तोप, गोलीबारी और हवाई हमले... रात भर चले पाकिस्तान-तालिबान युद्ध की पूरी कहानी

पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर 12 अक्टूबर रात खूनी झड़प हुई. अफगान तालिबान ने ड्रोन हमले के जवाब में पाकिस्तानी चौकियों पर गोलीबारी की. पाकिस्तान ने तोपों और PAF जेट्स से जवाब दिया, 11 अफगान पोस्ट नष्ट किए है. सुबह 4 बजे गोलीबारी रुकी. सीमाएं बंद हैं. तनाव बरकरार है.

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तालिबान से लड़ते समय मारे गए पाकिस्तानी सैनिक आसलम जद्रान को दफनाने ले जाते लोग. (Photo: Reuters) तालिबान से लड़ते समय मारे गए पाकिस्तानी सैनिक आसलम जद्रान को दफनाने ले जाते लोग. (Photo: Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 1:24 PM IST

12 अक्टूबर को पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर भयानक लड़ाई हुई. यह झड़प करीब सात घंटे चली, जिसमें दोनों तरफ से गोलियां चलीं. तोपों की गड़गड़ाहट हुई. हवाई जहाजों ने हमले किए. पाकिस्तान के एक सैनिक आसलम जद्रान की मौत हो गई, जिनका शव पाकिस्तानी झंडे में लिपटा हुआ कुर्रम जिले में दफनाया गया. इसके बाद पाकिस्तान में कबूल किया हमारे 25 सैनिक मारे गए. तालिबान कह रहा है उसने पाकिस्तान के 52 सैनिकों को मारा है. लेकिन झूठ की फैक्ट्री पाकिस्तान 200 तालिबानी मारने का दावा कर रहा. 

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झड़प कैसे शुरू हुई? ड्रोन हमले से सब कुछ बिगड़ा

सबसे पहले, पाकिस्तान ने अपने इलाके में छिपे 27 आतंकियों को मारने के लिए ड्रोन से हमला किया. यह हमला पाकिस्तान की जमीन पर ही हुआ था. अफगान तालिबान को यह पसंद नहीं आया. उन्होंने सोचा कि यह उनके खिलाफ है. इसलिए रात करीब 9 बजे अफगान तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा पर गावी इलाके में पाकिस्तानी चौकी पर हमला कर दिया. यह कुर्रम जिले में है, जो खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का हिस्सा है.

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यह हमला सिर्फ एक जगह नहीं रुका. जल्दी ही यह पूरी सीमा पर फैल गया. अफगानिस्तान के कुनर, नंगरहर और नूरिस्तान प्रांतों से अफगान फौज ने पाकिस्तानी चौकियों पर गोलियां चलाईं. तीराह घाटी में भी अफगान तालिबान ने मोर्टार से गोले दागे.  

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पाकिस्तान का जवाब: तोपें, हवाई जहाज और जोरदार हमले

पाकिस्तान भी चुप नहीं रहा. आधी रात से पहले ही दोनों तरफ से भयंकर लड़ाई शुरू हो गई. पाकिस्तानी फौज ने तोपों से और हवाई जहाजों से अफगान चौकियों पर हमला किया. पाकिस्तान एयर फोर्स (PAF) के जेट विमानों ने अफगानिस्तान के अंदर कई जगहों पर बम गिराए. स्रोतों के मुताबिक, PAF ने हेलमंद, कंधार, खोस्त, पक्तिया और पक्तिका प्रांतों में दुश्मन ठिकानों को निशाना बनाया.

इन हमलों में...

  • अफगानिस्तान के अंदर गहरे धमाकों की आवाजें सुनाई दीं.
  • आजिज, रावत और नाका जैसे मजबूत ठिकाने तबाह हो गए.
  • अफगानिस्तान की 2nd कंडक (एक सैन्य इकाई) का मुख्यालय नष्ट हो गया.
  • आधी रात तक 11 अफगान चौकियां बर्बाद हो गईं. 27 दुश्मन ठिकाने उड़ गए.

PAF के जेट अफगान हवाई क्षेत्र में उड़ते हुए तालिबान की सीमा चौकियों और आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले करने का दावा करते रहे. पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि इस दौरान अफगान तालिबान ने पाकिस्तान से सीजफायर की गुजारिश की, लेकिन पाकिस्तान ने इसे ठुकरा दिया. 

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रात के दूसरे पहर... और तेज हमले, अफगान फौज पीछे हटी

सुबह 2 बजे से 4 बजे तक पाकिस्तानी तोपें और PAF ने अफगान ठिकानों पर बौछार की. इससे कई जगहें नष्ट हो गईं, जैसे...

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सीमा पर अलग-अलग जगहों पर हमले और जवाब

यह लड़ाई सिर्फ एक लाइन में नहीं लड़ी गई. कई जगहों पर अलग-अलग घटनाएं हुईं...

  • लोअर डिर: यहां शाही बिनशाही सीमा पर अफगान फौज ने हमला किया. पाकिस्तानी सुरक्षाबल ने मजबूत जवाब दिया और तालिबान को भगा दिया.
  • साउथ वजीरिस्तान: सीमा के पास कई गांवों पर अफगान गोलियां चलीं. पाक ने जवाबी कार्रवाई में अफगानियों को नुकसान हुआ. एक अफगान चौकी पर कब्जा कर लिया गया. 
  • एंगूर अड्डा (साउथ वजीरिस्तान): आधी रात के बाद तालिबान ने स्रा क्वांड से घुसपैठ की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान ने इसे नाकाम कर दिया.
  • अन्य जगहें: चित्राल के आरंडू से साउथ वजीरिस्तान के एंगूर अड्डा तक पूरी सीमा पर लड़ाई फैली.

सीमा बंद, व्यापार रुका, लोग डरे

लड़ाई के बीच तुरंत कई सीमा पार बंद कर दिए गए...

  • एंगूर अड्डा: यह सीमा 10 दिन पहले ही दो साल के बंद के बाद खुली थी. अब दोबारा बंद हो गई, जिससे दोनों तरफ दर्जनों ट्रक फंस गए. व्यापार पूरी तरह रुक गया.
  • टोरखम (खैबर): यह सीमा भी बंद कर दी गई, लेकिन यहां शांति बनी रही. बैचा मैनना इलाके के लोग लैंडी कोटल भाग गए.
  • घुलाम खान (नॉर्थ वजीरिस्तान): गोलीबारी के बाद बंद.
  • खरलाची (कुर्रम): इमरजेंसी लगाई गई. सभी अस्पताल अलर्ट पर. स्थानीय कबायली लड़ाके सुरक्षाबल की मदद के लिए आगे की लाइन पर पहुंचे. खरलाची और मनुजाबा फोर्ट के पास तोपों की लड़ाई चली.

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अब स्थिति कैसी है?

सुबह करीब 4 बजे गोलीबारी रुक गई. पाकिस्तान की तरफ सब कुछ नियंत्रण में है, लेकिन तनाव बरकरार है. PAF के जेट और तोपें हाई अलर्ट पर हैं. अफगानिस्तान की तरफ से क्रॉस-बॉर्डर फायर रुक गया है, लेकिन निगरानी जारी है.

क्यों हुई यह झड़प? पृष्ठभूमि समझें

पाकिस्तान और अफगानिस्तान की 2,640 किलोमीटर लंबी सीमा पर हमेशा तनाव रहता है. यह दुर्लभ घाटी (ड्यूरंड लाइन) कहलाती है, जो ब्रिटिश काल में बनाई गई थी. अफगानिस्तान इसे मानता नहीं. तालिबान सत्ता में आने के बाद से आतंकी घुसपैठ बढ़ी है. 

पाकिस्तान अक्सर ड्रोन से आतंकियों को मारता है, जो अफगानिस्तान को चुभता है. यह घटना उसी का नतीजा लगती है. अफगान पक्ष के नुकसान ज्यादा बताए जा रहे हैं. दोनों देशों के लोग डर में हैं. 

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