41 गवाह, 400 पन्नों की चार्जशीट और इंसाफ... चाकू घोंपकर किया था छात्रा का मर्डर, अब मिली सजा-ए-मौत

यह वारदात 21 अगस्त, 2021 की है. जब नंदिता सैकिया नामक एक महिला अपने एक दोस्त और उसके पिता के साथ मोरिधोल कॉलेज से घर लौट रही थी, तभी उसी कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रिंटू सरमा ने तीनों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था.

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अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है (फोटो-ITG) अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई है (फोटो-ITG)

aajtak.in

  • धेमाजी,
  • 21 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST

असम के धेमाजी में एक शख्स ने चार साल पहले एक लड़की को बेरहमी के साथ कत्ल कर दिया था. उस लड़की का कुसूर सिर्फ इतना था कि उसने उस शख्स की ओर से मिले शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. अब उसी मामले में अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा-ए-मौत सुनाई है.  

जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश अजय फगलू ने बुधवार को आरोपी को भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद यह सजा सुनाई, जिनमें धारा 302 (हत्या के लिए दंड), धारा 307 (हत्या का प्रयास) और धारा 324 (खतरनाक हथियारों या साधनों से जानबूझकर चोट पहुंचाना) शामिल है.

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यह वारदात 21 अगस्त, 2021 की है. जब नंदिता सैकिया नामक एक महिला अपने एक दोस्त और उसके पिता के साथ मोरिधोल कॉलेज से घर लौट रही थी, तभी उसी कॉलेज में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रिंटू सरमा ने तीनों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नंदिता पर चाकू से कई वार किए गए थे. हमले के बाद उन तीनों को वहां एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. नंदिता की चोटें गंभीर थीं और उसे डिब्रूगढ़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पांच दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई.

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के आलोक में, (जिला एवं सत्र) न्यायालय का यह मत है कि यह मामला निश्चित रूप से दुर्लभतम की श्रेणी में आता है और यदि आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, तो यह अपर्याप्त होगा और न्याय के उद्देश्यों को पूरा नहीं करेगा.

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न्यायाधीश ने आदेश दिया, 'तदनुसार, दोषी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या के अपराध के लिए मृत्युदंड दिया जाता है और उसे मृत्यु तक फांसी पर लटकाया जाएगा.' मृत्युदंड के अलावा, अदालत ने विभिन्न आरोपों के तहत एक साथ चलने वाली कई सजाएं भी सुनाईं.

आरोपी रिंटू शर्मा को धारा 307 के तहत 10 साल के कठोर कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई. अगर वह जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे छह महीने का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा.

भारतीय दंड संहिता की धारा 324 के तहत, न्यायाधीश ने दोषी को तीन साल के कठोर कारावास और 5,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई और जुर्माना न भरने पर उसे तीन साल और कारावास की सजा काटनी होगी. 

अदालत ने फैसला सुनाने से पहले 41 गवाहों की सुनवाई की और उनसे पूछताछ की. पुलिस ने अदालत में 400 पन्नों का आरोपपत्र पेश किया था.

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