Chandigarh Parry Murder Case: चंडीगढ़ के कुख्यात इंदरप्रीत सिंह पैरी की हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है. सूत्र बताते हैं कि जो शूटर सबसे पहले गोलियां चलाता दिखाई दिया, वह पैरी के साथ ही उसकी कार की सीट पर बैठा था. दोनों किसी क्लब से लौट रहे थे. रास्ते में ही वह शूटर अचानक पैरी की गाड़ी से उतरा और पहले से वहां खड़ी क्रेटा कार में जाकर बैठ गया. फिर कुछ दूरी पर गाड़ी आगे बढ़ाकर उसने दोबारा गोलियां चलाईं, ताकि पैरी की मौत की पुष्टि हो सके. पुलिस इसी एंगल पर मामले की जांच कर रही है.
पंचकूला में मिली हमलावरों की क्रेटा कार
छानबीन के दौरान पुलिस को वह क्रेटा कार मिल गई है, जिसमें हमलावर मौके पर आए थे. यह गाड़ी पंचकूला के MDC इलाके से बरामद की गई है. माना जा रहा है कि पूरी वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावरों ने इसी गाड़ी से फरार होने की कोशिश की. उस गाड़ी से अहम सबूत मिलने की उम्मीद है, जिससे पुलिस को हमलावरों की लोकेशन और मूवमेंट ट्रैक करने में मदद मिल सकती है.
गाड़ी छोड़कर फरार हुए कातिल
जानकारी के मुताबिक, हमलावर गाड़ी को पंचकूला MDC सेक्टर-5 की पार्किंग में छोड़कर फरार हो गए थे. पुलिस को शक है कि हमलावरों को किसी ने दूसरी गाड़ी उपलब्ध कराई या पहले से वहां एस्केप प्लान तैयार था. इस पार्किंग एरिया की CCTV फुटेज खंगाली जा रही है ताकि यह पता चल सके कि हत्यारे किस दिशा में भागे और कौन लोग उनके संपर्क में आए.
पैरी के भाई से पूछताछ
इंदरप्रीत पैरी की हत्या के तुरंत बाद पुलिस ने उसके भाई को सेक्टर 26 थाने बुलाकर पूछताछ की. पुलिस उससे यह जानने की कोशिश कर रही है कि पैरी किन लोगों के संपर्क में था और क्या हाल ही में उसका किसी गैंग या पुरानी रंजीश से विवाद चल रहा था. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि पैरी को किसने और क्यों क्लब बुलाया था.
लुधियाना की नंबर प्लेट से भटकी जांच
हमलावरों की क्रेटा पर लगी नंबर प्लेट पहली नजर में पंजाब की लग रही थी. लेकिन जांच में पता चला कि नंबर प्लेट फर्जी थी और उसे लुधियाना के नंबर पर तैयार किया गया था. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह नंबर किसके नाम पर रजिस्टर्ड है और क्या किसी गैंग ने इस नंबर को मिसयूज़ किया.
पुलिस ने गाड़ी कब्जे में ली
चंडीगढ़ पुलिस ने अब उस क्रेटा कार को अपने कब्जे में ले लिया है. फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंच गई है, जो कार से फिंगरप्रिंट, DNA सैंपल और हथियारों के इस्तेमाल से संबंधित संकेत जुटा रही है. पुलिस को उम्मीद है कि यह गाड़ी जांच में बड़ा ब्रेकथ्रू दिला सकती है.
MDC इलाके में रेड
पुलिस की कई टीमें पंचकूला MDC के सेक्टर-5 और आसपास के इलाकों में लगातार रेड कर रही हैं. पुलिस CCTV फुटेज को फ्रेम-बाई-फ्रेम स्कैन कर रही है, ताकि हमलावरों के भागने में शामिल किसी व्यक्ति या संदिग्ध वाहन की पहचान की जा सके. पुलिस का मानना है कि वारदात बेहद प्लानिंग के साथ की गई है.
पैरी का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड
इंदरप्रीत पैरी के खिलाफ पहले भी कई गंभीर मुकदमे दर्ज रहे हैं. उसके क्राइम रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस इस हत्या को गैंगवार से जुड़ा मामला मान रही है. पैरी पहले कई बार हथियार रखने, हमला करने और दंगा-फसाद के मामलों में पकड़ में आ चुका था. इससे पुलिस का शक और मजबूत हो गया है कि हत्या के पीछे गैंग की अंदरूनी लड़ाई हो सकती है.
लंबी है पैरी से जुड़े मामलों की लिस्ट
पैरी के खिलाफ 2011 में सेक्टर-39 थाने में दंगा, हमला और अवैध हथियार रखने का केस दर्ज हुआ था. साल 2013 में उस पर IPC की धारा 336, 435 और Arms Act के तहत कार्रवाई की गई, जिसमें वह 2019 में बरी हो गया था. साल 2014 में उसके खिलाफ सेक्टर-26 थाने में हत्या के प्रयास, डकैती और धमकी जैसे मामले दर्ज हुए, जिनसे वह 2018 में बरी हुआ. साल 2017 में आर्म्स एक्ट का केस और साल 2022 में उगाही एवं हथियार केस में उसकी गिरफ्तारी हुई थी.
चंडीगढ़ से कनाडा तक कनेक्शन
पुलिस इस हत्याकांड को बड़े गैंग कनेक्शन से जोड़कर देख रही है. B-गैंग की अंदरूनी लड़ाई, पुरानी रंजिश और विदेश में बैठे गैंगस्टरों के तार इस मर्डर केस तक जुड़ सकते हैं. जांच एजेंसियां यह तलाश रही हैं कि क्या पैरी के खिलाफ किसी कनाडा-आधारित गैंगस्टर ने सुपारी दी थी. फर्जी नंबर प्लेट, प्लान्ड एस्केप और डबल-शूटिंग से साफ है कि यह कोई आम अपराध नहीं, बल्कि प्रोफेशनल हिट थी.
अमन भारद्वाज