नई दिल्ली: खूनी मांझे ने बेजुबानों पर बरपाया कहर, सप्ताह भर के अंदर 345 से भी ज्यादा पक्षी घायल

राजधानी दिल्ली में एक सप्ताह के अंदर 345 से भी ज्यादा पक्षी चाइनीज मांझे की चपेट में आने से घायल हुए है. पक्षियों के चैरिटी अस्पताल के डॉक्टर रामेश्वर यादव का कहना है कि ये आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है. पिछले साल इस तरह के मामले काफी हद तक कम आए थे क्योंकि कोरोना के कारण लोगों ने पतंगबाजी काफी कम की थी.

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दिल्ली में चाइनीज मांझा है बैन. दिल्ली में चाइनीज मांझा है बैन.

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 10:20 AM IST

प्रतिबंध के बावजूद राजधानी में चोरी छिपे बेचे जा रहे चाइनीज खूनी मांझा इंसानों को मौत के घाट उतार रहे हैं. तो वहीं, बेजुबान पक्षी भी इसके कहर से अछूते नहीं हैं. एक सप्ताह के अंदर-अंदर अब तक 345 से ज्यादा पक्षी चाइनीज मांझे के कारण घायल हुए हैं. दिल्ली के शाहदरा, करोल बाग, लाल किला, नजफगढ़ गीता कॉलोनी और जीटी करनाल रोड बायपास पर घायल पक्षियों के लिए अस्पताल हैं, जहां इनका इलाज किया जा रहा है.

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लाल किला के पास पक्षियों के चैरिटी अस्पताल के डॉक्टर रामेश्वर यादव का कहना है कि इसका कारण है पतंगबाजी. पतंगबाजी के कारण ही पक्षी चाइनीज मांझे की चपेट में आ रहे हैं. पिछले साल यह आंकड़ा काफी कम था क्योंकि कोरोना के कारण लोगों ने कम पतंगबाजी की. लेकिन इस बार पतंगबाजों ने चाइनीज मांझे का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया और अकेले 15 अगस्त को ही 150 घायल पक्षी अस्पताल लाए गए.

16 अगस्त को यह आंकड़ा 50 रहा. जबकि, 14 अगस्त को यह आंकड़ा 76 और 13 अगस्त को यह आंकड़ा 69 रहा. ये उन पक्षियों का आंकड़ा है जिनको इलाज के लिए अस्पताल लाया गया. चाइनीज मांझे से घायल पक्षियों में कबूतर, चील, तोते आदि शामिल हैं. इनमें पैरालिसिस वाले पक्षी भी शामिल हैं.

वहीं, राजधानी दिल्ली में बैन के बावजूद बिके खूनी मांझे ने 20 दिनों में 3 लोगों की जान ली. दिल्ली पुलिस ने चाइनीज मांझे के इस्तेमाल को लेकर चाहे जितनी भी सख्ती दिखाई हो, लेकिन फिर भी लोग इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं. दुकानदार भी चोरी छिपे मांझों को बेच रहे हैं. 25 जुलाई को हैदरपुर फ्लाईओवर पर 30 साल के सुमित रंगा की मांझे से गला कटने से मौत हो गई. 11 अगस्त को शास्त्री पार्क फ्लाईओवर पर 35 साल बाइक सवार युवक की मौत हो गई जब वह बीवी और बेटी के साथ कहीं जा रहा था. 14 अगस्त को मानसरोवर पार्क इलाके में मांझे से स्कूटी सवार टेंट कारोबारी की गला कट जाने से मौत हो गई.

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लोग अब करवाने लगे हैं मामला दर्ज
इसके अलावा कई लोग मांझे के कारण घायल भी हुए हैं. नॉर्थ दिल्ली पुलिस के डीसीपी सागर सिंह कलसी का कहना है अक्सर मांझे से घायल होने वाले इसे मामूली चोट समझकर रिपोर्ट नहीं दर्ज करवाते थे. लेकिन अब मामले दर्ज करवाए जाने लगे हैं. 15 अगस्त से ठीक एक दिन पहले आउटर डीसीपी समीर शर्मा ने निहाल विहार इलाके के अशोक कुमार नाम के चाय वाले को चाइनीज मांझा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया.

कहां से जब्त किए कितने मांझे?
दिल्ली पुलिस से मिले आंकड़ों को मुताबिक, सबसे ज्यादा मांझों की बरामदगी नॉर्थवेस्ट जिले में हुई है. पुलिस ने यहां प्रतिबंधित मांझा बेचने वालों को लेकर 7 केस दर्ज किए हैं और 11,923  मांझे जब्त किए हैं. नई दिल्ली इलाके में कोई मांझे का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ, तो सेंट्रल दिल्ली ने 2 मामलो में 1325 मांझे जब्त किए हैं.

क्या हैं नियम?
बता दें, दिल्ली पर्यावरण विभाग ने राजधानी में 10 जनवरी 2017 को एक अधिसूचना जारी कर पतंग उड़ाने के लिए नायलॉन, प्लास्टिक और अन्य तरह के सिंथेटिक सामान से तैयार मांझों की बिक्री, उत्पादन, स्टोरेज, सप्लाई और उसे आयात करने पर पूरी तरह बैन लगा दिया है. मांझे से गर्दन कटने के ज्यादातर हादसे फ्लाईओवर पर हो रहे हैं. पुल के आसपास बसे इलाकों में से पतंग कटकर अचानक यहां आ जाती हैं, जिसका मांझा बाइक सवारों के लिए काल बन रहा है. मांझा गर्दन में फंसने से बाइक सवार की जान जा सकती है.

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