लखनऊ के पास धर्मांतरण का जाल... इलाज के नाम पर 'चमत्कार सभा', हिंदुओं को ऐसे बना रहे ईसाई

लखनऊ के पास धर्मांतरण का ऐसा जाल बुना गया है, जिसने ग्रामीण इलाकों में खौफ और सवाल दोनों खड़े कर दिए हैं. दावा है कि इलाज और मदद के नाम पर हिंदुओं को धीरे-धीरे धर्म बदलने पर मजबूर किया जा रहा है. मोहनलालगंज से लेकर निगोहां तक, चमत्कार की सभा अब धर्म परिवर्तन का जरिया बन गई है.

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उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. (Photo: ITG) उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • लखनऊ,
  • 03 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:10 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे इलाकों से चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां दावा किया जा रहा है कि इलाज और मदद के नाम पर हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रभावित किया जा रहा है. सरकार भले ही छांगुर बाबा जैसे बड़े धर्मांतरण रैकेट को उखाड़ फेंकने का दावा करती रही हो, लेकिन राजधानी के आसपास पिछले दो साल से चल रहे एक गिरोह ने प्रशासन को हैरान कर दिया है.

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मोहनलालगंज के ज्योति नगर इलाके का मामला सबसे चौंकाने वाला है. यहां एक रिहैबिलिटेशन सेंटर के पास ईसाई संस्था इलाज के नाम पर काम करती है. बताया जाता है कि यहां कुष्ठ रोगियों का इलाज किया जाता है और मरीजों को ज्योति नगर में ही बसाया जाता है. यहां अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं, लेकिन दिखने वाला प्रार्थना स्थल सिर्फ ईसाई धर्म का है. यही से धीरे-धीरे धर्मांतरण की परतें खुलनी शुरू हुईं.

इस पूरे जाल का सिरा मैथ्यूज नामक शख्स से जुड़ता है. असल में मलखान नाम का यह व्यक्ति धर्म बदलकर मैथ्यूज बना. उस पर आरोप है कि इलाज और चमत्कार के नाम पर हिंदुओं को अपने जाल में फंसा रहा है. जांच पड़ताल में सामने आया कि महिलाएं तक अब सिंदूर लगाना छोड़ चुकी हैं. जय श्रीराम की जगह जय मसीह कह रही हैं. गांव की बस्तियों में हिंदुओं के ईसाई बनने का दावा बड़ा सवाल खड़ा करता है.

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आजतक की टीम ने लखनऊ के पास निगोहां में भी इस खेल की परतें खोली हैं. यहां खेतों के बीच बने एक हॉल में प्रार्थना सभा चलती दिखी. लेकिन ये कोई सामान्य भजन कीर्तन नहीं था. यहां बाइबल पढ़ाई जा रही थी और इलाज के नाम पर ग्रामीणों का मन परिवर्तन कराया जा रहा था. दावा है कि मैथ्यूज नाम का यही व्यक्ति निगोहां में लंबे वक्त से सक्रिय रहा है. धर्म परिवर्तन का सबसे अहम जरिया रहा है.

यही नहीं इन प्रार्थना सभाओं में शामिल होने वाले ग्रामीण खुद चमत्कार की कहानियां सुनाने लगे. महिलाएं कहती हैं कि मैथ्यूज की प्रार्थना सभा में जाने के बाद उनकी बीमारियां ठीक हो गईं. कई हिंदू महिलाएं खुद स्वीकार करती हैं कि अब वे सिंदूर नहीं लगातीं और ईसाई धर्म मानने लगी हैं. इतना ही नहीं, जय श्रीराम की जगह जय मसीह कहना गांव के लोगों में सामान्य चलन बनता जा रहा है.

लखनऊ से महज 45 मिनट की दूरी पर इन सभाओं में केरल से भी लोग प्रार्थना कराने आते हैं. महिलाएं कहती हैं कि ईसा मसीह सब चंगा कर देते हैं. इलाज का चमत्कार दिखाकर धर्मांतरण की ओर धकेला जा रहा है. पुलिस ने अब मलखान उर्फ मैथ्यूज को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन दावा है कि ऐसे धर्मस्थलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. मोहनलालगंज, नगराम, निगोहां और गोसाईगंज भी गिरफ्त में आ रहे हैं. 

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चंगाई सभा यानी प्रार्थना से इलाज की सभा धीरे-धीरे धर्म बदलने का बड़ा हथियार बन रही है. सवाल है कि जब छांगुर बाबा जैसे बड़े रैकेट पर शिकंजा कसा गया, तो लखनऊ के पास ही मैथ्यूज जैसे लोग इतने लंबे समय तक सक्रिय कैसे रहे? धर्म की आड़ में इलाज का चमत्कार और इलाज की आड़ में धर्मांतरण! यही वो खेल है जिसने राजधानी के दरवाजे पर खड़े होकर पूरे सिस्टम को चुनौती दी है.

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