भारतीय सेना अब सिर्फ हथियारों से नहीं... नेटवर्क, AI और टेक्नोलॉजी से भी दुश्मन को हराएगी

भारतीय सेना ने 2026-27 को ‘नेटवर्किंग और डेटा सेंट्रिसिटी का वर्ष’ घोषित किया. डेटा को नया हथियार बनाकर AI, सुरक्षित नेटवर्क और तीनों सेनाओं का इंटीग्रेशन होगा. तेज निर्णय, साइबर सुरक्षा और संयुक्त ऑपरेशन मजबूत होंगे. आत्मनिर्भर भारत व भविष्य के युद्ध के लिए बड़ा डिजिटल कदम है.

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भारतीय सेना 2026-27 को टेक्नोलॉजी, नेटवर्किंग और डेटा सेंट्रिसिटी का वर्ष घोषित किया है. (Photo: Representational/Getty) भारतीय सेना 2026-27 को टेक्नोलॉजी, नेटवर्किंग और डेटा सेंट्रिसिटी का वर्ष घोषित किया है. (Photo: Representational/Getty)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:19 PM IST

भारतीय सेना ने बड़ा ऐलान किया है – वर्ष 2026-27 को ‘टेक्नोलॉजी, नेटवर्किंग और डेटा सेंट्रिसिटी का वर्ष’ घोषित किया गया है. इसका सीधा मतलब है कि अब सेना पूरी तरह डिजिटल और स्मार्ट हो जाएगी. हर सैनिक, हर हथियार, हर सेंसर एक-दूसरे से जुड़ जाएगा. डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सेना की नई ताकत बनेंगे.

आज का युद्ध सिर्फ बंदूक से नहीं लड़ते

आज दुश्मन जमीन, आसमान, समुद्र, साइबर स्पेस और अंतरिक्ष – हर जगह से हमला कर सकता है. ऐसे में जीत उसी की होती है जो...

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  • सबसे तेज और सही जानकारी पाए.
  • तुरंत फैसला ले सके.
  • तीनों सेनाएं (थल, वायु, नौसेना) एक साथ मिलकर लड़े.
  • इसीलिए सेना अब सब कुछ एक बड़े नेटवर्क से जोड़ रही है.
  • सेंसर से सीधे कमांडर तक जानकारी पहुंचेगी.
  • AI दुश्मन की हरकत पहले ही बता देगा.

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इस बदलाव से सेना को क्या-क्या फायदा होगा?

  • फैसले बहुत तेज और सटीक होंगे.
  • AI दुश्मन की अगली चाल पहले ही बताएगा.
  • थलसेना, वायुसेना और नौसेना एक ही पेज पर रहेंगी.
  • साइबर हमले से भी पूरी सुरक्षा.
  • ड्रोन, मिसाइल, रडार – सब एक साथ काम करेंगे.

तीन मुख्य स्तंभों पर खड़ी है यह योजना

  • डेटा – अब नया हथियार... हर चीज से डेटा इकट्ठा होगा। AI उसका विश्लेषण करेगा और भविष्य बताएगा. डेटा को स्ट्रैटेजिक हथियार कहा जा रहा है.
  • मजबूत और सुरक्षित नेटवर्क... पुराना नेटवर्क बदलकर नया, तेज और हैक-प्रूफ नेटवर्क बनेगा. सैटेलाइट, क्लाउड और स्वदेशी कंप्यूटर का इस्तेमाल होगा.

सबको जोड़ना  

  • सेना के अंदर सभी यूनिट्स.
  • तीनों सेनाओं के बीच.
  • राष्ट्रीय एजेंसियों (RAW, IB आदि) के साथ.
  • मित्र देशों की सेनाओं के साथ.
  • उद्योग, स्टार्ट-अप और कॉलेजों के साथ.

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कैसे होगा यह सब? चार चरणों में

  • पहले सभी डेटा को एक ही फॉर्मेट में लाना.
  • सारे ऐप और सेंसर को एक प्लेटफॉर्म पर जोड़ना.
  • AI वाली छोटी-छोटी पायलट प्रोजेक्ट चलाना.
  • अपना क्लाउड, स्वदेशी कंप्यूटर और सुरक्षित डेटा लिंक बनाना.

यह काम आर्मी हेडक्वार्टर की देखरेख में होगा. हर तीन महीने में ऊंचे अधिकारियों की मीटिंग में प्रोग्रेस चेक होगी.

देश को भी होगा बड़ा फायदा

  • आपदा (बाढ़, भूकंप) में सेना और तेज मदद पहुंचा सकेगी.
  • पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों से बेहतर जुड़ाव.
  • भारतीय कंपनियां नई तकनीक बनाएंगी – आत्मनिर्भर भारत को बल.
  • साइबर, AI, ड्रोन में नौजवानों को मौका मिलेगा.

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2032 तक नई भारतीय सेना तैयार

यह सिर्फ एक साल का प्लान नहीं है. यह 2032 तक चलने वाले दशक भर के परिवर्तन का सबसे बड़ा कदम है. इसके बाद भारतीय सेना...

  • दुनिया की सबसे स्मार्ट और तेज सेनाओं में शामिल हो जाएगी.
  • इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड आसानी से चलेंगे.
  • वैश्विक स्तर पर भारत की ताकत और बढ़ेगी.

सेना का संदेश साफ है – अब युद्ध सिर्फ हथियार से नहीं, दिमाग और डेटा से जीता जाएगा. भारतीय सेना भविष्य के लिए पूरी तरह तैयार हो रही है.

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