महाराष्ट्र: गढ़चिरौली में वरिष्ठ नक्सली भूपति समेत 61 कार्यकर्ताओं ने पुलिस के सामने किया सरेंडर

सरेंडर करने के बाद वेणुगोपाल उर्फ ​​भूपति उर्फ ​​सोनू को माओवादी संगठन के सबसे प्रभावशाली रणनीतिकारों में से एक माना जाता था और वह लंबे समय से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर प्लाटून अभियानों की निगरानी करता था.

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नक्सलियों के सरेंडर से पुलिस ने राहत की सांस ली है (फाइल फोटो) नक्सलियों के सरेंडर से पुलिस ने राहत की सांस ली है (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • गढ़चिरौली,
  • 15 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 1:10 AM IST

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले से बड़ी खबर आई है. जहां वरिष्ठ नक्सली नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ ​​भूपति और 60 अन्य नक्सली कार्यकर्ताओं ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी.

गढ़चिरौली जिले के एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि उन तमाम नक्सलियों ने देर रात पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दियाय उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वालों में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति के एक सदस्य और एक संभागीय समिति के 10 सदस्य शामिल हैं.

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सूत्रों के अनुसार, वेणुगोपाल उर्फ ​​भूपति उर्फ ​​सोनू को माओवादी संगठन के सबसे प्रभावशाली रणनीतिकारों में से एक माना जाता था और वह लंबे समय से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर प्लाटून अभियानों की निगरानी करता था. हालांकि, उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में उसके और शीर्ष नक्सल नेतृत्व के बीच बढ़ते मतभेदों के कारण आंतरिक संघर्ष हुआ.

वेणुगोपाल उर्फ ​​भूपति उर्फ ​​सोनू ने दावा किया था कि सशस्त्र संघर्ष विफल हो गया है और घटते जन समर्थन और सैकड़ों कार्यकर्ताओं के नुकसान का हवाला देते हुए उसने शांति और बातचीत की ओर बढ़ने की अपील की थी. सूत्रों ने बताया कि उसके इस रुख का अन्य वरिष्ठ नक्सली कार्यकर्ताओं ने विरोध किया, जिन्होंने एक अन्य नेता के नेतृत्व में लड़ाई जारी रखने का फैसला किया.

उन्होंने बताया कि केंद्रीय नक्सल नेतृत्व के दबाव में, भूपति अंततः हथियार डालने के लिए तैयार हो गए, संगठन छोड़ने की घोषणा की और अपने समर्थकों के साथ गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.

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हाल के महीनों में, गढ़चिरौली जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की एक सतत श्रृंखला देखी गई है. इस साल की शुरुआत में, भूपति की पत्नी तारक्का ने भी आत्मसमर्पण कर दिया था. वह प्रतिबंधित आंदोलन की दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति की सदस्य थीं.
 

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