राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को अल-कायदा गुजरात टेरर साजिश मामले में बड़ी कार्रवाई की. एजेंसी ने पांच राज्यों में एक साथ 10 ठिकानों पर छापे मारे. इन छापेमारियों का मकसद अवैध रूप से भारत में घुसे बांग्लादेशी आतंकियों से जुड़े नेटवर्क की जांच करना था.
किन राज्यों में हुई छापेमारी?
NIA की टीमें पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय, हरियाणा और गुजरात के विभिन्न इलाकों में एक साथ पहुंचीं. ये ठिकाने उन संदिग्धों और उनके सहयोगियों से जुड़े बताए जा रहे हैं जो अल-कायदा मॉड्यूल से संपर्क में थे. छापों के दौरान कई डिजिटल डिवाइस, मोबाइल और दस्तावेज जब्त किए गए हैं.
डिजिटल सबूत और दस्तावेज़ जब्त
NIA अधिकारियों के मुताबिक, जब्त की गई सामग्रियों में कुछ ऐसे डिजिटल साक्ष्य शामिल हैं, जो आतंकी गतिविधियों से सीधे तौर पर जुड़े हैं. इन सभी डिवाइस और दस्तावेजों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि आतंकियों के संपर्क और फंडिंग चैनलों की सही जानकारी मिल सके.
जून 2023 में दर्ज हुआ था केस
यह केस (RC-19/2023/NIA/DLI) जून 2023 में दर्ज किया गया था. NIA ने इसे UAPA, IPC और विदेशी नागरिक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत रजिस्टर किया था. इस केस का केंद्र गुजरात को बनाया गया क्योंकि आतंकियों के नेटवर्क और आर्थिक गतिविधियों की जड़ें वहीं से जुड़ी मिली थीं.
भारत में घुसे थे चार बांग्लादेशी आतंकी
NIA की जांच में खुलासा हुआ कि चार बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद सोजिबमियां, मुन्ना खालिद अंसारी उर्फ मुन्ना खान, अजरूल इस्लाम उर्फ जहांगीर उर्फ आकाश खान और अब्दुल लतीफ उर्फ मोमिनुल अंसारी फर्जी भारतीय पहचान पत्रों की मदद से भारत में घुस आए थे. ये सभी अल-कायदा से सीधे संपर्क में थे.
आतंकी फंडिंग और युवाओं को उकसाना
जांच से पता चला है कि ये चारों आतंकी अल-कायदा ऑपरेटिव्स को धन भेजने और भारत में युवाओं को कट्टरपंथ की ओर उकसाने का काम करते थे. वे सोशल मीडिया और धार्मिक सभाओं के जरिए युवाओं को प्रेरित करते थे ताकि उन्हें आतंकी संगठन में भर्ती किया जा सके.
NIA की जांच और चार्जशीट
10 नवंबर 2023 को NIA ने इस केस में पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. हालांकि एजेंसी की जांच अब भी जारी है. NIA का कहना है कि वह भारत और सीमा पार संचालित आतंकी नेटवर्क, उनके लिंक और आर्थिक चैनल का पूरा पर्दाफाश करने की दिशा में काम कर रही है.
दिव्येश सिंह