उत्तराखंड की अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने पूरी प्लानिंग के तहत वारदात को अंजाम देने की कोशिश की थी. आज तक/इंडिया टुडे ने अंकिता के दोस्त पुष्प और मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के बीच हुई बातचीत की ऑडियो का खुलासा किया था, जिसमें पुलकित लगातार पुष्प को गुमराह कर रहा था. अब दो और आरोपियों की ऑडियो सामने आई है.
पहले ऑडियो में आरोपी अंकित की अंकिता के दोस्त से बातचीत हो रही है. यह बातचीत हत्याकांड के तकरीबन एक घंटे बाद हुई है. अंकिता का फोन बंद हो गया था, इसलिए उसका दोस्त पुष्प परेशान हो रहा था और कहीं न कहीं पुष्प को शक भी हो गया था.
इस ऑडियो में पुष्प अंकित से पूछता है कि आपको कुछ तो पता होगा न, कब गए हैं कब नहीं गए? इस पर अंकित बोलता है कि भैया मैं यहां बैठा थोड़े था न देखने के लिए. इसके बाद पुष्प पूछता है कि एक बात बताओ, जब आप लोग साथ में रात को गए तो क्या उसके बाद अंकिता वापस आई थी? इस पर आरोपी अंकित ने जवाब दिया कि वो आई थी, जरूर आई थी.
इसके बाद पुष्प ने पूछा कि क्या अंकिता ने खाना खाया था? इस पर अंकित जवाब देता है कि हां मैंने खाना भी दिया था उन्हें, लेकिन खाया था कि नहीं, ये मैं नहीं बता सकता. इसके बाद पुष्प ने अंकित से पूछा कि इसका मतलब अंकिता सुबह ही निकली है, अगर निकली है तो? इस पर अंकित जवाब देता है कि पता नहीं मेरा खुद दिमाग खराब हो रहा है, हम लोग सुबह से यही सोच रहे हैं.
इसके बाद पुष्प कहता है कि अगर कोई भी बंदा शामिल हुआ न स्टाफ में से तो अच्छा नहीं होगा. इस पर अंकित ने कहा कि मैंने पूछा, मैं चाहता हूं पता लग जाए. इसके बाद अंकित पुष्प से पूछता है कि आपके साथ है तो आप बता दो.
साक्ष्य मिटाने की बात गलत, टीम के साथ जाकर सबूत कर लिए थे सुरक्षितः एएसपी
पौड़ी एएसपी शेखर सुयाल ने अपने एक बयान में कहा है कि कई मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अंकिता हत्याकांड में साक्ष्य मिटाए गए हैं. मैं बताना चाहता हूं कि हम खुद 22 सितंबर को रिजॉर्ट गए थे, जहां हमने वीडियोग्राफी की थी. इसके बाद 23 सितंबर की सुबह फोरेंसिक टीम ने जांच की थी और साक्ष्यों को सुरक्षित किया था.
शनिवार की सुबह नहर में मिली थी अंकिता की लाश
बता दें कि 18 सितंबर से लापता अंकिता भंडारी की शनिवार सुबह चिल्ला नहर में लाश मिली थी. उसकी हत्या का आरोप रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता पर लगाया गया है. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
अरविंद ओझा