मेरठ में सुहागरात को रहस्यमय तरीके से लापता हुआ दूल्हा, तीन दिन बाद हरिद्वार में इस हाल में मिला

मेरठ में शादी की रात गायब हुए दूल्हे की तलाश ने तीन दिनों तक परिवार और पुलिस की सांसें रोक रखी थीं. गंगा नहर के पास दिखी उसकी आखिरी CCTV फुटेज ने डूबने की आशंका बढ़ा दी थी, लेकिन सोमवार को हरिद्वार से आया उसका फोन सबकी उम्मीद बन गया.

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यूपी के मेरठ से गायब एक लड़का हरिद्वार स्टेशन एरिया में मिला. (Photo: Representational) यूपी के मेरठ से गायब एक लड़का हरिद्वार स्टेशन एरिया में मिला. (Photo: Representational)

aajtak.in

  • मेरठ,
  • 02 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST

उत्तर प्रदेश के मेरठ में सुहागरात को एक 26 वर्षीय दूल्हा रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हो गया. उसकी तलाश में तीन दिनों तक परिवार और पुलिस परेशान रहे. CCTV फुटेज में वह रात के समय गंगा नहर के पास घूमता हुआ दिखा, जिससे यह डर बैठ गया कि वो नहर में कूद गया होगा. इसी बीच आई उसकी कॉल के बाद सबने राहत की सांस ली. वो हरिद्वार चला गया था.

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जानकारी के मुताबिक, मेरठ के सरधना के ऊंचापुर का रहने वाला मोहसिन उर्फ मोनू 27 नवंबर की रात घर से निकला था. उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल पाया था. वह घर से यह कहकर निकला था कि उसे बल्ब खरीदना है, लेकिन वापस नहीं लौटा, जिसके बाद परिवार ने तुरंत गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी.

मोनू कहीं नहीं मिला, तो परिजन परेशान हो गए. सबको ये लगने लगा कि उसने नहर में कूदकर अपनी जान दे दी है. लेकिन सोमवार को जब मोहसिन ने हरिद्वार से एक राहगीर के फोन से अपने पिता को कॉल किया तो सबने चैन की सांस ली. उसने बताया कि वह सुरक्षित है और घर लौटना चाहता है. सूचना मिलते ही मेरठ पुलिस उसके पिता और रिश्तेदारों के साथ हरिद्वार गई. 

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सरधना SHO दिनेश प्रताप सिंह के अनुसार, पुलिस ने उसे रेलवे स्टेशन के पास घूमते हुए पाया. पुलिस की पूछताछ में मोहसिन ने बताया कि शादी की रात वह अचानक घबरा गया था. बिना सोचे-समझे हरिद्वार जाने वाली बस में बैठ गया. उसने तीन दिन और तीन रातें स्टेशन एरिया में ही बिताईं. उसके दोस्तों ने उसे कुछ खाने को दिया था. संभावना है कि उसके सेवन बेचैनी बढ़ गई थी.

सर्किल ऑफिसर आशुतोष ने बताया कि मोहसिन को सुरक्षित उसके परिवार के हवाले कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि वह थोड़ा नर्वस लग रहा था और ज्यादा कुछ नहीं बोला. यह उसकी व्यक्तिगत परिस्थिति थी और उसमें हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है. तीन दिनों की बेचैनी के बाद परिवार ने उसकी सुरक्षित वापसी पर राहत की सांस ली. पुलिस का आभार जताया है.

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