'ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों ने दिखाया बेहतरीन पराक्रम ', कम्बाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोलकाता में संयुक्त कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (CCC2025) का उद्घाटन किया. इस दौरान अपने संबोधन में पीएम ने सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में बेहतरीन भूमिका निभाई और उन्होंने राष्ट्र निर्माण में सेना के महत्वपूर्ण योगदान पर भी जोर दिया.

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PM मोदी ने CCC2025 का किया उद्घाटन. (photo: ITG) PM मोदी ने CCC2025 का किया उद्घाटन. (photo: ITG)

शिवानी शर्मा

  • कोलकाता,
  • 15 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:40 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोलकाता में मुख्यालय पूर्वी कमान द्वारा आयोजित संयुक्त कमांडर सम्मेलन (सीसीसी 2025) का उद्घाटन किया. दो दिवसीय ये सम्मेलन 'ईयर ऑफ रिफॉर्म्स - ट्रांसफॉर्मेशन फॉर द फ्यूचर' की थीम पर आधारित है. कॉन्फ्रेंस में भारतीय सशस्त्र बलों में बड़े सुधारों को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सशस्त्र बलों की भूमिका की सराहना की.  

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सम्मेलन में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण और संयुक्तता पर विशेष जोर दिया गया. आधुनिक युद्ध की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों को बहु-क्षेत्रीय युद्ध (मल्टी-डोमेन वॉरफेयर) के लिए तैयार करने की आवश्यकता पर चर्चा हुई. इसमें उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल, साइबर युद्ध, अंतरिक्ष-आधारित क्षमताओं और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के एकीकरण जैसे विषय पर चर्चा हुई.

PM ने की ऑपरेशन सिंदूर की सराहना

प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में बेहतरीन भूमिका निभाई. उन्होंने राष्ट्र निर्माण में सेना के महत्वपूर्ण योगदान पर भी जोर दिया.

पीएम ने बताया कि सेना ने हमेशा देश की संप्रभुता और सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई है. इस दौरान उन्होंने सशस्त्र बलों के साहस, समर्पण और बलिदान की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि सेना देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार रहती है और हर चुनौती का सामना करती है.

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इन मुद्दों पर रहा फोकस

CCC 2025 का मुख्य फोकस सुधार, बदलाव और परिचालन तत्परता पर है. ये सभी पहलू सशस्त्र बलों की संस्थागत सुधारों, गहरे एकीकरण और तकनीकी आधुनिकीकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाते हैं. विचार-विमर्श का उद्देश्य सशस्त्र बलों को और अधिक मजबूत बनाना है, ताकि वे बदलते जियोपॉलिटिकल परिदृश्य में निर्णायक रह सकें.

इस सम्मेलन में सेना के विभिन्न रैंकों के अधिकारियों और कर्मियों के साथ भी बातचीत के सत्र होंगे, ताकि जमीनी स्तर के दृष्टिकोण को भी शामिल किया जा सके.

प्रधानमंत्री के अलावा इस उच्च स्तरीय सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा प्रमुख जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ-साथ अन्य मंत्रालयों के सचिव और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के अधिकारियों ने भी भाग लिया है.

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