भारतीय नौसेना का पहला स्वदेशी 3D एयर सर्विलांस रडार कमीशन... नहीं बचेंगे दुश्मन के हवाई टारगेट

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने स्पेन की इंद्रा के साथ मिलकर भारतीय नौसेना के लिए पहला स्वदेशी 3D एयर सर्विलांस रडार ‘लांजा-एन’ कमीशन किया. यह रडार युद्धपोत पर लगाया गया है. ड्रोन, जेट, मिसाइलों को ट्रैक करता है. कर्नाटक में टाटा की फैक्ट्री और रडार बनाएगी.

Advertisement
ये है भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया पहला 3D एयर सर्विलांस रडार (3D-ASR) - लांजा-एन. (Photo: Indian Navy) ये है भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया पहला 3D एयर सर्विलांस रडार (3D-ASR) - लांजा-एन. (Photo: Indian Navy)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने स्पेन की डिफेंस कंपनी इंद्रा के साथ मिलकर भारतीय नौसेना के लिए पहला 3D एयर सर्विलांस रडार (3D-ASR) - लांजा-एन कमीशन किया है. यह रडार एक भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर लगाया गया है. यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है.

लांजा-एन रडार क्या है?

लांजा-एन इंद्रा का लांजा 3D रडार का नौसैनिक संस्करण है, जो दुनिया के सबसे एडवांस लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस और एंटी-मिसाइल रडार में से एक है. यह रडार हवा और सतह दोनों के लक्ष्यों को 3D में ट्रैक करता है. इसकी रेंज 254 नॉटिकल माइल्स (लगभग 470 किमी) है. यह ड्रोन, सुपरसोनिक फाइटर जेट, एंटी-रेडिएशन मिसाइल, और नौसैनिक प्लेटफॉर्म को पकड़ सकता है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: न अमेरिका पर रहेगी निर्भरता, न किसी और देश पर... फाइटर जेट के स्वदेशी इंजन का प्रोजेक्ट साफरान कितना अहम?

यह खराब मौसम में भी काम करता है और दुश्मन के हमलों को रोकने में माहिर है. यह पहली बार है जब लांजा-एन रडार स्पेन के बाहर काम करेगा. इंद्रा ने इसे भारतीय महासागर की नमी और गर्मी के लिए अनुकूलित किया है. रडार को युद्धपोत के सभी सिस्टम से जोड़ा गया है. सख्त समुद्री परीक्षणों के बाद इसे स्वीकार किया गया. परीक्षणों में विभिन्न नौसैनिक और हवाई प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया.

टाटा और इंद्रा का सहयोग

यह उपलब्धि टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (TASL) और इंद्रा के बीच 2020 में हुए समझौते का नतीजा है. इस समझौते में 23 रडारों की डिलीवरी का प्रावधान है, जिनमें से तीन पूरे इंद्रा से आएंगे. बाकी 20 टाटा भारत में असेंबल करेगा. टाटा ने कर्नाटक में एक रडार असेंबली, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी बनाई है, जो डिलीवरी को तेज करेगी.

Advertisement

यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान था जासूसी का खतरा, व्हाट्सएप की जगह जवानों ने इस्तेमाल किया SAMBHAV

TASL के CEO और MD सुकर्ण सिंह ने कहा कि इंद्रा के साथ हमारा सहयोग भारत में रडार निर्माण क्षमता को मजबूत करने का प्रतीक है. हम स्थानीय सप्लाई चेन और तकनीकी विशेषज्ञता से उन्नत रक्षा प्रणालियों का इकोसिस्टम बना रहे हैं. इंद्रा के नेवल बिजनेस यूनिट की हेड आना बुएंडिया ने कहा कि यह प्रोजेक्ट रडार डिलीवरी से आगे है. हमने बेंगलुरु में टाटा के साथ रडार फैक्ट्री बनाई, जो हमें स्थानीय उत्पादन और सेवा प्रदान करने में मदद करेगी. 

भारतीय नौसेना के लिए महत्व

यह रडार भारतीय नौसेना के फ्रिगेट, डिस्ट्रॉयर और एयरक्राफ्ट कैरियर पर लगाया जाएगा. पहले कमीशंड रडार एक युद्धपोत पर लगाया गया है. बाकी जल्द ही आएंगे. यह नौसेना की निगरानी क्षमता को मजबूत करेगा. खासकर दुश्मन के ड्रोन, जेट और मिसाइलों के खिलाफ. 

इंद्रा का लांजा-एन रडार मॉड्यूलर, सॉलिड-स्टेट और पल्स्ड टैक्टिकल रडार है, जो सभी प्रकार के हवाई और सतही लक्ष्यों को ट्रैक करता है. यह भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है. टाटा पहली भारतीय कंपनी बनी जो नेक्स्ट-जनरेशन नेवल सर्विलांस रडार बना और इंटीग्रेट कर रही है. 50% से ज्यादा लोकलाइजेशन होगा, जो ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देगा.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement