हिंदुस्तान में संगठित अपराध के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. इस कड़ी में सबसे बड़ी सफलता लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुख्यात गैंगस्टर लखविंदर कुमार उर्फ लाखा को भारत लाया जाना माना जा रहा है. हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने इसे स्पेशल टास्क फोर्स की बड़ी सफलता मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक कायर, भगोड़े और देशद्रोही को पुलिस अमेरिका से वापस खींच लाई है.
डीजीपी के मुताबिक, लाखा को सीबीआई के कोऑर्डिनेशन में चलाए गए एक इंटरनेशनल ऑपरेशन के तहत अमेरिका से डिपोर्ट किया गया. इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली पहुंचते ही हरियाणा पुलिस की एसटीएफ ने उसे दबोच लिया. बताया जा रहा है कि डिपोर्टेशन की यह पूरी प्रक्रिया लगभग एक साल की कानूनी जद्दोजहद और जांच एजेंसियों के बीच निरंतर समन्वय के बाद पूरी हुई है.
लखविंदर कुमार हरियाणा के कैथल जिले के तितरम गांव का रहने वाला है. एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ है कि वो पिछले दो वर्षों से गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई के निर्देश पर अमेरिका में बैठकर हरियाणा और पंजाब में जबरन वसूली और फायरिंग की घटनाओं को अंजाम दे रहा था. लोगों को डरा धमका कर उनसे रंगदारी वसूल रहा था. पुलिस रिकॉर्ड में उसका नाम करीब 130 से ज्यादा मामलों में दर्ज है.
पुलिस के मुताबिक, लाखा का क्रिमिनल रिकॉर्ड बहुत बड़ा है. 14 फरवरी 2023 को हरियाणा के सोनीपत के गोहाना (सिटी) पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 384 और 506 (जबरन वसूली और आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया गया था. इसी तरह 21 मार्च 2023 को रोहतक के मेहम पुलिस स्टेशन में भी उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
यही नहीं हरियाणा के ही यमुनानगर, कैथल और अंबाला समेत कई जिलों में उसके खिलाफ जबरन वसूली और फायरिंग से जुड़े केस दर्ज किए गए हैं. पुलिस ने उसके बढ़ते अपराध और अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों को देखते हुए साल 2023 में लुक आउट सर्कुलर और साल 2024 में रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया था. इसी नोटिस के आधार पर इंटरपोल और अमेरिकी एजेंसियों के सहयोग से उसको ट्रेस किया गया.
कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसे कानूनी रूप से डिपोर्ट किया गया और भारत लाकर हरियाणा एसटीएफ के हवाले कर दिया गया. डीजीपी ने इस गिरफ्तारी को मिशन 'ऑर्गेनाइज्ड क्राइम क्लीनअप' की दिशा में बड़ी कामयाबी बताया. उन्होंने कहा कि एसटीएफ अब उन दूसरे अपराधियों पर भी निगाह रख रही है जो विदेश से बैठकर राज्य में अपराधिक गतिविधियों को फंड या कंट्रोल कर रहे हैं.
पुलिस वॉन्टेड क्रिमिनल की पहचान कर रही है और उनके डिपोर्टेशन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानूनी प्रक्रियाएं शुरू कर चुकी है. डीजीपी ने कहा कि हरियाणा पुलिस अब किसी भी विदेशी ठिकाने से संचालित अपराध नेटवर्क को बख्शने वाली नहीं है. लखविंदर की गिरफ्तारी ने न केवल लॉरेंस गैंग के नेटवर्क की कमर तोड़ दी है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि पुलिस किसी भी सीमा तक पहुंच सकती है.
गौरतलब है कि कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इस वक्त जेल में बंद है, लेकिन उसका गैंग कनाडा और अमेरिका में बैठे उसके गुर्गे ऑपरेट कर रहे हैं. इस गैंग के गोल्डी बराड़, अनमोल बिश्नोई और रोहित गोदारा अपने इशारे पर हिंदुस्तान में आतंकी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं. इनके निशाने पर ज्यादातर प्रॉपर्टी डीलर और बड़े बिजनेसमैन होते हैं. उनसे रंगदारी वसूल की जाती है.
aajtak.in