दिल्ली पुलिस की K-9 यूनिट का सुपर स्निफर डॉग अमरो एक बार फिर सुर्खियों में है. अपनी सूंघने की गजब ताकत से उसने दो अलग-अलग ऑपरेशन में करीब 3.15 किलो चरस बरामद करवाई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 1.2 करोड़ रुपए बताई जा रही है. पुलिस ने हिमाचल प्रदेश के एक कपल समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
दिल्ली पुलिस की टीम ने 22 अक्टूबर को मुखबिर की सूचना पर मुकुंदपुर चौक के पास एक कार को रोका. थोड़ी देर पीछा करने के बाद जब गाड़ी को पकड़ा गया और तलाशी ली गई, तो शुरुआत में कोई अवैध सामान नहीं मिला. लेकिन जब शक गहराया, तो पुलिस ने मदद के लिए K-9 यूनिट डॉग स्क्वॉयड को बुलाया. इस यूनिट का सदस्य अमरो ने कार के अंदर सूंघना शुरू किया.
उसने एक छिपे हुए कम्पार्टमेंट की ओर संकेत किया. अमरो ने गाड़ी के डैशबोर्ड के पीछे बने उस सीक्रेट चैम्बर को पकड़ लिया, जहां 2.06 किलोग्राम हाई-क्वालिटी हशीश छिपाई गई थी. यह कम्पार्टमेंट विशेष तौर पर इस तरह बनाया गया था कि बाहरी जांच में कुछ न मिले. पुलिस ने मौके से चुन्नी लाल और उसकी पत्नी को गिरफ्तार किया. दोनों हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के रहने वाले हैं.
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि चुन्नी लाल पहले से ही NDPS एक्ट के एक पुराने केस में 10 साल की सजा काट चुका है. साल 2023 में जेल से रिहा होने के बाद उसने फिर से नशे का धंधा शुरू कर दिया. उसने बताया कि यह खेप उसने हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के प्रकाश चंद से खरीदी थी. दिल्ली पुलिस ने छापेमारी करके 28 अक्टूबर को प्रकाश चंद को भी गिरफ्तार कर लिया.
22 अक्टूबर वाले ऑपरेशन के दो दिन बाद 24 अक्टूबर को पुलिस टीम ने फिर एक बड़ी सफलता हासिल कर ली. इस बार निशाने पर मुंबई का रहने वाला योगेश कोलांबेकर था. पुलिस ने उसे दिल्ली के मुकरबा चौक के पास पकड़ा और तलाशी में उसके पास से 1.09 किलोग्राम चरस बरामद की. पुलिस की जांच में सामने आया कि वो इस खेप को लेकर हिमाचल प्रदेश से मुंबई ले जा रहा था.
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि त्योहारों के मौसम में दिल्ली-NCR और मुंबई में चरस की डिमांड अचानक बढ़ जाती है. इसी मौके का फायदा उठाने के लिए वह यह खेप ला रहा था. शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह चरस हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के जंगलों में नेपाली किसानों से खरीदी गई थी. यह नेटवर्क सीमावर्ती इलाकों से सक्रिय था और त्योहारों के मौसम में इसकी सप्लाई कई शहरों में फैल जाती थी.
इस पूरे ऑपरेशन में पुलिस डॉग अमरो ने निर्णायक भूमिका निभाई. उसकी सूंघने की क्षमता और अलर्टनेस के चलते ही कार में बने सीक्रेट चैम्बर का राज खुला. अमरो की यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की K-9 यूनिट की एक और कामयाबी बन गई है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ''अमरो जैसी ट्रेन्ड डॉग यूनिट्स हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं. इंसानों की नजर जहां नहीं पहुंचती, वहां तक ये सूंघ लेते हैं.''
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