चीन ने साधारण जहाज को बना डाला युद्धपोत, पूरी दुनिया में चिंता... क्या हो रही जंग की तैयारी?

चीन ने एक साधारण कार्गो जहाज को मिसाइलों से लैस कर दिया है. इसके डेक पर 60 वर्टिकल लॉन्च सेल, बड़ा रडार और CIWS सिस्टम लगे हैं. यह अमेरिकी डेस्ट्रॉयर की तुलना में दो-तिहाई मिसाइल क्षमता रखता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन की कॉमर्शियल जहाजों को युद्धपोत बनाने की रणनीति का हिस्सा है, जो नौसेना ताकत बढ़ाएगी.

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ये है वो जहाज जिसपर रडार, मिसाइल लॉन्चर, ऑटोमैटिक गन लगा हुआ है. (Photo: X/TWZ) ये है वो जहाज जिसपर रडार, मिसाइल लॉन्चर, ऑटोमैटिक गन लगा हुआ है. (Photo: X/TWZ)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

चीनी इंटरनेट पर कुछ तस्वीरें वायरल हुई हैं. यह एक साधारण कार्गो जहाज है जिसपर मिसाइल लॉन्चर भरे पड़े हैं. यह जहाज झोंग डा 79 नाम का मध्यम आकार का कंटेनर जहाज है, जिसके डेक पर कंटेनरों में वर्टिकल लॉन्च सिस्टम (VLS) लगे हुए हैं. इनमें से कई कंटेनर मिसाइल लॉन्च करने के लिए बने हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह चीन की नौसेना की ताकत बढ़ाने की एक नई रणनीति हो सकती है.

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इस जहाज पर करीब 60 बड़े VLS सेल लगे हैं. ये सेल 5 चौड़े और 3 गहरे सीरीज में हैं. हर कंटेनर में 4 लॉन्च ट्यूब हैं. यह संख्या अमेरिकी नौसेना के अरलेघ बर्क क्लास डिस्ट्रॉयर की मिसाइल क्षमता का दो-तिहाई है. इन सेलों में एंटी-शिप मिसाइलें, लैंड-अटैक क्रूज मिसाइलें या एयर डिफेंस मिसाइलें रखी जा सकती हैं.

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रडार और क्लोज-इन वेपन सिस्टम से लैस

जहाज के आगे की तरफ एक बड़ा रोटेटिंग फेज्ड-एरे रडार लगा है, जो तीन कंटेनरों के ऊपर है. इसके बगल में एक डोम वाला रडार या कम्युनिकेशन सिस्टम है. जहाज के आगे वाले हिस्से में टाइप 1130 CIWS (क्लोज-इन वेपन सिस्टम) लगा है, जो 30mm की गन है. आने वाली मिसाइलों या ड्रोनों को रोकने के लिए इस्तेमाल होती है. इसके नीचे टाइप 726 डिकॉय लॉन्चर हैं, जो दुश्मन को धोखा देने के लिए चाफ और फ्लेयर्स छोड़ते हैं.

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शंघाई के शिपयार्ड में खड़ा है ये जहाज

यह जहाज शंघाई के एक शिपयार्ड में खड़ा है. सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि इसकी मरम्मत अप्रैल से अगस्त 2025 तक हुई थी. विशेषज्ञ रिक जो कहते हैं कि कंटेनरों पर लिखा टेक्स्ट थोड़ा मजाकिया है, जो असली PLA प्रोजेक्ट्स में नहीं होता. इसलिए कुछ लोग सोच रहे हैं कि यह सिर्फ एक मॉकअप या डेमोंस्ट्रेटर हो सकता है, न कि पूरी तरह तैयार जहाज. लेकिन रडार और CIWS की फिटिंग मजबूत लग रही है.

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चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा कॉमर्शियल फ्लीट

चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा कमर्शियल शिपिंग फ्लीट है. अगर वह अपने साधारण जहाजों को ऐसे हथियारों से लैस कर ले, तो युद्ध के समय यह बहुत बड़ी ताकत बन सकता है. ये जहाज सामान्य ट्रैफिक में छिपकर दुश्मन पर अचानक हमला कर सकते हैं. इसे आर्सेनल शिप की कहते हैं, जहां सस्ते प्लेटफॉर्म पर ढेर सारी मिसाइलें रखी जाती हैं.

पहले भी चीन कॉमर्शियल जहाज को युद्धाभ्यास में लाया था

पहले भी चीन ने अपने कॉमर्शियल जहाजों को हेलीकॉप्टर कैरियर या द्वीप हमले के लिए इस्तेमाल करने की प्रैक्टिस की है. अमेरिका भी कंटेनराइज्ड वेपन्स पर काम कर रहा है, लेकिन चीन की जहाज बनाने की क्षमता बहुत तेज है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है.

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अभी कई सवाल बाकी हैं?

कई सवाल बाकी हैं. क्या यह जहाज असल में लड़ाई में इस्तेमाल होगा? इसके सिस्टम कैसे एक-दूसरे से जुड़ेंगे? और युद्ध के नियमों के हिसाब से कॉमर्शियल जहाजों को हथियारबंद करना कितना सही है? आने वाले दिनों में इस पर और चर्चा होगी. पिछले साल भी क्रिसमस पर चीन ने नए स्टेल्थ जेट्स की तस्वीरें लीक की थीं, शायद यह नया क्रिसमस गिफ्ट है.

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