उत्तर प्रदेश के संभल की 16वीं सदी की शाही जामा मस्जिद सोमवार को एक बार फिर चर्चा में आ गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद मस्जिद परिसर में समय-समय पर सफाई और रंगाई-पुताई का काम किया जाता है. इसी रूटीन सर्वेक्षण और मेंटेनेंस के दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई की टीम के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया. इसके बाद पुलिस-प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया.
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि ये घटना कोतवाली क्षेत्र स्थित शाही जामा मस्जिद में हुई. एएसआई अधिकारियों की टीम जब निर्धारित काम का जायजा ले रही थी, तभी हाफिज और कासिम नामक दो लोगों ने उनको रोकने की कोशिश करते हुए बदसलूकी करने लगे. उन दोनों ने सरकारी काम में बाधा डाली. दोनों ने एएसआई कर्मचारियों को धमकाने की कोशिश भी की थी
इसके बाद एएसआई की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. एसपी ने साफ कहा कि दूसरा आरोपी कासिम भी जल्द गिरफ्त में होगा और भविष्य में एएसआई या किसी भी सरकारी अधिकारी के साथ बदसलूकी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने मस्जिद के आसपास सुरक्षा भी बढ़ा दी है ताकि किसी भी तरह का तनाव दोबारा न भड़क सके
पिछले साल 24 नवंबर को मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान बड़ा बवाल हुआ था. उस समय मस्जिद के एक हिंदू मंदिर की जगह पर बने होने के दावे को लेकर विवाद भड़क गया था. सर्वेक्षण टीम के पहुंचते ही सैकड़ों स्थानीय लोग जमा हुए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. देखते ही देखते स्थिति बेकाबू हो गई और भीड़ ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया. इसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.
इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई थी और 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. उस घटना की तपिश आज भी संभल की गलियों में महसूस की जाती है और अब एएसआई टीम से दुर्व्यवहार का नया मामला इलाके में तनाव दिख रहा है. पुलिस फिलहाल दोनों आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है. एएसआई अधिकारियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है.
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