दिल्ली में अक्टूबर महीने में कुख्यात अपराधियों पर पुलिस का काल मंडराता रहा. यहां 1 अक्टूबर से 27 अक्टूबर के बीच हुए 10 एनकाउंटर में पुलिस ने पांच कुख्यात अपराधियों को मौत की नींद सुला दिया. इस दौरान हुए मुठभेड़ में एक दर्जन से ज्यादा अपराधी घायल हो गए. दिल्ली से हरियाणा, राजस्थान और बिहार तक फैले क्राइम नेटवर्क पर पुलिस ने करारा प्रहार किया है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह अभियान उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत सक्रिय गैंग और अपराधियों को एक-एक कर निशाने पर लिया जा रहा है. उनके मुताबिक, "कई ऐसे अपराधी हैं जिनका सोशल मीडिया पर हथियार लहराने, वीडियो से दुश्मनों को डराने या विदेशी गैंगस्टरों के लिए काम करने का इतिहास रहा है. पुलिस उनके पीछे सख्ती से लगी है."
1 अक्टूबर को शुरू हुई यह एनकाउंटर सीरीज दक्षिण दिल्ली से शुरू हुई, जब जैतपुर-कालिंदी कुंज रोड पर पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई. इस भिड़ंत में रोहित गोदारा-गोल्डी बराड़-वीरेंद्र चरण गैंग के दो शूटर राहुल और साहिल को गिरफ्तार किया गया. दोनों पर एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की हत्या का कॉन्ट्रैक्ट लेने का आरोप था. राहुल ट्रिपल मर्डर केस में वॉन्टेड था.
पुलिस ने बताया कि यह गैंग विदेश में बैठे रोहित गोदारा के इशारे पर काम करता था. इसके बाद 3 अक्टूबर को इसी सिंडिकेट से जुड़े दो और गैंगस्टरों को कापसहेड़ा में पुलिस ने घेर लिया गया. इनके नाम आकाश राजपूत और महिपाल थे. दोनों राजस्थान के रहने वाले थे और तीन राज्यों में जबरन वसूली, किडनैपिंग और फायरिंग के मामलों में वॉन्टेड थे. आकाश पर 20 हजार का इनाम था.
उसको पैर में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया. दोनों दलेर कोटिया और गोदारा गैंग से जुड़े बताए गए. 7 अक्टूबर को दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस ने मिलकर एक बड़ा ऑपरेशन किया. आस्था कुंज पार्क के पास मुठभेड़ में नेपाल के कुख्यात अपराधी भीम महाबहादुर जोरा को ढेर कर दिया गया. जोरा मई 2024 में जंगपुरा के एक डॉक्टर की हत्या और कई अन्य जघन्य अपराधों में वॉन्टेड था.
पुलिस के मुताबिक, जब टीम उसे पकड़ने पहुंची, तो उसने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया. 9 अक्टूबर को रोहिणी में हुई एक और मुठभेड़ में हमजा नाम का अपराधी गिरफ्तार हुआ. वह उत्तर प्रदेश के मेरठ में अपने दोस्त आदिल की हत्या के बाद फरार था. हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था. उसको पैर में गोली लगी और उसे दबोच लिया गया.
10 अक्टूबर को नरेला इंडस्ट्रियल एरिया में पुलिस ने आफताब आलम उर्फ अत्ती नाम के अपराधी को मुठभेड़ में घायल कर पकड़ा. अत्ती ने पुलिस पर दो बार फायरिंग की थी. वह चोरी, झपटमारी और हत्या के कई मामलों में वॉन्टेड था. इसके बाद 22 अक्टूबर को द्वारका में एक और मुठभेड़ हुई. यहां रितिक उर्फ डांसर पर, जो उत्तम नगर मर्डर केस में वॉन्टेड था, पुलिस ने जवाबी गोलीबारी की थी.
इस एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुभाष चंद भी घायल हुए. उनके हाथ में गोली लगी. मौके से एक पिस्टल और कई कारतूस बरामद हुए. अगले दिन 23 अक्टूबर को दिल्ली का सबसे बड़ा एनकाउंटर देखने को मिला. सुबह करीब 2.20 बजे रोहिणी इलाके में बिहार के चार गैंगस्टरों रंजन पाठक, बिमलेश महतो, मनीष पाठक और अमन ठाकुर को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया. ये सभी सिग्मा गैंग के सदस्य थे.
ये चारों बिहार में कई हत्याओं के मामलों में मोस्ट वॉन्टेड थे. बिहार पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर दिल्ली और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन चलाया. आरोपियों ने पहले फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में चारों ढेर हो गए. सूत्रों के मुताबिक, ये चारों बिहार विधानसभा चुनावों से पहले कई वारदातों की साजिश रच रहे थे. इसके बाद 25 अक्टूबर को राजधानी में दो एनकाउंटर हुए.
पहला मेहरौली में, जहां कनिष्क उर्फ कोक नाम का हथियार सप्लायर पुलिस की गोली से घायल हुआ. वह सोशल मीडिया पर हथियार लहराने और वीडियो पोस्ट करने के लिए मशहूर था. पुलिस ने मौके से दो पिस्तौल बरामद की थी. उसी रात पश्चिम दिल्ली के नांगलोई इलाके में मुठभेड़ के बाद तीन अपराधी फिरोज, कामरान और ओसाफ को पकड़ा गया. तीनों का लूट, चोरी और किडनैपिंग का लंबा रिकॉर्ड था.
फायरिंग में तीनों के पैर में गोली लगी और पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. अगली रात, 26 अक्टूबर को बदरपुर में एक मुठभेड़ हुई. पुलिस ने वॉन्टेड लुटेरे हिमांशु को पैर में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया. वह हाल ही में एक पिज्जा डिलीवरी बॉय से लूट के मामले में फरार था. उसके साथी को पहले ही पकड़ लिया गया था. 27 अक्टूबर को इस महीने का दसवां एनकाउंटर किया था.
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