3 बैंक मैनेजर देते थे साइबर ठगों को जानकारी... फिर दोस्त बनकर लोगों को बनाते थे शिकार, 4 गिरफ्तार

गुरुग्राम की साइबर क्राइम यूनिट ने 3 बैंक मैनेजर समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि तीनों बैंक मैनेजर मेवात में साइबर ठगी के सरगना से मिले थे. वे लगातार साइबर ठग के संपर्क में रहकर उसे साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे. इसके बदले साइबर ठग से 15 से 20 हजार रुपए प्रति बैंक खाता उपलब्ध कराने के लेते थे.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

नीरज वशिष्ठ

  • गुरुग्राम,
  • 27 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:53 PM IST

हरियाणा के गुरुग्राम की साइबर क्राइम यूनिट ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. खास बात यह है कि आरोपियों में से तीन आरोपी कोटक महिंद्रा बैंक में मैनेजर और असिस्टेंट मैनेजर के तौर पर कार्यरत थे. बीते 7 महीनों में आरोपियों ने कोटक महिंद्रा बैंक में 2000 खाते खोलकर साइबर फ्रॉड की वारदात को अंजाम दिया है. 

साइबर क्राइम यूनिट के एसीपी प्रियांशु दिवान ने बताया कि 18 नवंबर 2023 को एक शख्स ने शिकायत दी कि उसके फोन पर एक कॉल आई और फोन करने वाले ने अपने को उसका दोस्त देवेंद्र बताया. फिर उसने बेटे को इलाज के लिए 10 हजार रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा और उसने यूपीआई आईडी भेजी. दोस्त के बेटे की हालत खराब समझ कर उसने भेजे गए बैंक अकाउंट में 10 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए.

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पीड़ित ने अपने दोस्त देवेंद्र को फोन किया फिर...

कुछ देर बाद पीड़ित ने अपने दोस्त देवेंद्र को फोन किया, तो पता चला कि उसने तो कोई फोन नहीं किया है. न ही कोई पैसे की मांग की है. किसी ने धोखे से रुपए ट्रांसफर कराकर उसके साथ ठगी की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर क्राइम की टीम ने जांच शुरू की. जांच के दौरान टीम ने बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले 4 आरोपियों को काबू करने में सफलता हासिल की.

तीनों आरोपी बैंक में थे मैनेजर

आरोपियों की पहचान मोहित राठी, महेश कुमार, विश्वकर्मा मौर्य और हयात के रूप में हुई. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि मोहित राठी (असिस्टेन्ट मैनेजर), महेश कुमार (डिप्टी मैनेजर) और विश्वकर्मा मौर्या (डिप्टी मैनेजर) तीनों कोटेक महिंद्रा बैंक शाखा एमजी रोड में कार्यरत थे. तीनों आरोपी हयात के माध्यम से मेवात में साइबर ठगी के सरगना से मिले थे.

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'साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे'

वे लगातार साइबर ठग के संपर्क में रहकर उसे साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे. इसके बदले साइबर ठग से 15 से 20 हजार रुपए प्रति बैंक खाता उपलब्ध कराने के लेते थे. पहले यह हयात के माध्यम से साइबर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे और अभी वर्तमान में साइबर ठगों से उनका सीधा संपर्क था.

पुलिस मामले में कर रही है जांच

पीड़ित से साईबर ठग द्वारा जिस बैंक खाते में रुपए ट्रान्सफर कराए थे वो बैंक खाता भी आरोपियों द्वारा ही खोला गया था. आरोपी मोहित राठी, महेश कुमार और विश्वकर्मा मौर्या पिछले करीब 7 महीने से कोटेक महिंद्रा बैंक में नौकरी कर रहे थे. इस दौरान वे करीब 2 हजार बैंक खाते खोल चुके थे. क्या यह सभी बैंक खाते फ्रॉड करने के लिए इस्तेमाल हुए हैं या नहीं इस संबंध जांच की जा रही है.

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