युद्ध में इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है. X अकाउंट Visioner के 26 जुलाई 2025 के वीडियो के मुताबिक, यह कदम 24 जुलाई से शुरू हुए तनाव के जवाब में उठाया जा रहा है.

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ता मुएन थॉम और प्रह वीहार जैसे विवादित क्षेत्रों में तोपखाने और रॉकेट हमलों से हालात बिगड़ गए. इस संघर्ष में कई लोग मारे गए और अलर्ट लेवल बढ़ गया है. आइए, समझते हैं कि यह सिस्टम क्या है, क्यों तैनात हो रहा है और थाईलैंड की सुरक्षा पर इसका क्या असर होगा.

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VL MICA सिस्टम क्या है और क्यों जरूरी है?

VL MICA एक आधुनिक हवाई रक्षा मिसाइल सिस्टम है, जो यूरोपीय कंपनी MBDA ने बनाया है. इसे थाई सेना ने 2017 में खरीदा था. 2019 से इस्तेमाल शुरू किया. यह सिस्टम पुराने और कमजोर स्पाडा 2000 सिस्टम की जगह ले रहा है. इसका मकसद थाईलैंड की सेना को हवाई खतरे (जैसे ड्रोन, क्रूज मिसाइल और लड़ाकू विमान) से बचाना है.

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  • काम: यह सिस्टम कम दूरी (20 किमी तक) के हवाई हमलों को रोक सकता है. इसमें रडार और इंफ्रारेड गाइडेड मिसाइलें होती हैं, जो दुश्मन को सटीक निशाना बनाती हैं.  
  • उपयोग: यह सैनिकों, सैन्य ठिकानों और शहरों की रक्षा कर सकता है.  
  • तकनीक: मिसाइल को सीधे ऊपर से लॉन्च किया जाता है, जिससे चारों तरफ से खतरे को भांपने और मारने में मदद मिलती है.

क्यों जरूरी? कम्बोडिया की ओर से रॉकेट, तोपखाने और ड्रोन हमले बढ़ गए हैं. थाई सेना इनसे निपटने के लिए VL MICA को सीमा के पास तैनात कर रही है. यह पहली बार है जब इसे असली जंग में आजमाया जाएगा, जो MBDA के लिए भी एक बड़ा टेस्ट है.

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क्या हुआ था सीमा पर?

शुरुआत: 24 जुलाई 2025 को ता मुएन थॉम और प्रह वीहार इलाकों में संघर्ष शुरू हुआ. दोनों देशों ने एक-दूसरे पर पहले हमले का आरोप लगाया.  
हालात: तोपखाने और रॉकेट हमलों से कई सैनिक और नागरिक मारे गए. थाईलैंड ने F-16 जेट्स से जवाबी हमले किए, जबकि कम्बोडिया ने भारी हथियारों का इस्तेमाल किया.  
असर: हजारों लोग विस्थापित हुए. स्कूल-हॉस्पिटल बंद हुए. थाई सेना ने ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचाव के लिए VL MICA को आगे बढ़ाया.

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VL MICA की खासियतें

यह सिस्टम इसलिए खास है क्योंकि यह हर तरह के हवाई खतरे से निपट सकता है...

  • रेंज: 20 किमी तक दुश्मन को निशाना बना सकता है.  
  • ऊंचाई: 20 मीटर से 9,000 मीटर तक उड़ने वाले टारगेट्स को मार सकता है.  
  • गाइडेंस: इसमें रडार और इंफ्रारेड सेंसर हैं, जो दिन-रात काम करते हैं.  
  • गति: तेज रिएक्शन टाइम और चपलता इसे खतरनाक बनाती है.  
  • मोबाइल: ट्रकों पर लगा होने से इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है.

यह सिस्टम मिसाइल को सीधे ऊपर लॉन्च करता है, जो 360 डिग्री कवरेज देता है. रडार और इंफ्रारेड तकनीक इसे सटीक बनाती है, जैसे निशाने पर तीर चलाना.

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थाईलैंड ने क्यों खरीदा VL MICA?

  • पुराना सिस्टम: थाई सेना के पास पुराने स्पाडा सिस्टम थे, जो अब कमजोर पड़ गए थे.  
  • आधुनिकीकरण: 2017 में MBDA के साथ सौदा हुआ, ताकि यूरोपीय तकनीक से सेना को मजबूत किया जा सके.  
  • रणनीति: यह सिस्टम शहरों, सैन्य ठिकानों और सीमा इलाकों की रक्षा के लिए है.  
  • पहला ग्राहक: थाईलैंड दक्षिण-पूर्व एशिया में पहला देश बना, जिसने इस सिस्टम को अपनाया.

क्या होगा असर?

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  • सुरक्षा: अगर VL MICA कामयाब रहा, तो थाईलैंड के सैनिक और नागरिक सुरक्षित रहेंगे.  
  • ड्रोन और मिसाइल: कम्बोडिया के ड्रोन और रॉकेट हमले रुक सकते हैं.  
  • MBDA का फायदा: अगर यह सिस्टम जंग में साबित हो गया, तो MBDA को और देशों से ऑर्डर मिल सकते हैं.  
  • जोखिम: पहली बार इस्तेमाल होने से तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं. संघर्ष और बढ़ सकता है.

चुनौतियां क्या हैं?

पहली बार टेस्ट: यह सिस्टम अभी तक जंग में आजमाया नहीं गया, तो असर अनिश्चित है.  
तनाव: इसका इस्तेमाल संघर्ष को शांत कर सकता है या और भड़का सकता है.  
नागरिक सुरक्षा: सीमा के पास गांवों में लोग हैं, उनकी रक्षा करना मुश्किल होगा.

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