दिल्ली पुलिस ने राजधानी को दहलाने वाली एक खतरनाक गैंगवार की साजिश को नाकाम कर दिया है. दिल्ली के बवाना इलाके में पुलिस की दबिश के बाद नवीन बाली गैंग के तीन शूटरों को हथियारों और भारी मात्रा में कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया गया. पुलिस का दावा है कि ये आरोपी अपने विरोधी राजेश बवानिया गैंग के खिलाफ किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में थे. तीनों से पूछताछ की जा रही है.
डीसीपी (बाहरी उत्तर) हरेश्वर ने बताया कि बवाना स्थित एक होटल के बाहर संदिग्ध अवस्था में एक बाइक लंबे खड़ी दिखी. पुलिस ने जब इसकी गहन जांच की तो सामने आया कि होटल में तीन युवक लगातार तीन दिनों से ठहरे हुए हैं. शक गहराने पर पुलिस ने होटल के कमरे की तलाशी ली, जहां से तीनों को संदिग्ध परिस्थितियों में दबोच लिया गया. उनके पास से एक पिस्तौल और 11 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए.
गिरफ्तार शूटरों की पहचान पूठ खुर्द निवासी अंजार आलम (20) और रितिक (20) और गुरदासपुर निवासी राजेश कुमार उर्फ सरदार (28) के तौर पर हुई है. पुलिस ने बताया कि अंजार आलम की निशानदेही पर आगे की कार्रवाई में एक और पिस्तौल, दो मैगजीन और 13 जिंदा कारतूस भी मिले. शुरुआती जांच में साफ हुआ है कि यह तीनों नवीन बाली गैंग से जुड़े हुए हैं. राजेश बवानिया गैंग के खिलाफ साजिश रच रहे थे.
पहले से तय थीं तीनों शूटरों की भूमिकाएं
डीसीपी ने बताया कि साल 2023 में नवीन बाली गैंग के सदस्य अजय उर्फ बहादुर और इसी साल जनवरी में धर्मवीर उर्फ बिल्लू की हत्या हुई थी. इस का आरोप राजेश बवानिया गैंग पर लगा था. इसके बदले के लिए साजिश रची जा रही थी. इस साजिश में तीनों शूटरों की भूमिकाएं पहले से तय थीं. इसमें रितिक को टारगेट की रेकी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जबकि अंजार और राजेश को हत्या को अंजाम देना था.
गैंगस्टर हिमांशु भाऊ के संपर्क में थे शूटर
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि तीनों आरोपी विदेश में छिपे गैंग के सरगना हिमांशु भाऊ के लगातार संपर्क में थे. हिमांशु ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए 70 हजार रुपए एडवांस भेजे थे. पुलिस ने छापेमारी में तीनों आरोपियों के मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं, जिनमें कई आपत्तिजनक चैट और बातचीत के सबूत हैं. वो बाइक भी बरामद की गई है, जिसका इस्तेमाल रेकी के लिए किया जा रहा था.
दिल्ली में होने वाली थी एक बड़ी गैंगवार
फिलहाल पुलिस की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि आरोपियों का कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. हालांकि पुलिस अब इनके बड़े नेटवर्क और अन्य संपर्कों की गहन पड़ताल कर रही है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई ने दिल्ली में होने वाली एक बड़ी गैंगवार को टाल दिया है. बवाना थाने में केस दर्ज कर लिया गया है और बाकी साजिशकर्ताओं की तलाश में छापेमारी की जा रही है.
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