गोवा भूमि घोटाले का मास्टरमाइंड रोहन हरमलकर गिरफ्तार, ED को मिले करोड़ों की हेराफेरी के सबूत

ईडी ने यह जांच गोवा पुलिस की उस FIR के आधार पर शुरू की थी, जिसमें रोहन और अन्य लोगों के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. आरोप था कि आरोपियों ने असली संपत्ति मालिकों को धोखा देने के लिए जाली दस्तावेज बनाए थे.

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ED के छापों के बाद से ही रोहन फरार चल रहा था ED के छापों के बाद से ही रोहन फरार चल रहा था

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 04 जून 2025,
  • अपडेटेड 10:04 PM IST

Goa Land Scam Mastermind Rohan Harmalkar Arresting: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गोवा भूमि घोटाले के मास्टरमाइंड रोहन हरमलकर को 3 जून, 2025 को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत पणजी क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की गई. रोहन पर कई करोड़ों की सरकारी और निजी जमीनों को फर्जीवाड़े से बेचने और जाली दस्तावेजों के ज़रिए धोखाधड़ी करने का आरोप है.

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गिरफ्तारी के बाद रोहन हरमलकर को 4 जून को विशेष पीएमएलए अदालत (मापुसा) में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन के लिए ईडी हिरासत में भेज दिया गया. अब वह 18 जून, 2025 तक ईडी की कस्टडी में रहेगा. इस गिरफ्तारी से गोवा के सबसे हाई-प्रोफाइल भूमि घोटालों में से एक की परतें खुलने लगी हैं.

ईडी ने यह जांच गोवा पुलिस की उस FIR के आधार पर शुरू की थी, जिसमें रोहन और अन्य लोगों के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. आरोप था कि आरोपियों ने असली संपत्ति मालिकों को धोखा देने के लिए जाली दस्तावेज बनाए, उत्तराधिकारियों का प्रतिरूपण किया और जमीनों की हेराफेरी की.

जांच में सामने आया है कि रोहन हरमलकर इस संगठित घोटाले का प्रमुख चेहरा था. उसने न केवल संपत्तियों के बिक्री विलेखों में हेरफेर की, बल्कि सरकारी रिकॉर्ड्स में भी गड़बड़ी करवा दी. वह नकली स्टांप और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वास्तविक मालिकों की सहमति के बिना संपत्तियों को बेचता रहा.

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24 अप्रैल, 2025 को ईडी की छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में जाली दस्तावेज मिले थे. ये दस्तावेज गोवा के बारदेज़ तालुका में अंजुना, अरपोरा और असगाओ जैसे पर्यटन क्षेत्रों में कई एकड़ जमीन के फर्जी हस्तांतरण से जुड़े थे. ये इलाके उच्च मूल्य की प्रॉपर्टी के लिए प्रसिद्ध हैं, और यहीं सबसे ज्यादा धोखाधड़ी की गई.

जांच में यह भी सामने आया कि रोहन ने खुद को जमीनों का उत्तराधिकारी बताकर अवैध रजिस्ट्री करवाई. इन दस्तावेजों का उपयोग कर करोड़ों की संपत्तियां बेची गईं, जिससे असली मालिकों को न केवल आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि वे कानूनी लड़ाइयों में भी उलझ गए.

उस छापे की कार्रवाई के बाद से रोहन हरमलकर फरार था, लेकिन आखिरकार 3 जून को उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अब ईडी यह पता लगाने में जुटी है कि इस घोटाले में और कितने लोग शामिल हैं, और क्या इसमें राजनीतिक या सरकारी संरक्षण भी मिला था.

फिलहाल रोहन की गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि गोवा जैसे पर्यटन राज्य में जमीनों की खरीद-फरोख्त किस हद तक अवैध गतिविधियों से प्रभावित है. ईडी इस पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने के लिए आगे की जांच कर रही है.

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