हूती विद्रोहियों का वार, हिजबुल्लाह की ललकार, ICJ से कड़ी फटकार... हमास से जंग के बीच चौतरफा घिरा इजरायल

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने फिलिस्तीनी इलाकों पर इजरायली कब्जे को अवैध बताया है. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने फिलिस्तीनी इलाकों पर इजराइल कब्जे को जल्द से जल्द खत्म करने का आदेश दिया है. दूसरी तरफ इजरायल को अब हमास के साथ यमन के हूति विद्रोहियों का भी सामना करना पड़ रहा है.

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इजरायल-हमास युद्ध (प्रतीकात्मक तस्वीर) इजरायल-हमास युद्ध (प्रतीकात्मक तस्वीर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 3:46 PM IST

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से इजरायल को तगड़ा झटका लगा है. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने अपने ताजा फैसले में कहा है कि इजरायल का फिलिस्तीनी इलाकों पर कई दशकों से अवैध कब्जा है. इसे जल्द से जल्द खत्म किया जाना चाहिए. इजराइल ने 1967 में अरब देशों को हराने के बाद वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया था. कोर्ट ने ये टिप्पणी इन्हीं इलाकों को लेकर की है.

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अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कहा कि इजरायल ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है. फिलिस्तीनियों के अधिकारों को छीन लिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा इजरायल अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है. उसे इन इलाकों पर इतने सालों तक शासन के कारण फिलिस्तीनियों को मुआवजा देना चाहिए. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के पीठासीन न्यायाधीश नवाफ सलाम ने इजरायल को अपना कब्जा छोड़ देना चाहिए.

आईसीजे यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का ये फैसला सिर्फ एक सलाह है. इसे मानने के लिए इजरायल को मजबूर नहीं किया जा सकता. हालांकि संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कोर्ट को शुक्रिया कहा है. वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस फैसले को खारिज कर दिया है. उन्हों कहा कि यहूदी लोगों ने फिलिस्तीनियों की जमीन पर कब्जा नहीं किया है.

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हमास के साथ जंग के बीच अब लेबनान से हिजुबल्ला और यमन से हूति विद्रोही, इजरायल पर हमले कर रहे हैं. शुक्रवार को तेल अवीव में जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई. कम से कम 10 लोग घायल हुए हैं. इस दौरान कई इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है. इस हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद कर दिया गया. इमरजेंसी टीमें मौके पर पहुंचकर राहत बचाव अभियान में जुट गईं.

ये हमला इजरायल में अमेरिकी दूतावास के पास हुआ है. उधर इजरायल ने साफ किया कि हूती विद्रोहियों ने ईरान से बने ड्रोन से हमलों को अंजाम दिया है. हूती विद्रोहियों ने हमले की जिम्मेदारी ले ली है, जो गाजा में इजरायल हमले के खिलाफ हैं. हूति विद्रोहियों ने कई बार इजरायल को गाजा में हमले बंद करने की चेतावनी दी है. इन हमलों से साफ है कि आने वाले दिनों में वो इजरायल के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं.

इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अचानक गाजा में रफाह क्रॉसिंग का दौरा किया और पूरे गाजा-मिस्र सीमा पर इजरायल के नियंत्रण को बनाए रखने की बात कही है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि युद्ध विराम समझौता होने के बाद भी मिस्र और गाजा के सीमा पर मौजूद रफाह क्रासिंग पर इजरायल का नियंत्रण बना रहेगा. उन्होंने जंग लड़ रहे इजरायली सैनिकों से भी मुलाकात की है. 

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प्रधानमंत्री नेतन्याहू की रफाह यात्रा की घोषणा इजरायल के धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गविर के यरूशलम के सबसे संवेदनशील पवित्र स्थल के दौरे के कुछ घंटों बाद की गई. इतामार बेन-गविर का ये यात्रा गाजा में सीजफायर के लिए चल रही वार्ता को पटरी से उतार सकती है. इसके साथ ही नेतन्याहू गाजा पट्टी में ऐसे समय में गए जब वो कुछ दिन बाद ही अमेरिका यात्रा पर जाने वाले हैं.

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