पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेजते थे नेवी से जुड़ी खुफिया जानकारी, शिपयार्ड से जुड़ा तीसरा आरोपी हिरेंद्र कुमार गिरफ्तार

उडुपी में भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक करने के मामले में पुलिस ने तीसरे आरोपी हिरेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. वह गुजरात का रहने वाला है. मालपे कोचीन शिपयार्ड से जुड़े इस केस की जांच केंद्रीय एजेंसियों के साथ जारी है.

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पुलिस और एजेंसियों ने इस मामले में ये तीसरी गिरफ्तारी की है (फाइल फोटो) पुलिस और एजेंसियों ने इस मामले में ये तीसरी गिरफ्तारी की है (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • उडुपी,
  • 22 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:25 AM IST

Indian Navy Information Leak: कर्नाटक के उडुपी में भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक होने का गंभीर मामला सामने आया है. इस केस में मालपे कोचीन शिपयार्ड से जुड़े कर्मचारियों की भूमिका उजागर हुई है. पुलिस के मुताबिक, नौसेना के ऑपरेशन और इंस्टॉलेशन से संबंधित गोपनीय सूचनाएं अवैध रूप से साझा की गईं. यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण बेहद संवेदनशील माना जा रहा है. जांच एजेंसियां इसे बड़े सुरक्षा उल्लंघन के तौर पर देख रही हैं.

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तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी
उडुपी पुलिस ने इस मामले में तीसरे आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान 34 वर्षीय हिरेंद्र कुमार के रूप में हुई है. वह गुजरात के आनंद जिले के कैलास नगरी इलाके का रहने वाला है. पुलिस के अनुसार, हिरेंद्र कुमार की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी. पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया गया. यह गिरफ्तारी जांच में एक अहम कड़ी मानी जा रही है.

पाकिस्तान से कनेक्शन
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी नौसेना से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तान में मौजूद हैंडलर्स को भेज रहे थे. इसके बदले में उन्हें अवैध आर्थिक लाभ मिलने का शक है. बताया जा रहा है कि जानकारी गुप्त चैनलों के जरिए ट्रांसमिट की जाती थी. यह नेटवर्क सुनियोजित तरीके से काम कर रहा था. पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि इसमें विदेशी खुफिया एजेंसियों की भूमिका तो नहीं है.

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नौकरी के दौरान मिली जानकारी का दुरुपयोग
जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपियों को यह संवेदनशील जानकारी उनके काम के दौरान मिली थी. मालपे कोचीन शिपयार्ड में काम करते हुए उन्हें नौसेना से जुड़ी गतिविधियों तक पहुंच मिली. इसी पहुंच का दुरुपयोग कर गोपनीय सूचनाएं बाहर भेजी गईं. यह सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक मानी जा रही है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि किन-किन दस्तावेजों और डेटा तक आरोपियों की पहुंच थी.

पहले गिरफ्तार किए गए दो आरोपी
इससे पहले 21 नवंबर को पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनकी पहचान रोहित और संत्री के रूप में हुई थी. दोनों आरोपी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उन्हें भी इसी केस में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस का मानना है कि तीनों आरोपी आपस में संपर्क में थे. जांच में इनके बीच लिंक सामने आया है.

तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में
पुलिस के मुताबिक, तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया. इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. फिलहाल सभी आरोपी जेल में हैं. पुलिस उनकी रिमांड बढ़ाने की तैयारी भी कर सकती है. जांच एजेंसियां आरोपियों से जुड़े डिजिटल और वित्तीय रिकॉर्ड खंगाल रही हैं. इससे नेटवर्क की पूरी तस्वीर सामने आने की उम्मीद है.

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खुफिया इनपुट से हुआ खुलासा
पीटीआई के मुताबिक, यह मामला खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद सामने आया. इनपुट में कर्नाटक तट पर स्थित नौसेना से जुड़े प्रतिष्ठानों में सुरक्षा उल्लंघन की आशंका जताई गई थी. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू की. शुरुआती जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है. इसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज की गई.

नेवी के लिए अहम है मालपे कोचीन शिपयार्ड
मालपे कोचीन शिपयार्ड नौसेना के लिए जहाज मरम्मत और अन्य सहायक कार्य करता है. यह समुद्री ऑपरेशनों से जुड़ा एक अहम प्रतिष्ठान है. इसी वजह से इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है. यहां किसी भी तरह की जानकारी लीक होना गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. जांच एजेंसियां इसी पहलू को केंद्र में रखकर जांच कर रही हैं.

और गिरफ्तारियों की संभावना
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जांच केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर की जा रही है. यह पता लगाया जा रहा है कि कितनी जानकारी लीक हुई है. साथ ही यह भी जांच हो रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है. पुलिस ने कहा है कि आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं. जांच पूरी होने तक सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं.
 

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