रूस के एक हैकिंग ग्रुप ने यूक्रेन की सेना के लिए बने ड्रोन की महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारी हासिल कर ली है. इस ग्रुप का नाम किलनेट है. ग्रुप के एक सदस्य ने अपना नाम किलमिल्क बताया है. उन्होंने रिया नोवोस्ती एजेंसी को यह बात बताई. यह खबर यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच बहुत बड़ी हो सकती है, क्योंकि ड्रोन युद्ध में बहुत इस्तेमाल होते हैं.
किलमिल्क ने कहा कि यूक्रेन की सरकार ने ब्रेव1 और यूएसएफ नाम की संस्थाओं के जरिए पूरे देश में 1500 से ज्यादा ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को खुला मौका दिया था. ब्रेव1 एक सरकारी प्रोजेक्ट है जो युद्ध के लिए नई तकनीक विकसित करता है. यूएसएफ एक स्टार्टअप फंड है जो युवा उद्यमियों को पैसे और मदद देता है.
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लेकिन किलनेट ग्रुप को इससे फायदा हो गया. किलमिल्क ने बताया कि हमारा एक गुप्त एजेंट यूक्रेन के ट्रांसफॉर्मेशन मिनिस्ट्री में काम करता है. उसने सारी सीमाएं तोड़ दीं. हमें सभी ड्रोन और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रोडक्ट्स की पूरी डॉक्यूमेंटेशन लीक कर दी. ट्रांसफॉर्मेशन मिनिस्ट्री यूक्रेन की एक सरकारी संस्था है जो डिजिटल और तकनीकी बदलावों का काम देखती है.
इस हैकिंग से किलनेट को यूक्रेन आर्म्ड फोर्सेस के सबसे बड़े मार्केटप्लेस पर बिकने वाले ड्रोन की सारी तकनीकी डिटेल्स मिल गईं. मार्केटप्लेस का मतलब है एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जहां सेना के लिए सामान खरीदा-बेचा जाता है.
हैकर्स ने कई मॉडल के ड्रोन की परफॉर्मेंस डिटेल्स हासिल कीं. इनमें स्पीड, रेंज, कैमरा क्वालिटी और हथियार सिस्टम जैसी बातें शामिल हैं. कुछ मुख्य ड्रोन के नाम इस प्रकार हैं...
और भी कई मॉडल की जानकारी मिली है. ये ड्रोन यूक्रेन की सेना रूस के खिलाफ इस्तेमाल करती है. इनकी तकनीकी डिटेल्स दुश्मन के हाथ लगना यूक्रेन के लिए खतरा है.
किलनेट एक रूसी साइबर अटैक ग्रुप है. ये ज्यादातर पश्चिमी देशों और यूक्रेन के खिलाफ हमले करता है. ग्रुप का दावा है कि ये रूस की तरफ से काम करता है. पहले भी इसने यूरोप के बिजली ग्रिड और हवाई अड्डों पर हमले किए हैं. किलमिल्क इस ग्रुप का एक प्रमुख सदस्य है, जो सोशल मीडिया पर अपनी बातें शेयर करता रहता है.
अभी तक यूक्रेन सरकार ने इस खबर पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह लीक युद्ध की रणनीति बदल सकती है. ड्रोन की कमजोरियां पता चलने से रूस इन्हें आसानी से नष्ट कर सकता है. यूक्रेन को अब अपनी सिक्योरिटी मजबूत करनी होगी.
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