डाक विभाग की भर्ती के दौरान धोखाधड़ी का मामला, CBI ने ओडिशा में 67 जगहों पर की छापेमारी

असल में सीबीआई ने डाक विभाग की एक शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ग्रामीण डाक सेवक परीक्षा, 2023 (ओडिशा सर्कल) के 63 उम्मीदवारों ने जाली या फर्जी 10वीं पास प्रमाण पत्र जमा किए थे.

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CBI ने ओडिशा के कई ठिकानों पर छापेमारी की (File Photo) CBI ने ओडिशा के कई ठिकानों पर छापेमारी की (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 जून 2024,
  • अपडेटेड 8:59 PM IST

CBI Action in Odisha: डाक विभाग की भर्ती में धोखाधड़ी के सिलसिले में सीबीआई ने ओडिशा में 67 स्थानों पर छापेमारी कर रही है. अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई ने यह कार्रवाई डाक विभाग की एक साल पुरानी शिकायत पर की है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ग्रामीण डाक सेवक परीक्षा के 63 उम्मीदवारों ने कथित तौर पर फर्जी प्रमाण पत्र जमा किए थे.

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सीबीआई के 122 अधिकारियों और अन्य विभागों के 82 कर्मियों सहित 204 से अधिक अधिकारियों ने इन फर्जी प्रमाण पत्रों को उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार अंतरराज्यीय संगठित गिरोह का पर्दाफाश करने के उद्देश्य से कालाहांडी, नुआपाड़ा, रायगढ़ा, नबरंगपुर, कंधमाल, केंदुझार, मयूरभंज, बालासोर और भद्रक में विभिन्न परिसरों पर छापेमारी की.

सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि ये प्रमाण पत्र कथित तौर पर हाई स्कूल और इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड इलाहाबाद, पश्चिम बंगाल बोर्ड, कोलकाता; झारखंड एकेडमिक काउंसिल, रांची; और अन्य संस्थानों ने जारी किए थे. शिकायत में उम्मीदवारों के साथ मिलीभगत करके इन जाली प्रमाण पत्रों को बनाने और सप्लाई करने में एक अंतरराज्यीय रैकेट की संलिप्तता का पता चला है.

अब यह छापेमारी लगभग एक साल बाद की जा रही है. असल में सीबीआई ने डाक विभाग की एक शिकायत पर एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ग्रामीण डाक सेवक परीक्षा, 2023 (ओडिशा सर्कल) के 63 उम्मीदवारों ने जाली या फर्जी 10वीं पास प्रमाण पत्र जमा किए थे.

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डाक विभाग ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) के 1,382 पदों के लिए भर्ती कर रहा था, जिसके लिए उसने 27 जनवरी, 2023 को ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे. जिसमें न्यूनतम योग्यता किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास होना और स्थानीय भाषा में दक्षता अनिवार्य थी.

CBI के प्रवक्ता ने कहा कि उम्मीदवारों को एक केंद्रीकृत सर्वर पर अपने प्रमाण पत्र और मार्कशीट ऑनलाइन जमा करने थे. सीबीआई प्रवक्ता के मुताबिक, चयन 10वीं कक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर स्वचालित रूप से किया गया था. 

चयनित उम्मीदवारों को एसएमएस और ईमेल के माध्यम से सूचित किया गया था और नियुक्ति से पहले दस्तावेज़ सत्यापन के लिए 15 दिनों के भीतर सत्यापन प्राधिकारी को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था. 

ओडिशा डाक सर्कल ने जब प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया तो पता चला कि बालेश्वर, मयूरभंज, कालाहांडी और बरहमपुर सहित विभिन्न डाक प्रभागों के 63 उम्मीदवारों ने जाली या फर्जी 10वीं पास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे.

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