दिल्ली पुलिस की मेट्रो इकाई ने शनिवार को राजधानी में मोबाइल चोरी के खिलाफ बड़े अभियान की शुरुआत की है. 'मिशन रीकनेक्ट 2.0: आपके फोन की घर वापसी की यात्रा' के नाम से शुरू की गई इस मुहिम का मकसद चोरी या गुम हुए मोबाइल फोन को उनके असली मालिकों तक वापस पहुंचाना है. इसके जरिए मेट्रो पुलिस ने 350 से ज्यादा मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनकी कीमत 50 लाख रुपए आंकी गई है.
चोरी या गुम हुए ये मोबाइल फोन अबतक अलग-अलग राज्यों तक पहुंच चुके थे, जिन्हें तकनीकी और जमीनी रणनीति के जरिए बरामद किया गया. इस विशेष अभियान का औपचारिक शुभारंभ कश्मीरी गेट स्थित मेट्रो पुलिस कार्यालय परिसर में हुआ. यहां वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में लगभग 80 शिकायतकर्ताओं को उनके बरामद फोन वापस सौंपे गए. इस अवसर पर पीड़ितों में फोन की वापसी का सुकून झलक रहा था.
दिल्ली मेट्रो में दर्ज होने वाले अपराधों की बात करें तो लगभग 87 फीसदी मामले मोबाइल चोरी के होते हैं. पुलिस के अनुसार, ये अपराध अक्सर ऐसे संगठित नेटवर्क से जुड़े होते हैं, जो मोबाइल उपकरणों को राज्य की सीमाओं के पार पहुंचा देते हैं और फिर अवैध बाजारों में बेचते हैं. इसी चुनौती से निपटने के लिए मेट्रो पुलिस ने पांच समर्पित टीमें गठित की हैं, जो कई तरह की आधुनिक तकनीकों से लैस हैं.
इनमें से एक तकनीकी इकाई केंद्रीय उपकरण पहचान रजिस्टर (सीईआईआर) का उपयोग कर उपकरणों को ट्रैक करती है. एक क्षेत्रीय इकाई अपराधियों तक पहुंचने और उनकी गतिविधियों पर नजर रखने का काम करती है. तीसरी इकाई नोडल अधिकारी की है, जो राज्य पुलिस के साथ समन्वय स्थापित करती है. चौथी इकाई अदालती प्रक्रियाओं को सरल बनाती है, ताकि कानूनी कार्यवाही तेजी से पूरी हो सके.
पांचवीं इकाई यानी पुन: कनेक्टिंग इकाई, बरामद फोन को थानों या सीधे मालिकों के घरों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संभालती है. इस पहल की निगरानी दिल्ली पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा खुद कर रहे हैं, जबकि विशेष पुलिस आयुक्त रॉबिन हिबू इसके संचालन का मार्गदर्शन कर रहे हैं. उनके निर्देशन में टीमें अबतक 15 से अधिक राज्यों की यात्रा कर चुकी हैं, ताकि चोरी हुए उपकरणों का पता लगाया जा सके.
aajtak.in